Just In
- 5 hrs ago Crew Review: चोर के घर चोरी करती नजर आईं तबू, करीना और कृति, बेबो ने लूट ली सारी लाइमलाइट, कृति पड़ीं फीकी
- 8 hrs ago बेटे अकाय के जन्म के बाद अनुष्का शर्मा ने शेयर की अपनी पहली तस्वीर, दूसरी डिलिवरी के बाद ऐसी हो गई हैं हसीना
- 9 hrs ago ईशा अंबानी ने 508 करोड़ में बेचा अपना 38,000 स्कवेयर फुट का बंगला, इस हसीना ने चुटकी बजाकर खरीदा?
- 9 hrs ago 250 करोड़ की मालकिन बनने को तैयार 1 साल की राहा कपूर! रणबीर-आलिया ने लिया ऐसा फैसला
Don't Miss!
- News Weather Forecast: तेजी से करवट ले रहा मौसम, कहीं बारिश तो कहीं बर्फबारी, देहरादून, भोपाल में टूटा रिकॉर्ड
- Lifestyle Mukhtar Ansari Networth : मुख्तार अंसारी का निधन, जानें कितनी बेशुमार दौलत के थे मालिक?
- Education MHT CET 2024 Exam Dates: एमएचटी सीईटी 2024 परीक्षा की तारीखें फिर से संशोधित की गई, नोटिस देखें
- Finance Gaming का बिजनेस भारत में पसार रहा पांव, आने वाले सालों में 6 अरब डॉलर तक का होगा कारोबार
- Automobiles अब Toll प्लाजा और Fastag से नहीं, इस खास सिस्टम से होगा Toll Collection! नितिन गडकरी ने दिया बड़ा अपडेट
- Technology Oppo F25 Pro भारत में नए Coral Purple कलर में उपलब्ध, जानिए, स्पेक्स और उपलब्धता
- Travel Good Friday की छुट्टियों में गोवा जाएं तो वहां चल रहे इन फेस्टिवल्स में भी जरूर हो शामिल
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
सीक्रेट्स ऑफ द कोह-ए-नूर रिव्यू: Untold ना होने के बावजूद मनोज बाजपेयी की जादुई आवाज़ बढ़ाती है दिलचस्पी
सीरीज़
-
सीक्रेट्स
ऑफ
कोह-ए-नूर
प्लेटफॉर्म
-
discovery+
डायरेक्टर
-
राघव
मोहन
जयरथ
सूत्रधार
-
मनोज
बाजपेयी
एपिसोड/अवधि
-
2
एपिसोड/45
मिनट
प्रति
एपिसोड
कोहिनूर हीरा क्या भारत की ओर से ब्रिटिश हुकूमत को एक तोहफा था या फिर ब्रिटिश हुकूमत को दी गई फिरौती, इसी बहस के साथ शुरू होती है कोहिनूर द सीक्रेट्स ऑफ द कोह-ए-नूर नाम की ये डॉक्यूमेंट्री सीरीज़। इस सीरीज़ में कुछ दिग्गज पढ़े लिखे लोग कोह-ए-नूर हीरे के इतिहास के बारे में बात करते दिखते हैं।
कोह-ए-नूर से कोहिनूर बनने तक के इस सफर में ये हीरा भारत का कैसे हुआ, इसे पाकिस्तान से कैसे जोड़ दिया गया और फिर ब्रिटिश सरकार के लिए ये भारत में सांस लेने की आज़ादी की फिरौती कैसे बन गया ये सारे मुद्दे एक एक कर इस सीरीज़ में उजागर किए जाएंगे।
सीरीज़ के सूत्रधार हैं मनोज बाजपेयी जिनकी आवाज़ में उतना ही चमक और उतना ही जादू है जितना कि कोहिनूर हीरे में होगा। इसलिए जब मनोज बाजपेयी भारत की सबसे बड़ी विरासत, कोहिनूर हीरे के बारे में बताना शुरू करते हैं तो आपको भी इसके इतिहास में रूचि आने लगती है।
कोहिनूर
दुनिया
का
सबसे
मशहूर
हीरा
है
और
इस
हीरे
का
इतिहास,
भारत
और
इसके
इतिहास
के
साथ
जुड़ा
हुआ
है।
कोहिनूर
के
परिचय
के
साथ
ही
ये
कहानी
शुरु
होती
है।
लेकिन
आज
दुनिया
का
ये
सबसे
मशहूर
हीरा,
जो
भारत
की
विरासत
है
टावर
ऑफ
लंदन
में
सजाकर
रखा
हुआ
है,
विजय
के
प्रतीक
के
रूप
में।
कोहिनूर हीरे का सफर
मनोज बाजपेयी जब तक कोहिनूर का गौरवमयी इतिहास समझाते हुए धीरे से हीरे के रसायन, भूगोल और विज्ञान की ओर बढ़ते हैं, लेकिन ये सीरीज़ को बोझिल नहीं बनने देता है। हीरे कैसे बनते हैं, कार्बन के अणु कैसे जुड़ जुड़ कर हीरे बनते हैं और कैसे धरती में बेहद गहराई से सतह तक पहुंचते हैं। सीरीज़ की शुरूआत में ही मनोज बाजपेयी बताते हैं कि कोहिनूर हीरा जब भारत को मिला तो लगभग 793 कैरेट का था जो अब केवल 105 कैरेट रह चुका है। ये बीच का सफर जो कोहिनूर ने तय किया है वो मनोज बाजपेयी भी रोमांचक तरीके से तय करने का वादा देते हैं लेकिन इस वादे को इस सीरीज़ की रिसर्च टीम नहीं निभा पाती है।
जाने माने विशेषज्ञ
कोहिनूर के सफर के दौरान की किस्से और कहानियां सुनाने के लिए मनोज बाजपेयी का साथ शिक्षाविदों और जानकारों की पूरी टीम देगी। पद्मश्री पुरस्कार सम्मानित पुरातत्वविद केके मुहम्मद के साथ, जामिया मिल्लिया इस्लामिया की इतिहास की प्रोफेसर फरहत नसरीन, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के इतिहास के प्रोफेसर डॉ. मानवेंद्र के पुन्ढीर, पद्मभूषण सम्मानित इतिहासकार प्रोफेसर इरफ़ान हबीब जैसे जानकार इस कहानी को सुनाते हैं।
हीरे का इतिहास
कोहिनूर हीरे के मिलने के बाद इसे लूटने की शुरूआत की कहानी होती है भारत में अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण के साथ जो मलिक क़ाफ़ूर को कोहिनूर लूटने भेजता है। कोहिनूर जो उस समय दक्षिण के एक साम्राज्य के एक मंदिर में देवी की मूर्ति में जड़ा हुआ है। मलिक काफूर ने अलाउद्दीन खिलजी को कोहिनूर तोहफे के रूप में सौंपा था। इसके बाद इस सीरीज़ में दिल्ली की गद्दी का ज़िक्र होता है जो तुग़लकों से होता हुआ लोधी तक पहुंचता है। क्योंकि 200 साल साल बाद कोहिनूर का ज़िक्र तब होता है जब लोधी साम्राज्य का आखिरी सम्राट इब्राहिम लोधी, दिल्ली की गद्दी मुग़लों से हारता है और बाबर के हाथ पहुंचता है कोहिनूर। हालांकि, अब तक कोहिनूर का नाम नहीं पड़ा है, वो केवल एक बड़ा हीरा है। बाबरनामा में भी पहली बार इसे बाबर के हीरे के नाम से पहचान मिली।
नहीं मिलते हैं कोई साक्ष्य
असल में कोहिनूर की कहानी यहीं से शुरू होती है और अब तक इस डॉक्यू सीरीज़ में आपको बहुत ज़्यादा दिलचस्पी आ जाएगी। इसके बाद हीरे से जुड़े किस्से कहानियां बेहद दिलचस्प हैं। बाबरी हीरा जब खोया और उसके बाद कहां और कैसे मिला, इसकी कहानी को दिलचस्प बनाने की कोशिश करते हुए ये डॉक्यूमेंट्री आगे बढ़ती है और हाथ से छूटने लगती है। ये पूरी कहानी जहां इतिहासकारों का पूरा जत्था, मनोज बाजपेयी के साथ सुनाता है, वहीं स्क्रीन पर साथ देते हैं एनिमेशन जो आपका ध्यान थोड़ा भटकाते हैं। पूरी सीरीज़ में आपको कहीं भी कोहिनूर हीरे की झलक नहीं मिलेगी। जितनी घटनाओं और जगह का वर्णन ये डॉक्यूमेंट्री करती है उनसे जुड़े भी कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं होते हैं। सब कुछ एनिमेशन से आसान कर दिया गया है। हालांकि, डॉक्यूमेंट्री से कई बड़े पुरात्त्व विशेषज्ञों का नाम जुड़ा है।
कुछ भी नहीं है Untold
नीरज पांडे ने एम एस धोनी द अनटोल्ड स्टोरी के बाद इस सीरीज़ का नाम भी अनटोल्ड स्टोरी के नाम से ही हेडलाइन किया है लेकिन इस पूरी सीरीज़ में ऐसी कोई बात नहीं है जो कि रहस्य हो। जैसा कि सीरीज़ का नाम बताता है। जिसे भी कोहिनूर हीरे की कहानी जानने में दिलचस्पी रही होगी, उसे ये कहानी पता होगी जो मनोज बाजपेयी सुनाने में अपनी पूरी प्रतिभा झोंक देते हैं। यूट्यूब पर आपको ढेरों ऐसे वीडियो मिल जाएंगे जो आपको इसी तरह के एनिमेशन और तस्वीरों के साथ कोहिनूर की कहानी बताएंगा। हां बस कहानी बताने वाला मनोज बाजपेयी नहीं होगा। ऐसे में इस डॉक्यूमेंट्री का नाम रहस्य क्यों है पता नहीं। दूसरी तरफ, बड़े बड़े पुरातत्वविदों, इतिहासकार और ब्रिटिश प्रोफेसर का पूरा हुजूम मिलकर इस कोहिनूर की कहानी सुनाता है, वो कहानी जो लोगों ने कई बार लिखी और पढ़ी होगी। लेकिन इन जानकारों और दिग्गजों का हुजूम, अपनी कोई राय या बहस नहीं पेश करता है।
क्यों ज़रूरी है कोहिनूर की कहानी
अब अगर ये पूछा जाए कि कोहिनूर की कहानी बताना ज़रूरी क्यों हैं? तो इस सवाल का कोई जवाब नहीं मिलता है। कोहिनूर वही कहानी जो गाहे बगाहे बस भारतीयों को इस बात पर गर्व करने का मौका देती है कि लंदन में सजा कोहिनूर उनका है। भारतीयों के साथ अंग्रेज़ों ने कितना गलत किया है और उन्होंने कितना खोया है, यही इस सीरीज़ का मूल भाव है। इसे देखना है या नहीं देखना है ये पूरी तरह से आप पर हैं।
आम आदमी के लिए हो सकती है दिलचस्प
सीक्रेट्स ऑफ द कोहिनूर, इतिहास प्रेमियों को पसंद आए, ऐसा अनोखा और खास इसमें कुछ भी नहीं है।हां, अगर इस डॉक्यूमेंट्री सीरीज़ को बहुत ही आरामदायक तरीके से सामान्य दर्शकों के लिए सामान्य शब्दों और किस्सों में बांधने की कोशिश की गई है और यही सीरीज़ का मक़सद है - आम आदमी तक कोहिनूर की कहानी पहुंचाना तो उसमें ये सीरीज़ पूरी तरह कामयाब होती है।
-
कभी 17 मिनट के बेडरूम सीन से हिला दिया था टीवी, अब रणबीर कपूर की 'रामायण' में मंदोदरी बनेगी ये हसीना
-
VIRAL VIDEO: सड़क पर लेटी नजर आईं Urfi Javed, फोटो खिंचने पर 2 सेकेंड में गद्दे की बना ली ड्रेस
-
मां के कहने पर गुपचुप रचाई मामी से शादी, सालों तक छुपाए रिश्ता, एक्टर को सालों बाद हुआ पछतावा