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    बादशाहो कहानी

    बादशाहों एक बॉलीवुड पीरियड ड्रामा है, जिसका निर्देशन लीलन लुथरिया ने किया है।  फिल्म में अजय देवगन, इमरान हाश्मी, इलियाना डिक्रूज, विद्युत जामवाल,ईशा गुप्ता, संजय मिश्रा मुख्य भूमिका में हैं। फिल्म 1 सितंबर को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। 

    फिल्म की कहानी 
    प्लॉट फिल्म की शुरूआत में रानी गीतांजली (इलियाना डिक्रूज) के परिचय से, जिसके तुरंत बाद 2 साल का लीप दिखाया जाता है। कहानी शुरू होती है रानी के जयपुर स्थित रॉयल मैंशन में बॉम्बिंग से, जिसके बाद इलियाना को इमरजेंसी के वक्त छुपे सोने के बारे में सरकार को खबर नहीं देने के लिए अरेस्ट कर लिया जाता है। जहां एक तरफ गीतांजली जेल में होती हैं। वहीं दूसरी तरफ उसे पता होता है कि उसके पीछे एक शख्स है जो सब संभाल लेगा। वो है गीतांजली का बॉडीगार्ड और लवर भवानी सिंह (अजय देवगन), जिसका पसंदीदा जुमला है 'चार दिन की जिंदगी है और आज चौथा दिन है..ये सोचकर इतने साल निकाल दिए' .. भवानी एक सख्त दिल इंसान है। फिल्म में फ्लैशबेक में भवानी और गीतांजली का रोमांस दिखाने के बाद सामने आता है कि गीतांजली चाहती है कि भवानी उसका शाही सोना लूट ले, जिससे कि वो भ्रष्ट पॉलीटिशियन संजीव के हाथों में जाने से बच जाए। यहां से शुरू होता है भवानी का आखिरी दांव। इसमें भवानी का साथ देता है उसका दोस्त दलिया (इमरान हाशमी)। 'शर्म और मैं तो एक सेंटेंस में नहीं आते'.. दलिया खुद को कुछ इस तरह संजना (ईशा गुप्ता) से इंट्रोड्यूस करता है। संजना इसी गैंग की पार्ट होती है। वहीं इसके बात एंट्री होती है तिकला (संजय मिश्रा) की जो कि एक उम्रदराज, पियक्कड चोर है। चारों, एक साथ मिलकर आर्मी ऑफिसर सेहर (विद्युत जामवाल) से निपटने की कोशिश करते हैं। सेहर को गीतांजली के महल से बरामद हुए सोने को दिल्ली भेजने का काम सौंपा जाता है। जो कि उस आसान काम नहीं है क्योंकि उस इलाके में हर तरफ खतरा, धोखा और विश्वासघात है। वहीं इसी वक्त एक ऐसा ट्विस्ट है जिससे ऑडिएंस ये समझने में इंगेज हो जाती है कि खिलाड़ी कौन है और खेल किसके साथ हो रहा है।

     
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