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    ये फगली फगली क्या है ये फगली फगली- फिल्म रिव्यू

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    स्टार- 2
    निर्माता- अश्वनि यार्डी, अल्का भाटिया, अक्षय कुमार
    निर्देशक- कबीर सदानंद
    कलाकार- मोहित मारवा, कियारा आडवाणी, विजेंद्र सिंह, आरिफ लांबा
    संगीत- यो यो हनी सिंह

    हालांकि ये फिल्म का गाना है, लेकिन फिल्म देखने के बाद शायद आपको महसूस हो कि असल में पूरी फिल्म का सार तो इसी गाने में ही है। फिल्म में सारे मसाले डालने के चक्कर में निर्देशक शायद इतना कंफ्यूज हो गये कि उन्हें समझ ही नहीं आया कि कहां पर कौन सा मसाला डालना है। बॉक्स ऑफिस पर आजकल ऐसी कई फिल्में आती हैं और चली जाती हैं, जब तक फिल्म की कहानी में कुछ अलग सी बात ना हो, या किरदार दर्शकों को खुद से जोड़ने में कामयाब ना हों तब तक कोई भी फिल्म सिल्वर स्क्रीन पर टिक नहीं पाती। फगली की कहानी से लेकर किरदारों तक मे वो बात ही नहीं जो दर्शकों को सीट पर बैठे रहने को मजबूर करे। हालांकि फिल्म का विषय काफी मजबूत है जिसमें देश में लड़कियों के साथ ईव टीजिंग की बढ़ रही घटनाओं पर रौशनी डाली गयी है।

    कहानी- फगली की कहानी है चार दोस्तों की जिनके नाम हैं- गौरव(विजेंद्र सिंह), आदित्य(आरिफ लांबा), देव(मोहित मारवा) और देवी(कियारा आडवाणी)। चारों बचपन के दोस्त हैं। देवी को भारत में लड़कियों के साथ होने वाली ईव टीजिंग से नफरत सी है। जब भी कोई उसे छेड़ने की कोशिश करता है तो वो बहुत ही गुस्से में उसे जवाब देती है जिसकी उसे व उसके दोस्तों को भारी कीमत उठानी पड़ती है। एक दिन एक दुकानदार, नुन्नू देवी को छेड़ता है और देवी उसे थप्पड़ मार देती है। देवी के गुस्से को देख देव भी नुन्नू को सबक सिखाने को निकल पड़ता है चारों दोस्त नुन्नू को मारने जाते हैं और उसे गाड़ी की डिक्की में बंद करके परेशान करने की सोचते हैं।

    इसी समय उनका सामना होता है पुलिस इंस्पेक्ट चौटाला (जिमी शेरगिल) से जो कि दारू के नशे में है। गौरव जो कि बडे़ नेता का बेटा है हमेशा ही इन पुलिस वालों को अपना रौब दिखाता फिरता है इस बार भी चौटाला का अपने बाप की धौंस देता है लेकिन चौटाला इन चारों को कुछ इस तरह से खून के इल्जाम में फंसा देता है कि चारों चौटाला के चंगुल में फंसते चले जाते हैं। चौटाला इन्हें जेल से बचाने के लिए बार बार पैसों का मांग करता है और कभी इनसे कुछ गैरकानूनी काम भी करवाता है और ये चारों डर के मारे चौटाला का हर कहना मानते जाते हैं।

    चौटाला से बचने के लिए इन्हें कितनी भारी कीमत चुकानी पडती है और चौटाला से बदला लेने के लिए देव कौन सा बड़ा कदम उठाता है ये जानने के लिए आपको फगली देखनी होगी। फिल्म का विस्तार से रिव्यू इस तरह है-

    English summary
    Fugly movie is based on very sensitive topic of eve teasing. Director Kabir Sadanand tried his best to show how women in India are still struggling with this torture. Based on this serious topic Fugly fails to impress an audience.
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