सुखविंदर सिंह
Born on 18 Jul 1971 (Age 52)
सुखविंदर सिंह जीवनी
सुखविंदर सिंह एक भारतीय पार्श्वगायक हैं जिन्हें मुख्यतः बॉलीवुड में पार्श्वगायन के लिए जाना जाता है। उन्हें छैया छैया गाने से प्रसिद्धि मिली जिसके लिए उन्होंने 1999 फिल्मफेयर पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ पुरुष पार्श्वगायक का पुरस्कार प्रदान किया गया है।
पृष्ठभूमि
सुखविंदर सिंह का जन्म 18 जुलाई 1971 पंजाब के अमृतसर में हुआ था। उन्होंने महज आठ साल की उम्र में में ही स्टेज पर परफॉर्म करना शुरू कर दिया था। उन्होंने अपनी पहली स्टेज परफॉरमेंस स्वर कोकिला लता मंगेशकर के गाने सारे-गा-पा पर दी थी।
फ़िल्मी करियर
सुखविंदर सिंह को उनका पहला फ़िल्मी करियर ब्रेक फिल्म कर्मा से मिला इस फिल्म में उन्होंने सिर्फ चंद लाइनें ही बोली थी। उन्हें अपनी आवाज में वो खनक नहीं मिली जो वो चाहते थे। इसके बाद उन्होंने इंग्लैंड का टूर किया और संगीत के कई फॉर्म्स को जाना। तत्पश्चात उन्होंने मुंबई वापस आकर फिर काम करना शुरू कर किया। उसके बाद उन्होंने डांसिंग डिवा माधुरी दीक्षित की फिल्म खिलाफ के गाने आजा साजन के लिए अपनी आवाज दी। यह गाना सुपरहिट साबित हुआ। इसके बाद तो सुखविंदर नें हिंदी सिनेमा में बैक-टू-बैक हिट सांग्स की लाइन लगा दी।
सुखविंदर और ए-आर रहमान की जोड़ी ने हिंदी सिनेमा में कई हिट गानें दिए। जिनमे फिल्म दिल से का छैंया-छैंया, रमता जोगी, नई मैं समझ गयी, ताल से ताल मिला, रुत आ गयी रे, ये जो जिंदगी है, जाने तू मेरा क्या है, पिया हो और सबसे ज्यादा प्रसिद्धि पाने वाला गाना फिल्म स्लमडॉग मिलेनियर का जय हो भी शामिल है। हिंदी गाने के अलावा इस जोड़ी ने कई हिट तमिल सांग्स भी दिए हैं।
सिंह बॉलीवुड के सर्वश्रेठ गायकों में से एक हैं। जो बॉलीवुड के हर कलाकार की आवाज बने हैं। सिंह ने बॉलीवुड के किंग खान के अब तक के कई सुपरहिट गानों में अपनी आवाज दी है।
अवार्ड्स
सुखविंदर सिंह को पहला फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ मेल प्लेबैक सिंगर का पुरुस्कार फिल्म दिल से के गाने छैंया-छैंया के लिए मिला था। इस फिल्म का संगीत ए आर रहमान ने दिया था। इसके अलावा उन्हें फिल्म रब ने बना दी जोड़ी के गाने हौले-हौले के लिए फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ मेल प्लेबैक सिंगर का पुरुस्कार मिल चुका है। सिंह को साल 2014 में विशाल भरद्वाज निर्देशित फिल्म हैदर के गानों के लिए राष्ट्रीय पुरुस्कार से नवाजा जा चुका है।
प्रसिद्ध गाने
छैंया-छैंया, रमता जोगी, नई मैं समझ गयी, ताल से ताल मिला, रुत आ गयी रे, ये जो जिंदगी है, जाने तू मेरा क्या है, पिया हो, जय हो, तुझ मैं रब दिखता है, हौले-हौले, पिया मिलेंगे, मैं अलबेली, आज मेरा जी करदा, देश मेरे देश, कसम तुमको मेरे वतन, इश्क द मारा, लग्न लगी, माहि वे, साकी-साकी आदि।
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