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    'खुदा हाफिज चैप्टर 2- अग्नि परीक्षा' रिव्यू: धैर्य की परीक्षा लेती है विद्युत जामवाल की यह फिल्म

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    Rating:
    2.0/5

    निर्देशक- फारूक कबीर
    कलाकार- विद्युत जामवाल, शिवालिका ओबेरॉय, शीबा चड्डा, राजेश तेलांग, दिब्येंदु भट्टाचार्य

    "जब किसी इंसान को इस हद तक पहुंचा दिया जाए कि उसे अंजाम की चिंता ना रहे, ऐसे लोग आगे चलकर बाहुबली बनते हैं".. समीर (विद्युत जामवाल) के बारे में बात करते हुए जेल में बंद एक बड़ा गैंगस्टर दूसरे कैदी से कहता है। फिल्म के अंत तक निर्देशक इस बात को प्रूव भी कर देते हैं। कहने को 'खुदा हाफिज चैप्टर 2' में इमोशन है, एक्शन, गाने, हीरो, तगड़ा विलेन.. सब है। यह गंभीर विषय पर बनी है, लेकिन ट्रीटमेंट में सतही है।

    khuda-haafiz-chapter-2-agni-pariksha-review-this-vidyut-jammwal-s-film-tests-your-patience

    साल 2020 में आई फिल्म 'खुदा हाफिज' की इस सीक्वल में समीर और नरगिस (शिवालिका) की जिंदगी आगे बढ़ती है। नोमान में देह व्यापारियों का भंडाफोड़ करने और अपनी पत्नी नरगिस को बचाने के बाद, वो दोनों एक साथ शांतिपूर्ण जीवन व्यतीत करने की कोशिश करते हैं, जब उनकी जिंदगी में एक बच्ची दस्तक देती है। वो एक बच्ची नंदिनी को गोद लेते हैं। लेकिन, जल्द ही उनकी खुशियों को किसी की बुरी नजर लग जाती है और एक दिन 5 वर्षीय नंदिनी गायब हो जाती है। खोज बीन में पता चलता है कि लखनऊ शहर की बाहुबली ठाकुर जी (शीबा चड्डा) के पोते ने उसका अपहरण कर लिया है। भाग्य के विचित्र मोड़ पर आकर समीर और नरगिस की जिंदगी एक बार फिर बदल जाती है। समीर कैसे अपनी जिंदगी में आई मुश्किलों का सामना करते हुए दुश्मनों से भिड़ता है, कहानी वही है।

    निर्देशन

    निर्देशन

    दो घंटे छब्बीस मिनट लंबी यह कहानी कुछ पावर-पैक एक्शन सीन और कुछ इमोशनल सीन्स के साथ कहानी को दिलचस्प बनाने की कोशिश करती है, लेकिन अपर्याप्त साबित होती है। फर्स्ट हॉफ में कहानी पूरी तरह से भावनाओं पर टिकी है। गोद ली हुई बच्ची के साथ समीर और नरगिस जो प्यार और अपनापन बांटते हैं, वही आगे जाकर कहानी में थोड़ी भावुकता लाती है। लेकिन मुश्किल ये है कि भावुक दृश्यों में दोनों मुख्य कलाकार बेहद कमजोर नजर आते हैं। फर्स्ट हॉफ में विद्युत के लिए निर्देशक ने कोई एक्शन सीन नहीं रखा है, शायद यह सोच समझकर लिया गया फैसला होगा, लेकिन फिर पटकथा इतनी कसी हुई होनी चाहिए कि सिर्फ भावनाओं के बल पर कहानी टिकी रहे। जहां ये बुरी तरह से फेल होती है।

    कमजोर पक्ष

    कमजोर पक्ष

    फर्स्ट हॉफ में कहानी बेहद धीमी गति से आगे बढ़ती है। एक क्षण को महसूस होता है कि कहानी में किरदार खाने, चलने, सोने के अलावा कुछ नहीं कर रहे हैं। खैर, दूसरे हॉफ में फिल्म थोड़ी रफ्तार पकड़ती है, गैंग वॉर के दौरान फिल्माया गया एक्शन सीक्वेंस ध्यान खींचता है। फिल्म की पटकथा फारूक कबीर ने ही लिखी है, जो कि बेहद कमजोर है। यहां कोई नयापन नहीं दिखता है। ना किसी किरदार में बारीकी दिखती है, ना भावनाओं में.. लिहाजा, कुछ ही मिनटों में यह बोझिल लगने लगती है।

    तकनीकी पक्ष

    तकनीकी पक्ष

    तकनीकी स्तर पर भी फिल्म औसत है। जितन हरमीत सिंह की सिनेमेटोग्राफी कहानी को थोड़ा बेहतर बनाती है। लखनऊ की गलियों और जेल के बैरक से लेकर मिस्र के रेगिस्तान तक.. जितन अपने कैमरे से कहानी को एक रंग देने की कोशिश करते हैं। संदीप फ्रांसिस की एडिटिंग को और कसावट की जरूरत थी। फिल्म का संगीत दिया है मिथुन, विशाल मिश्रा और सब्बीर अहमद ने, जो कि औसत है।

    अभिनय

    अभिनय

    अभिनय की बात करें तो विद्युत जामवाल को अभी भी अपने हाव भाव पर काफी काम करने की जरूरत है। खासकर इमोशनल दृश्यों में उनके चेहरे पर सपाट एक्सप्रेशन होते हैं। एक्शन दृश्यों में वो सहज लगते हैं, जिस वजह से फिल्म में एक्शन सीन्स का ही इंतजार रहने लगता है। शिवालिका ओबेरॉय की कोशिश नजर आती है, लेकिन प्रभावित नहीं कर पाती हैं। सहायक किरदारों में शीबा चड्डा, दिब्येंदु भट्टाचार्य, राजेश तेलांग जैसे कलाकार अच्छे लगे हैं, लिहाजा उन्हें और देखने की इच्छा जगती है। लेकिन वो सीमित दृश्यों में हैं।

    रेटिंग- 2 स्टार

    रेटिंग- 2 स्टार

    कुल मिलाकर, 'खुदा हाफिज चैप्टर 2- अग्नि परीक्षा' एक गंभीर और संवेदनशील विषय पर बनी सतही फिल्म है। विद्युत पूरी कोशिश के साथ यह फिल्म अपने कंधों पर लेकर आगे बढ़ने की कोशिश करते हैं, लेकिन कमजोर लेखन और तकनीकी पक्ष उनका साथ नहीं देता। फिल्म में शिवालिका का किरदार कहता है, "तुम तो राम बनके आगे बढ़ गए, लेकिन सीता की तरह अग्नि परीक्षा मुझे देनी पड़ती है, हर दिन.."। फिल्म में यह संवाद जितना खोखला लगता है, उतनी ही बेअसर इस फिल्म की कहानी रही है। फिल्मीबीट की ओर से 'खुदा हाफिज चैप्टर 2- अग्नि परीक्षा' को 2 स्टार।

    English summary
    Khuda Haafiz: Chapter II – Agni Pariksha, starring Vidyut Jammwal and Shivaleeka Oberoi will hit the theaters on 8th July. Film is very weak in writing and technical part.
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