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    वंस अपऑन अ टाइम इन मुंबई: समीक्षा

    By नेहा नौटियाल
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    Once Upon a time in Mumbai
    कलाकार: अजय देवगन, इमरान हाशमी, कंगना रणावत, प्राची देसाई और रणदीप हुड्डा।
    निर्देशक: मिलन लूथरिया
    कहानी व संवाद: रजत अरोड़ा
    संगीत: प्रीतम
    निर्माता: एकता कपूर, शोभा कपूर
    रेटिंग: 3/5

    ये कोई पहली बार नहीं है जब अपराध की दुनिया पर बनी कोई फिल्म हिन्दी फिल्म के दर्शकों के सामने है। इससे पहले भी ढेरों फिल्में इस विषय पर आ चुकी हैं। वंस अप ऑन अ टाइम इन मुंबई में 70 और 80 के दशक की मुंबई दिखाई गई है। हिन्दी फिल्मों में जहं बात अपराध और अंडरवर्लड की आती मुंबई उसमें शामिल होता है। ये फिल्म भी मुंबई की कहानी बताती है।

    फिल्म दो अपराधियों की कहानी है जिनमें एक अच्छा और दूसरा बुरा है। एक नेक दूसरा बेईमान। एक के अंदर इंसानियत है दूसरा हर कीमत पर पैसा कमाना चाहता है। (अजय देवगन) ने सुल्तान मिर्जा का किरदार निभाया है जो नेक अपराधी है। (इमरान हाशमी) ने शोएब खान का जो बेहद लालची है।

    सुल्तान मिर्जा का किरदार हाजी मस्तान से प्रेरित लगता है और शोएब खान का दाऊद इब्राहिम से। या ये महज इत्तेफाक भी हो सकता है जैसा फिल्म से जुड़े लोगों का कहना है। अजय बेजोड़ अभिनेता हैं वो हर किरदार बखूबी निभा जाते हैं। इमरान हाशमी से ज्यादा उम्मीदें करना बेकार है। किसी भी सिचुएशन में उनके चेहरे के हाव-भाव एक जैसे रहते हैं।

    इन दोनों मुख्य किरदारों के अलावा पुलिस अफसर की भूमिका में रणदीप हुड्डा जान डाल देते हैं। हिन्दी फिल्मों में जितनी भूमिका अभिनेत्रियों को दी जाती हैं उसमें ही कंगना रणावत और प्राची देसाई खरी उतरी हैं। कंगना रणावत दमदार अभिनेत्री हैं। कुल मिलाकर फिल्म देखी जा सकती है। प्रीतम का संगीत कर्णप्रिय है।

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