बजाते रहो (2013)(U/A)
Release date
26 Jul 2013
genre
बजाते रहो कहानी
बजाते रहो वर्ष 2013 में आई बॉलीवुड कॉमेडी फिल्म है, जिसका निर्देशन शशांत शाह और निर्माण कृषका लूला ने किया है। इस फिल्म में तुषार कपूर, डॉली अहलुवालिया, रणवीर शोरे, विनय पाठक, विशाखा सिंह मुख्य भूमिका में हैं।
फिल्म की कहानी
रवि किशन ने बजाते रहो में एक बड़े धोखेबाज का किरदार निभाया है। फिल्म में रवि किशन दूसरों को धोखे से लूटकर खुद के खजाने में पैसे इकट्टा करता रहता है। रवि किशन के इसी एक बड़े धोखे का शिकार होते हैं मिस्टर बावेजा। रवि किशन मिस्टर बावेजा को कुछ इस तरह से धोखा देकर फंसा देता है कि मिस्टर बावेजा का अटैक से निधन हो जाता है और उसकी असिस्टेंट को जेल जाना पड़ताहै। मिस्टर बावेजा की मौत के बाद सारे देनदार मिसेज बावेजा के पास आते हैं। पुलिस कहती है कि अगर मिसेज बावेजा सभी देनदारों के पैसे जल्द नहीं लौटाती हैं तो उनका घर तक नीलाम करा दिया जाएगा। मिसेज बावेजा तय करती हैं कि वो रवि किशन से बदला लेकर रहेगी और साथ ही वो रवि किशन से ही देनदारों को पैसे भी दिलाएगी। तुषार कपूर मिस्टर बावेजा का बेटा है और वो भी अपनी मां मिसेज बावेजा के साथमिलकर रवि किशन से बदला लेने की ठान लेता है। तुषार एक केबिल सर्विस का ऑफिस चलाता है और उसी दौरान उसकी मुलाकात विशाखा से होती है और दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगते हैं। विशाखा भी तुशार कपूरके साथ मिलकर रवि किशन को धोखा देने में मदद करती है। तुषार कपूर और उसकी मां विनय पाठकर, रणवीर शोरे और विशाखा की मदद से रवि किशन को बरबाद करने की पूरी प्लानिंग करते है और साथ ही रवि किशन की बेटी की शादी के दौरान ही रवि किशन के घर से करोड़ों रुपये निकाल लेते हैं। रवि किशन को धीरे धीरे पता चलता है कि कोई उसका बिजनेस खराब करने पर तुला है। लेकिन क्या रवि किशन इन लोगों की चाल और इनकी प्लानिंग से बच पाता है या फिर उसे ये लोग मिलकर लूट लेते हैं। ये सब जानने के लिेए तो आप अगर सिनेमाहॉल जाएं तो बेहतर होगा लेकिन फिल्म में मजा, कॉमेडी के नाम पर कुछ भी नहीं है।