तमाशा (2015)(U/A)
Release date
27 Nov 2015
genre
तमाशा कहानी
'तमाशा' आने वाली महत्वपूर्ण फिल्मों में से एक हैा यह एक यात्रा पर आधारित फिल्म हैा फिल्म में रनबीर कपूर और दीपिका पादुकोण मुख्य भूमिका में हैंा लंबे समय बाद एक्स बॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड रहे रनबीर और दीपिका की जोड़ी को दर्शक एक बार फिर बड़े पर्दे पर देख सकेंगेा इम्तियाज अली फिल्म के निर्देशक हैंा फिल्म को लेकर लोगों में काफी उत्साह हैा
तमाशा कहानी
फिल्म की कहानी रणबीर कपूर यानि वेद की है,जो कहानियों के बीच बड़ा हुआ है। उसका बचपन शिमला में बीता है जहां वह कहानी सुनने के लिए पैसे जमा करता था, यहां तक कि चुराता भी था। रामायण, हेलेन ऑफ ट्रॉय, लैला मजनू,हीर रांझा, अलादीन, रोमियो जूलियट... जैसी कई कहानियां उसने सुनी। छोटे शहर में रहने वाला वेद कहानियों की दुनिया के लिए बना है। कारपोरेट दुनिया की चूहा दौड़ उसके बस की बात नहीं है। '
इसी बीच वह सब छोड़-छाड़ कर बहुत दूर, एक विदेशी टापू पर पहुँच जाता है, जहां उसकी मुलाकात तारा नामक लड़की से होती है और फिर शुरू होती है एक नई कहानी । वेद तारा से कहता है की हमारी कहानी एकदम अलग हो वह एक-दूसरे को कभी नहीं बताएंगे कि वे कौन हैं। अपने बारे में सिर्फ झूठ बोलेंगे। एक द्वीप पर घूमने जाएंगे और वापस आने के बाद दोबारा कभी नहीं मिलेंगे। लेकिन........ वे फिर मिलते हैं।
सवाल यह है कि क्या वे अपनी कहानी को वैसा बना पाते हैं जैसा वे चाहते थे? क्या वेद साधारण अस्तित्व के बंधनों को तोड़, कारपोरेट जगत को छोड़ वैसा बन पाएगा जैसा तारा उसे देखती है। सारी दुनिया वेद और तारा के लिए एक मंच है। शिमला, दिल्ली, कोलकाता, जापान, कोरसिका में उनका नाटक चलेगा। इस तमाशे में उल्लास, क्रोध, छलावा, हंसी, हार और जीत है।
फिल्म की कहानी रणबीर कपूर यानि वेद की है,जो कहानियों के बीच बड़ा हुआ है। उसका बचपन शिमला में बीता है जहां वह कहानी सुनने के लिए पैसे जमा करता था, यहां तक कि चुराता भी था। रामायण, हेलेन ऑफ ट्रॉय, लैला मजनू,हीर रांझा, अलादीन, रोमियो जूलियट... जैसी कई कहानियां उसने सुनी। छोटे शहर में रहने वाला वेद कहानियों की दुनिया के लिए बना है। कारपोरेट दुनिया की चूहा दौड़ उसके बस की बात नहीं है। '
इसी बीच वह सब छोड़-छाड़ कर बहुत दूर, एक विदेशी टापू पर पहुँच जाता है, जहां उसकी मुलाकात तारा नामक लड़की से होती है और फिर शुरू होती है एक नई कहानी । वेद तारा से कहता है की हमारी कहानी एकदम अलग हो वह एक-दूसरे को कभी नहीं बताएंगे कि वे कौन हैं। अपने बारे में सिर्फ झूठ बोलेंगे। एक द्वीप पर घूमने जाएंगे और वापस आने के बाद दोबारा कभी नहीं मिलेंगे। लेकिन........ वे फिर मिलते हैं।
सवाल यह है कि क्या वे अपनी कहानी को वैसा बना पाते हैं जैसा वे चाहते थे? क्या वेद साधारण अस्तित्व के बंधनों को तोड़, कारपोरेट जगत को छोड़ वैसा बन पाएगा जैसा तारा उसे देखती है। सारी दुनिया वेद और तारा के लिए एक मंच है। शिमला, दिल्ली, कोलकाता, जापान, कोरसिका में उनका नाटक चलेगा। इस तमाशे में उल्लास, क्रोध, छलावा, हंसी, हार और जीत है।
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