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    एम एम क्रेम जीवनी


    पृष्‍ठभूमि:
              कोदुरी मार्कटामणि कीरवानी जिन्‍हें एम एम क्रेम के नाम से जाना जाता है। एक भारतीय म्‍यूजिक कम्‍पोज़र और प्‍लेबैक सिंगर हैं। जिन्‍होंने अब तक कई तेलगू तमिल कन्‍नड़ मलयालम और हिंदी फिल्‍मों में काम किया है। 
    उनका जन्‍म 4 जुलाई 1961 को आंध्रप्रदेश के पश्चिमी गोदावरी जिले में हुआ था। 
    करियर: 
           केरावनी ने पहली बार 1987 में प्रसिद्ध संगीतकार के चक्रवर्ती के साथ एक सहायक संगीत निर्देशक के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। उन्होंने 1980 के दशक के अंत में कलेगोर्गरी अब्बाई और भरतमालो अर्जुनुडु जैसी फिल्मों में सहायता की। इस समय के दौरान, उन्होंने एक वर्ष के लिए अनुभवी गीतकार वेटुरी से मार्गदर्शन भी लिया। हालांकि, यह राम गोपाल वर्मा की ब्लॉकबस्टर फिल्म क्षनाशनम (1991) थी जिसने केरावनी को एक अच्‍छे संगीत निर्देशक के रूप में स्थापित किया। इस फिल्म के सभी गाने चार्टबस्टर बन गए और केरावनी को पूरे दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योगों से प्रस्‍ताव आने लगे। 

    उनकी पहली प्रमुख हिंदी फिल्म क्रिमिनल थी। उन्हें तेलुगु फिल्म उद्योग में अन्नमय्या जैसी हिट फिल्‍म मे उनके पार्श्व गायन के लिए जाना जाता है, उन्होंने हिंदी फिल्मों के लिए संगीत की रचना की है जैसे कि रात की सुबह नहीं (1996), सुर - द मेलोडी ऑफ लाइफ, ज़ख्म, साया, जिस्म, क्रिमिनल, रोग और पहेली। मलयालम में, उन्होंने नीलगिरी (1991), सूर्या मनसम (1992) और देवारागम (1996) जैसी फिल्मों के काम किया है। 

    पुरस्‍कार: 
             1997 में, उन्हें तेलुगु फिल्म अन्नामय्या में सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशन के लिये राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया उन्होंने 8 फिल्मफेयर पुरस्कार, ग्यारह राज्य नंदी पुरस्कार और एक तमिलनाडु राज्य फिल्म पुरस्कार जीता है। 
     
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