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    'सब कुशल मंगल' फिल्म रिव्यू- इस कहानी में ना कुछ कुशल है, ना कुछ मंगल

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    Rating:
    1.5/5

    निर्देशक- करण विश्वनाथ कश्यप

    कलाकार- अक्षय खन्ना, प्रियांक शर्मा, रीवा किशन, सुप्रिया पाठक, सतीश कौशिक

    'जबरिया जोड़ी' के बाद पकड़वा विवाह पर एक और फिल्म आई है, जिसका नाम है 'सब कुशल मंगल'। कहानी है कर्नलगंज के एक लोकल नेता और गुंडा बाबा भंडारी (अक्षय खन्ना) की, जो लड़कों को जबरदस्ती पकड़कर उनका विवाह उन लड़कियों से कराता है, जिनका परिवार लड़के वालों को दहेज देने में असमर्थ है। यानि की उसकी नजर में वह एक परोपकारी है। इसी क्रम में वह एक टीवी पत्रकार पप्पू मिश्रा (प्रियांक शर्मा) को अगवा करता है, लेकिन यहां से कहानी मोड़ लेती है। भंडारी को उसी लड़की (रीवा किशन) से पहली नजर में प्यार हो जाता है, जिसके लिए उसने पत्रकार को अगवा किया था। अब लड़की की शादी किससे होती है, इसी के इर्द गिर्द घूमती है फिल्म की कहानी।

    Sab Kushal Mangal

    यह एक अच्छे विषय पर बनी कमजोर फिल्म है। इस कहानी में निर्देशक ने कॉमेडी घोलने की कोशिश की है, लेकिन असफल रहे हैं। अक्षय खन्ना पहली सीन में एकदम शानदार एंट्री लेते हैं, घुमावदार मूछें और लंबे बाल उनके किरदार पर फबता है। लेकिन अपने अभिनय से प्रभावित करने वाले यह कलाकार भी यहां कुछ अलग कर दिखाने में असमर्थ दिखे हैं। फिल्म के दोनों नए चेहरे प्रियांक शर्मा और रीवा किशन अपने किरदारों में अच्छे लगे हैं, लेकिन दोनों के बीच की कैमिस्ट्री ज़ीरो है। एक तेज तर्रार लड़की मंदिरा के किरदार में रीवा किशन ने पूरी तरह से न्याय बरतने कोशिश की है। कहना गलत नहीं होगा कि सभी किरदार कमज़ोर लेखन का शिकार बने हैं। सुप्रिया पाठक और सतीश कौशिक जैसे प्रभावशाली कलाकारों को उबाऊ संवाद दिये गए हैं। वो संवादों में जूझते हुए से दिखे हैं।

    Sab Kushal Mangal

    फिल्म का फर्स्ट हॉफ जहां थोड़ी दिलचस्पी जगाए रखता है, सेकेंड हॉफ में कहानी कहां जा रही होती है कुछ नहीं कहा जा सकता। कुछ दृश्यों में किरदार सिर्फ बेसिर पैर की बातें करते हैं, जिसका कहानी से भी कोई सरोकार नहीं है। बिजेन्द्र कारला के लेखन के साथ साथ प्रशांत सिंह राथौड़ की एडिटिंग भी एक कमज़ोर पक्ष है। फिल्म आपके ना दिल तक पहुंचती है, ना दिमाग तक। फिल्म सामाजिक संदेश देने में भी असफल रही है। निर्देशक करण विश्वनाथ कश्यप ने फिल्म को बोझिल बना दिया है।

    फिल्म में संगीत दिया है हर्षित सक्सेना ने, जो कि औसत है। गानों को अच्छे से फिल्माया गया है, लेकिन कहानी में कहीं भी फिट कर दिया गया है। लिहाजा, वह रुकावट सी लगती है। फिल्म 'सब कुशल मंगल' में पकड़वा विवाह, दहेज जैसे अहम मुद्दों पर फुसफुसा कर बात की गई है, लेकिन कोई ठोस विचार या तर्क नहीं रखा गया है। फिल्मीबीट की ओर से 'सब कुशल मंगल' को 1.5 स्टार।

    English summary
    Akshaye Khanna with two newcomers Priyaank Sharma and Riva Kishan gets into a comic zone but story lacks newness and soul. Film directed by Karan Vishwanath Kashyap.
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