गोल्ड कहानी
गोल्ड एक बॉलीवुड ड्रामा फिल्म है,जो स्वतंत्र भारत को ओलंपिक में मिले पहले गोल्ड मेडल की कहानी को दर्शाती है। फिल्म में अक्षय कुमार संग टीवी एक्ट्रेस मौनी रॉय, कुणाल कपूर, आमित साध, विनीत कुमार सिंह मुख्य भूमिका में दिखाई देंगे।
फिल्म की कहानी
गोल्ड की शुरूआत होती है 1936 में बर्लिन में। और आपकी जानकारी के लिए अक्षय कुमार इस फिल्म के स्टार हॉकी खिलाड़ी नहीं है। जब फिल्म में हॉकी टीम के लड़के, ब्रिटिश भारत के लिए मैच जीतते हैं और पोडियम पर खड़े होकर अपना मेडल लेते हैं, एक किनारे अपने देश का झंडा लिए तपन खड़ा होता है। और तपन दास एक वादा करता है खुद से - आज़ाद भारत के लिए गोल्ड मेडल जीतने का। तपन दास, ब्रिटिश भारत की हॉकी टीम का मैनेजर। और ऐसा ही सपना तपन के साथ देखते हैं टीम के दो और खिलाड़ी - मैच का स्टार, और टीम का कप्तान - सम्राट (कुणाल कपूर) और इम्तियाज़ (विनीत सिंह)।
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ओलंपिक्स की संभावनाएं कम दिखती हैं और भारत, आज़ादी पाने के काफी कपीब पहुंच चुका होता है। तपन ने नशे और धोखाधड़ी में सुकून पाना सीख लिया होता है। लेकिन फिर 1948 में ओलंपिक्स का एलान होता है और तपन को चाहिए था मौका, अंग्रेज़ों से बदला लेने का। इसलिए तपन, अंग्रेज़ों की धरती पर उन्हें फछाड़ कर, गोल्ड जीत कर वहां अपना तिरंगा लहराने का सपना देखता है। और इस सपने को पूरा करने की कीमत है जो आसाना नहीं है। लेकिन तपन ने भी ठान ली है - हम एक पागल बंगाली है, हम हॉकी से प्यार करता है, अपना देश से प्यार करता है।
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