कमांडो 3 कहानी
कमांडो 3 फिल्म धर्म के नाम पर हो रहे आतंकवाद के खिलाफ छिड़ी एक मुहिम की कहानी है। हिंदू- मुस्लिम बगावत, धर्म परिवर्तन, देश को खत्म कर देने की धमकी, फर्जी पार्सपोर्ट, दूर कहीं छिपा बैठा आतंकवादी, देशभक्ति.. फिल्म में सबकुछ है।
बुराक अंसारी (गुलशन देवैया) एक मास्टरमाइंड है, जो लंदन में बैठकर भी वीडियो टेप के जरीए भारत के युवाओं का ब्रेनवॉश कर रहा है। भारत के ऊपर बड़े आतंकवादी हमले का साया है। ऐसे में भारत सरकार अपने सर्वश्रेष्ठ कमांडो करणवीर सिंह डोगरा (विद्युत जामवाल) और एनकाउंटर स्पेशलिस्ट भावना रेड्डी (अदा शर्मा) को लंदन जाकर आतंकवादी को ढूढ़कर लाने की जिम्मेदारी देती है। लंदन में इनका संपर्क बनता है ब्रिटिशन इंटेलिजेंस की मल्लिका सूद (अंगिरा धार) और अरमान (सुमित ठाकुर) से। यहां से शुरु होता है चूहे- बिल्ली का खेल। एक ओर जहां भारतीय एजेंट बुराक को पकड़ना चाहते हैं, वहीं उनकी हर कदम पर पहले से ही बुराक की नजर है। ऐसे में चारों किस तरह से मास्टरमाइंड तक पहुंचते हैं और भारत में होने वाले हमले को रोक पाते हैं, यही है फिल्म की कहानी।
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