नो फादर्स इन कश्मीर (2019)(U/A)
Release date
05 Apr 2019
genre
नो फादर्स इन कश्मीर कहानी
नो फादर इन कश्मीर एक बॉलीवुड ड्रामा है। जिसका निर्देशन अश्विन कुमार ने किया है। फिल्म में सोनी राजदान, अंशुमन झा, कुलभूषण खरबंदा आदि मुख्य भूमिका में हैं।
मुख्य कहानी:
फिल्म नो फादर्स इन कश्मीर की कहानी एक 16 साल की कश्मीरी लड़की और उसके खोये हुए पिता को लेकर है। नूर (ज़ारा वेब) एक 16 साल की लड़की है जो अपनी मां (नताशा मागो) के साथ लंदन में रह रही होती है। तभी वह अपनी मां और अपने होने वाले सौतेले पिता के साथ अपने होम टाउन कश्मीर आती है नूर को अभी तक यह पता था कि उसके अब्बा उसे और उसकी मां को बचपन में ही छोड़कर चले गये थे लेकिन कश्मीर पहुंचने पर उसे उसकी दादी (सोनी राजदान) के माध्यम से पता चलता है कि उसके पिता उसे छोड़कर नहीं गये बल्कि वह गायब हो गये थे।
इसी बीच उसकी मुलाकात उसके हमउम्र माजि़द (शिवम रैना) से होती है वह भी इन्ही परिस्थितियों से गुज़र रहा होता है क्योंकि उसके भी अब्बा इसी तरह रहस्यमय ढंग से गायब हैं। दोनो ही मिलकर अपने अब्बा के वजूद को ढूढ़ने की कोशिश करते हैं। इसी क्रम में उनकी मुलाकात दोनों के अब्बा के कॉमन दोस्त अर्शिद (अश्विन कुमार) से होती है। जो उन्हें उनके पिता के गायब होने के अन्य कारणों से अवगत कराते हैं
अपने अब्बा को तलाशते हुए नूर को कश्मीर के कई कड़वे सच का भी सामना करना पड़ता है। जहां उसे अहसास होता है कि कश्मीर के गायब हुए मर्दों के कारण वहां के औरतों और उनके बच्चों की हालत बहुत ही दयनीय हो चुकी है। औरतों की हालात न तो विधवा जैसी है और न ही सधवा जैसी। वह कश्मीरी लोगों की रोटी के जुगाड़ की मजबूरी से भी गुजरती है। इस लड़ाई में नूर और माजिद साथ होते हैं और इसी बीच दोनो एक दूसरे से मोहब्बत करने लगते हैं।
दोनो ही अपने अब्बाज़ान को ढूढ़ते-ढूढ़ते कश्मीर के उस इलाके में पहुंच जाते हैं जहां जाना सेना द्वारा प्रतिबंधित है। हालांकि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं होती है और वे दोनो घाटी के इस रोमांचक सफर का आनंद उठाते हैं एक रात सोने के बाद जब सुबह उनकी आंखें खुलती हैं तो वे पाते हैं कि वे सेना की गिरफ्त में हैं। सेना उन्हें आतंकवादी समझकर प्रताड़ित करती है। नूर के पास ब्रिटिश नागरिकता होती है जिसके कारण वह वहां से निकलने में कामयाब हो जाती है, मगर माजिद वहीं रह जाता है।
नूर यह सोचती है कि क्या वह माजिद को सेना के गिरफ्त से निकाल पायेगी या अपने अब्बा की तरह वह भी हमेशा के लिये अपने लोगों से जुदा हो जायेगा। इसके बाद फिल्म में वह हामिद को निर्दोष साबित करके वहां से निकालने की कोशिश करती है।