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    नगमा जीवनी

    नगमा एक भारतीय फिल्म अभिनेत्रीं हैं। नगमा हिन्दी फिल्मों के अलावा तेलुगू, तमिल, कन्नड़, मलयालम, बंगाली, भोजपुरी, पंजाबी और अब मराठी जैसी भारतीय भाषाओं में विस्तृत रूप से काम करने के लिए उल्लेखनीय रही हैं। 

    पृष्ठभूमि 
    नगमा का जन्म 25 दिसंबर 1974 को मुंबई में हुआ था।  उनके पिता स्वर्गीय श्री अरविंद प्रतापसिंह मोरारजी टेक्सटाइल-जगत के धुरंधर थे।  उनकी माँ का नाम  सीमा सदाना हैं। पासपोर्ट के अनुसार नगमा का असली नाम नंदिता हैं। 

    करियर 
    नगमा नें अपने करियर की शुरुआत सलमान खान के साथ फिल्म बागी से की थी। यह फिल्म उस दौरान बहुत हिट हुई थी.  करिश्मा कपूर के संग, 1994 की सुहाग की प्रमुख नायिकाओं में वे भी थीं, जिसमें अक्षय कुमार और अजय देवगन ने काम किया था। इस आरंभिक सफलता के बावजूद, अपनी सहेली दिव्य भारती के कहने पर वे तेलुगू और तमिल फ़िल्मों में काम करने के लिए दक्षिण भारत चली गईं।  वे दक्षिण में एक बड़ी स्टार बन गईं और 1990 दशक के अधिकांश समय में, कम से कम 1997 तक, चोटी पर बनी रहीं और कथित तौर पर तमिलनाडु में प्रशंसकों ने उनको एक मंदिर समर्पित किया।

    तेलुगू में उनकी प्रमुख हिट फ़िल्मों में शामिल हैं 1993 की चिरंजीवी के साथ घराना मोगुडु, अक्किनेनी नागार्जुन के साथ अल्लरी अल्लुडु और एन. टी. रामराव और मोहन बाबू के साथ मेजर चंद्रकांत।  उनकी मुख्य तमिल हिट फ़िल्में थीं, 1995 में सुपरस्टार रजनीकांत के साथ बाशा और 1994 में प्रभु देवा के साथ कादलन . इस दौर में उनका ज़्यादातर प्रदर्शन ग्लैमर उन्मुख रहा। 

    बरहाल वह अब भोजपुरी सिनेमा की नायिका हैं।  उन्हें वंहा के दर्शक भोजपुरी की माधुरी दीक्षित मानते हैं।  वे विशेष रूप से "बिग बॉस" रियालिटी शो में भाग लेने वाले रवि किशन के साथ सफल रही हैं, जिनके साथ वास्तविक जीवन में उनका रूमानी रिश्ता भी जोड़ा गया। नगमा ने 2005 भोजपुरी फ़िल्म पुरस्कारों में दूल्हा मिलाल दिलदार में अपने प्रदर्शन के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार जीता।  2006 की फ़िल्म गंगा में उन्होंने अमिताभ बच्चन और हेमा मालिनी के साथ गंगा के रूप में अभिनय किया। जब उनसे पूछा गया कि वे क्यों भोजपुरी फ़िल्मों में स्थानांतरित हुई हैं, तो उन्होंने कहा कि "मैं अलग-अलग भाषाओं में फ़िल्में करना चाहती हूं।  मैंने पहले ही 10 भाषाओं की फ़िल्मों में काम किया है। मेरी पहली भोजपुरी फ़िल्म 'पंडित जी बताइना ब्याह कब होली' ज़बरदस्त हिट साबित हुई थी। उसके बाद कई प्रस्ताव मिले और वे इतने अच्छे थे कि उन्हें नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता था" जब अप्रैल, 2007 में द हिंदू अख़बार द्वारा दिल्ली में साक्षात्कार लिया गया, तब उन्होंने यह भी संकेत दिया है कि भोजपुरी फ़िल्मों पर ध्यान केंद्रित करने के फ़ैसले का एक और महत्वपूर्ण कारण, अपने राजनैतिक प्रचार में मदद देने के लिए था।

    2006 में उन्होंने राज बब्बर के साथ एक जिंद एक जान के ज़रिए पंजाबी फ़िल्मों में शुरूआत की.

    सितंबर 2006 में मिड-डे के एक साक्षात्कार में अपने कॅरिअर की चर्चा के दौरान नगमा को यह कहते हुए उद्धृत किया गया: "मैंने नौ भाषाएं सीखी हैं, इसलिए मैं सभी भाषाओं की फ़िल्मों में काम करना चाहती हूं. ... जहां तक हिन्दी फ़िल्मों का मामला है, मैं एक बहुत बड़ी ऐतिहासिक रोमांचक फ़िल्म के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर करने की प्रक्रिया में हूं।  मुझे ठोस क़िस्म की भूमिकाएं करने का मौक़ा मिल रहा है, इसलिए मैं संतुष्ट हूं। मार्च, 2007 में, अपनी वर्तमान कई भोजपुरी फ़िल्मों को पूरा करने की प्रतिबद्धता के बारे में टिप्पणी करते हुए, उन्होंने अपनी मौजूदा परियोजनाओं को पूरा करने के बाद हिन्दी फ़िल्मों में लौटने की दिशा में अपना ध्यान केंद्रित करने का इरादा व्यक्त किया।


    राजनीती करियर 
    भारतीय कांग्रेस पार्टी की एक मुखर समर्थक 2007 में आंध्र प्रदेश राज्य सभा सीट के लिए नगमा की सिफारिश की गई थी।  अप्रैल 2004 के चुनाव के दौरान वे आंध्र प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की एक प्रमुख स्टार प्रचारक थीं। उन्होंने केवल औपचारिक रूप से उसी महीने हैदराबाद में, कांग्रेस पार्टी की 'धर्मनिरपेक्षता और ग़रीब तथा कमजोर वर्गों के कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता' को पार्टी में शामिल होने का कारण बताते हुए, सदस्यता ग्रहण की थी। 
     
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