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किसान: किसानों से कोसों दूर
कलाकार: अरबाज खान, सोहेल खान, जैकी श्रॉफ, दिया मिर्जा, नौहीद साइरसी
पुनीत सिरा के निर्देशन में बनी किसान केवल दो भाइओं अरबाज खान और सोहैल खान के आपसी टकराहट में सिमट गई है। एक भाई शहरी है तो एक गांव का किसान है। किसान को अपनी जमीन प्यारी है वहीं शहरी भाई जमीन को बेकार की चीज समझता है और उसे बेचता चाहता है। इन दोनों भाइओं की आपसी टकराहट में पिता (जैकी श्राफ) असहाय दिखते है।
फिल्म में मार धाड़, रोमांस, कामेडी सभी का मिश्रण है सिवाय किसानों की असली समस्या पेश करने के, जिसका की फिल्म शुरू से दम्भ भर रही थी। हर साल देश में लोखो किसान कर्ज, सूखे व अन्य वजहों से आत्महत्याएं कर रहें है जिसका फिल्म में कोई जिक्र नहीं है।
किसान में केवल कहानी का प्रस्तुतिकरण नया है बाकी ऐसा कुछ भी नहीं है जिसके लिए फिल्म को देखने जाया जाए। क्योंकि ऐसी कहानी तो भारतीय सिनेमा में 80 के दशक का मुख्य विषय होती थी। फिल्म में यह संदेश देने की कोशिश की गई है कि हिंसा के बदले हिंसा और पढा़ लिखा वर्ग केवल अपने बारे में सोचता है।
कुल मिलाकर कहा जाए फिल्म ने अपने नाम के साथ कोई सार्थकता पेश नहीं की है।
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