पंकज उधास
पंकज उधास जीवनी
पंकज उधास एक भारतीय गजल और पार्श्व गायक हैं, जो अपने उम्दा संगीत और गायन के लिए हिंदी सिनेमा में विख्यात हैं। पंकज उधास, जिन्हें "ग़ज़ल के बादशाह" के नाम से भी जाना जाता है, उन्होंने 1980 में "आहत" एल्बम के साथ अपना करियर शुरू किया और "मुकर्रर", "तर्जुमन", "मेहफ़िल", "नयाब", "आफ़रीं" जैसे कई हिट एल्बम रिकॉर्ड किए।
जन्म
भारत के इस प्रसिद्ध ग़ज़ल गायक का उनका जन्म 17 मई 1951 को गुजरात के जेतपुर में हुआ था।
करियर
साल 1980 में आयी "आहत" एल्बम के साथ इन्होनें अपने करियर शुरुवात की और "मुकर्रर", "तर्जुमन", "मेहफ़िल", "नयाब", "आफ़रीं" जैसे कई जबरदस्त हिट एल्बम रिकॉर्ड किए। साल 1986 में, उन्हें फिल्म "नाम" में "चिट्ठी आई है" गाने के लिए प्रसिद्धि मिली, जो एक त्वरित हिट बन गया। इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों के लिए पार्श्व गायन किया।
उन्होंने दुनिया भर में कई एल्बम और लाइव कॉन्सर्ट किए हैं। 2006 में, उन्हें भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया। उनके भाई निर्मल उधास और मनहर उधास भी प्रसिद्ध गायक हैं।
मृत्यु
पंकज उधास की मृत्यु 26 फरवरी 2024 को 73 साल की उम्र में हुई, पंकज उधास के निधन से संगीत जगत में एक बड़ा शून्य पैदा हो गया है। उनके प्रशंसक उन्हें हमेशा याद रखेंगे।
पंकज उधास के बारे में कुछ रोचक तथ्य:
उन्होंने 1984 में रॉयल अल्बर्ट हॉल में प्रदर्शन करने वाले पहले भारतीय गायक होने का गौरव प्राप्त किया।
उन्हें 2001 में फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया था।
उन्हें 2018 में भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से एक पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
उनके कुछ प्रसिद्ध गाने:
चिट्ठी आई है (नाम)
मट कर इतना गरूर (आदमी खिलौना है)
दिल जब से टूट गया (सलामी)
हमने खामोशी से (ये मझधार)
आदमी खिलौना है (II) (आदमी खिलौना है)
ज़िंदगी को गुज़ारने के लिए (जीवन युद्ध)
कहीं तो होगा (मज़बूर)
तेरे बिना ज़िंदगी से कोई (तेरे बिना)
चाँदनी रात है (चाँदनी)
ये दिल और उसकी मोहब्बत (दिल)