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'स्टेट ऑफ सीज: टेंपल अटैक' रिव्यू- अक्षरधाम अटैक का दर्द और NSG का पराक्रम, दमदार दिखे अक्षय खन्ना
फिल्म: स्टेट ऑफ सीज: टेंपल अटैक
डायरेक्टर: केन घोष
शैली: एक्शन
स्टारकास्ट: अक्षय खन्ना, विवेक दहिया, गौतम रोड़े , समीर सोनी, मंजरी फडनीस, अभिमन्यु सिंह
गुजरात के गांधीनगर स्थित अक्षरधाम मंदिर में 24 सितंबर 2002 को हुए आतंकी हमले ने देश व राजनीति को हिला कर रख दिया था। करीब 32 लोगों ने इस हमले में जान गंवाई थी। इस दर्दनाक घटना पर 'इश्क विश्क' निर्देशक केन घोष नई फिल्म लेकर आए हैं जिसका नाम है 'स्टेट ऑफ सीज: टेंपल अटैक'। इस फिल्म से अक्षय खन्ना ने अपना डिजिटल डेब्यू किया है।
अक्षय खन्ना एनएसजी (NSG) कमांडो की भूमिका में हैं। अक्षय खन्ना का ये किरदार आपको 'बॉर्डर' फिल्म की जरूर याद दिलवाएगा। लेकिन 1997 में आई 'बॉर्डर' और साल 2021 'स्टेट ऑफ सीज: टेंपल अटैक' में अक्षय खन्ना में जमीं आसमान का अंतर आ गया है। इतने सालों में लुक बदलना आम बात है लेकिन फिर भी अक्षय खन्ना ने जिस तरह अपने रोल को अदा किया है वह काबिल-ए-तारीफ है। इस फिल्म को उनका प्रयास ही बचा ले जाता है।
वहीं केन घोष ने भी निर्देशन में पूरा जोर लगाते हुए 'स्टेट ऑफ सीज: टेंपल अटैक' को बेहतरीन बनाने की कोशिश की है। आंतकी हमले के साथ साथ हिंदू मुस्लिम, गुजरात दंगा, देश की राजनीति, देश के जवान व उनके परिवार जैसे कई मुद्दों को समेटे 'स्टेट ऑफ सीज: टेंपल अटैक' दर्शकों को 1 घंटा 50 मिनट तक बांधे रखती है। इसके इतर फिल्म में कई छोटी मोटी खामियां भी नजर आती हैं जिसे दरकिनार शायद नहीं किया जा सकता है।
फिल्म में कोई गाना नहीं है। साथ ही राजनैतिक दबाव व विवाद न हो इसके चलते राजनीति सीन्स को बिल्कुल भी जोड़े नहीं गए हैं। मुख्यमंत्री किरदार जिसे अभिनेता समीर सोनी ने निभाया है, ये भी केवल ना मात्र का था। मेकर्स ने यदि पॉलिटिक्स के खतरे को उठा लेते तो फिल्म शानदार साबित होती।
स्टारकास्ट
फिल्म 'स्टेट ऑफ सीज: टेंपल अटैक' में एनएसजी कमांडो की भूमिका में अक्षय खन्ना, विवेक दहिया, गौतम रोड़े, अक्षय ओबरॉय हैं। वहीं गुजरात सीएम के किरदार में अभिनेता समीर सोनी हैं। फिल्म में हमला करने वाले 4 आंतकवादी हैं जिनका किरदार अभिलाष चौधरी, धनवीर सिंह, मृदुल दास और मिहिर आहुजा ने निभाया है।
कहानी
कश्मीर की सुंदर वादियों से फिल्म की कहानी की शुरुआत होती है।लेकिन असली कहानी ये सुंदर वादियां नहीं बल्कि आंतकवादियों के खिलाफ सेना का ऑपरेशन था। जहां भारत के मिनिस्टर की बेटी को आंतकवादियों ने बंदी बनाया था और मेजर हनोत सिंह (अक्षय खन्ना) अपनी टीम के साथ मिनिस्टर की बेटी को बचाने पहुंचते हैं। लेकिन इस मिशन में मेजर हनोत सिंह के हाथ नाकामी लगती है। वह इस मिशन में अपने साथी जवान को खो देते हैं और आंतकी भी फरार हो जाते हैं लेकिन मिनिस्टर की बेटी को बचाने में कामयाब होते हैं। इस तरह की मेजर हनोत सिंह की नाकामयाबी को फिल्म में काफी फोकस किया गया है।
"सर आप तो मुझे मरवा ही देंगे" कैप्टन विवेक (अक्षय ओबरॉय) के ये मुस्कुराते हुए आखिरी शब्द थे जब वह मेजर हनोत सिंह से कहते हैं। उन्हें ये नहीं मालूम था कि वह अगले ही मिनट आंतकवदियों की गोली का शिकार हो जाएंगे। इन्हीं चंद शब्दों का हनोत सिंह पर काफी असर पड़ता है और बार बार उसके सामने उसकी नाकामयाबी सामने आती रही है। एनएसजी में सेवा देने के दौरान हनोत सिंह को अगला मिशन गुजरात सीएम की सुरक्षा का जिम्मा दिया जाता है। वहीं गुजरात दंगो का बदला लेने के नाम पर आंतकवादियों ने गुजरात के कृष्णधाम मंदिर में हमला कर देते हैं।
एनएसजी की पूरी टीम को गुजरात पहुंचने में 4 घंटे का वक्त लगेगा, इस चलते फिल्म के हीरो मेजर हनोत सिंह (अक्षय खन्ना) महज 6-8 लोगों की टीम के साथ टेंपल अटैक की स्थिति को संभालने के लिए पहुंचते हैं। यहां भी मेजर हनोत को शुरुआत में नाकामी मिलती है और फिर मेजर समर (गौतम रोड़े) को इस मिशन की जिम्मदारी दी जाती है। मेजर हनोत कैसे इस मिशन में वापस आते हैं और कैसे इस मिशन को सफल बनाया जाता है, इसी के इर्द गिर्द कहानी बुनी गई है।
निर्देशन
केन घोष ने 'इश्क विश्क', 'फिदा', XXX, 'चांस पे डांस' समेत कई फिल्मों का निर्देशन किया है। पहली बार सच्ची कहानी से प्रेरित फिल्म लेकर आए हैं। इससे पहले कुणाल खेमू संग उनकी फिल्म 'अभय' रिलीज हुई थी जिसे ठीक-ठाक रिस्पॉन्स मिला था। इस बार 'स्टेट ऑफ सीज: टेंपल अटैक' भी दर्शकों को निराश नहीं करेगी। फिल्म के प्लॉट यानी कथानक दिलचस्प है। सभी किरदार और कहानी आंतकवादी घटना को बयां करने के लिए एकदम सही साबित हुई। लेकिन अक्षय खन्ना का किरदार फिल्म फिल्म में उतार-चढ़ाव लाता है। ऐसा इसीलिए फिल्म टेंपल अटैक से ज्यादा एक मेजर के नाकामयाबी पर फोकस कर दी गई। लेकिन अक्षय खन्ना ने अपना रोल पूरी ईमानदारी से निभाया जो कि इस फिल्म को संभाल लेते हैं।
अभिनय
फिल्म मुख्यत: आंतकी हमले से जुड़ी थी, इस फिल्म में आंतकवादी के रोल में अभिलाष चौधरी, धनवीर सिंह, मृदुल दास और मिहिर आहुजा दिखे। चारों ने ही दमदार एक्टिंग की। वहीं फिल्म में गौतम रौड़े और विवेक दहिया का किरदार भी फिल्म को संभालने में कामयाब होता है। बात अक्षय खन्ना के अभिनय की हो तो दर्शकों ने सालों बाद उन्हें वर्दी में देखा है। 'बॉर्डर' वाले अक्षय कुमार बार बार इस फिल्म को देखते हुए याद आते हैं। उम्र के अंक बेशक बढ़ गए हो लेकिन अक्षय खन्ना ने किरदार पर इसका असर नहीं पड़ने दिया। अक्षय खन्ना के लाजवाब प्रयास इस फिल्म को बचाते हैं।
क्या अच्छा क्या बुरा
काफी हद तक ये फिल्म अच्छी है और एंटरटेनिंग भी है। साथ ही अक्षय खन्ना, विवेक दहिया, गौतम रोड़े, अभिलाष चौधरी इन एक्टर्स ने अपने किरदारों के साथ न्याय किया है। पूरी फिल्म का फोकस मेजर हनोत सिंह यानी अक्षय खन्ना पर होता है। वहीं कमजोर पक्ष फिल्म के लेखन का है। फिल्म को ज्यादा स्ट्रॉन्ग बनाया जा सकता था। फिल्म के फाइट सीन भी काफी कमजोर हैं।
देखें या न देखें
आप अक्षय खन्ना के फैन हैं तो ये फिल्म जरूर देखें। वहीं आप सच्ची घटनाओं से प्रेरित फिल्में देखना पसंद करते हैं तो भी आप इसे देख सकते हैं। लेकिन एक्शन के मामले में ये आपको निराश करेगी। फिल्मीबीट की ओर से 'स्टेट ऑफ सीज: टेंपल अटैक' को 2.5 स्टार।
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