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    मुगल-ऐ-आज़म कहानी

    मुगल-ए-आज़म 05 अगस्त, 1960 को रिलीज़ हुई एक हिंदी फ़िल्म है। इस फ़िल्म का निर्देशन के आसिफ ने किया है और इसमें पृथ्वीराज कपूर, दिलीप कुमार और मधुबाला मुख्य किरदारों में हैं।

    कहानी 
    फिल्म की कहानी अकबर और जोधा बाई के बेटे सलीम और नृतकी अनारकली की प्रेम कहानी को दर्शाती है। मुग़ल बादशाह अकबर के द्वारा कनीज़ नादिरा को अनारकली का ख़िताब दिया जाता है। आगे हम फिल्म में देखते है सलीम और अनारकली दोनों ही एक दूसरे के प्रेम में डूब जाते है, जब अकबर को इस बारे में खबर होती है तो अकबर अनारकली को कैद खाने में डलवा देता है, लेकिन सलीम के प्रेम को नाकामयाब करने में हार जाता है। समय बीतता है, अकबर अनारकली को रिहा कर देता है, जिसके बाद सलीम अनारकली से शादी का प्रस्ताव अकबर के सामने रखता है, अकबर नाखुश हो कर इस प्रस्ताव से इंकार कर देता है। जिसके बाद सलीम अपने ही पिता से अपने प्रेम के लिए बगावत करने का फैसला लेता है। अकबर और सलीम में युद्ध होता है, अकबर की सेना द्वारा सलीम पकड़ा जाता है और उसे मौत की सजा सुनाई जाती है। अकबर अनारकली को एक पंख को देकर सलीम को बेहोश करने के लिए कहता है, अनारकली मान जाती है, और वह सलीम को बेहोश कर देती है, जिसके बाद अनारकली और उसकी माँ को उसी रात राज्य से बाहर निकाल दिया जाता है। और जब सलीम होश में आता है तो उसे बताया जाता है, के अनारकली को दीवार में चुनवा दिया गया है। इसी तरह इस फिल्म की कहानी समाप्त हो जाती है। 
     
    यह फिल्म उस ज़माने की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनी थी। इस फिल्म की शूटिंग 9 साल चली थी कहा जाता है इसी दौरान दिलीप कुमार और मधुबाला के प्रेम सम्बन्ध और भी ज्यादा गहरे हो गए थे। 
     
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