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    मिक्की वायरस कहानी

    मिक्की वायरस वर्ष 2013 में आयी एक बॉलीवुड कॉमेडी थ्रिलर फिल्म है, जिसका निर्देशन और लेखन सौरभ वर्मा ने किया है।  फिल्म में मनीष पॉल, एली अवराम , मनीष चौधरी, पूजा गुप्ता, वरुण बडोला मुख्य भूमिका में नजर आये थे।  फिल्म सिनेमाघरों में 25 अक्टूबर 2013 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी।  फिल्म की कहानी कुछ सॉफ्टवेयर हैकर्स पर आधारित है जो कि पैसों के लिए किसी भी हद तक जाते हैं। यहां तक कि किसी की जान लेने से भी पीछे नहीं हटते।

     
    फिल्म की कहानी 
    मिकी वायरस फिल्म में दिल्ली शहर में सॉफ्टवेयर हैकर्स की कहानी दिखाई गयी है। दिल्ली में कुछ हैकर्स ने मिलकर एक गैंग बनाई है जो कि हैकर्स को विदेश से बुलाकर मार रही है। लेकिन पुलिस को ये पता नहीं चल रहा है कि आखिर ये लोग विदेशी हैकर्स को क्यों बुला रहे हैं। विदेश से आने वाले सभी हैकर्स एक एक करके मारे जा रहे हैं। पुलिस को नहीं पता कि कौन इन हैकर्स को इंडिया बुलाकर मार रहा है। इसलिए पुलिस एक हैकर की मदद से इस केस की तह तक जाना चाहती है।  एसीपी सिद्धार्थ और इंसपेक्टर भल्ला मिलकर मिकी वायरस तक पहुंचते हैं जो कि एक बहुत बड़ा हैकर है और उसके अंदर दिल्ली की मस्ती कूट कूटकर भरी है। मिकी पहले तो पुलिस को मना कर देता है उनका काम करने से लेकिन बाद में राजी हो जाता है। मिकी की एक खुद की वेबसाइट है कुंग फू चमेली। जिसके जरिये वो लोगों की मदद करता है। वो लोगों की मदद के लिए तरह तरह की वेबसाइट हैक करता है और उनसे पैसे लेता है। एक दिन मिकी की मुलाकात कामायनी (एली अवराम) से होती है। मिकी पहली ही बार कामायनी को देखकर उससे प्यार कर बैठता है। कामायनी भी मिकी को एहसास कराती है कि वो मिकी से प्यार करती है। कामायनी की मदद के साथ ही मिकी पुलिस की भी मदद करता है और उस गैंग को पकड़वाने की कोशिश करता है जो कि विदेशी हैकर्स को मार रहे हैं। मिकी को लगता है कि कामयानी उससे प्यार करती है। एक दिन कामयानी की मदद करने के चक्कर में मिकी एक बैंक की साइट को हैक करके 99 करोड़ रुपये दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर कर देता है। उसके अगले ही दिन उसे पता चलता है कि किसी राजा के बैंक अकाउँट से 99 करोड़ रुपये हैक करके उन्हीं हैकर्स की गैंग को पैसे दिये गये हैं। मिकी को समझ में आता है कि उसे कामायनी ने यूज किया है। मिकी को अगले ही दिन पुलिस इंसपेक्टर भल्ला कामायनी के घर लेकर जाते हैं जहां जाकर मिकी को पता चलता है कि कामायनी की हत्या हो गयी है। और इस हत्या के पीछे उसी गैंग का हाथ है। मिकी की जान भी इस मर्डर और चोरी के केस में फंस जाती है। मिकी धीरे धीरे कामायनी के मर्डर और साथ ही 99 करोड़ रुपये की चोरी के पीछे मास्टरमाइंड का पता लगाता है। और आखिरकार उसके हाथों वो सारे सबूत लगते हैं जिससे उसे पता चला है कि कामायनी की मौत के पीछे कौन है और साथ ही ये सभी हैकर्स कौन हैं। मिकी को जब ये सब पता चलता है तो वो शॉक्ड रह जाता है।
     
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