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    जनहित में जारी रिव्यू : कॉमेडी के साथ, 'सुरक्षित सेक्स' जैसे गंभीर मुद्दे को छेड़ती है नुसरत भरूचा की फ़िल्म

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    Rating:
    4.0/5

    निर्देशक - जय बसंतू सिंह
    कलाकार - नुसरत भरूचा, अनुज सिंह ढाका, विजय राज, परितोष त्रिपाठी, बृजेंद्र काला

    "कंडोम ही तो बेचती है, पान मसाला, सिगरेट या तंबाकू तो नहीं बेचती.. परेशानी क्या है!" फिल्म का एक किरदार हल्के फुल्के अंदाज में कह जाता है। सामाजिक रूप से प्रासंगिक कॉमेडी फिल्म 'जनहित में जारी' मुखरता के साथ सुरक्षित यौन संबंध जैसे गंभीर विषय पर बात करता है। भारत में हर साल अबॉर्शन की वजह से हजारों महिलाओं की मौत हो जाती है और फिल्म की कहानी इसी सच्चाई के इर्द गिर्द बुनी गई है।

    मध्य प्रदेश के छोटे से शहर में रह रही मनोकामना त्रिपाठी उर्फ मनु (नुसरत भरूचा) पढ़ी लिखी और खुले विचारों वाली लड़की है। वह शादी से पहले अपने पैरों पर खड़े होना चाहती है, आर्थिक स्वतंत्रता चाहती है। ऐसे में उसे कंडोम बनाने वाली स्थानीय कंपनी में बतौर सेल्स प्रतिनिधि नौकरी मिल जाती है। सैलेरी अच्छी खासी होती है, सो वो नौकरी कर लेती है। परिवार में कुछ समय के लिए तनाव आता है। पड़ोसी कहते हैं- "लड़की होकर कंडोम बेचती हो, छी.. कितना गंदा काम है.." लेकिन मनु अपने निर्णय पर बनी रहती है।

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    इधर उसके जीवन में एंट्री होती है रंजन (अनुद सिंह ढाका) की.. दोनों में नजदीकियां बढ़ती हैं और जल्द ही शादी भी जाती है। लेकिन उसके ससुराल वालों को उसकी नौकरी को लेकर खबर नहीं होती। वह अपनी लाइफ बैलेंस कर ही रही होती है.. कि घटनाओं का एक दुखद मोड़ मनु को पहले से कहीं अधिक भावनात्मक और जिम्मेदारी से काम में लगने के लिए प्रेरित करता है। क्या वह अपने रूढ़िवादी परिवार को अपने पक्ष में खड़ा पाएगी या समाज को जागरूक करने के सफर पर वह अकेले ही चलेगी?

    फिल्म के निर्देशक जय बसंतू सिंह और लेखक राज शांडिल्य ने एक गंभीर विषय को वन लाइनर्स के जरीए काफी दिलचस्प तरीके से पेश किया है। अंत तक जाते जाते फिल्म सिर्फ कंडोम बेचने के बारे में नहीं है, बल्कि यह गर्भपात, गर्भनिरोधक, सुरक्षित सेक्स, पितृसत्ता और बहुत से गंभीर मुद्दों को भी छूती है। सेकेंड हाफ में फिल्म थोड़ा खिंची हुई लगती है, लेकिन क्लाईमैक्स तक आपका ध्यान बांधे रखती है। फिल्म की सिनेमैटोग्राफी और प्रोडक्शन डिजाइन सराहनीय है।

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    कहना गलत नहीं होगा कि नुसरत भरूचा फिल्म को अपने कंधों पर उठाती हैं। कंडोम बेचने वाली लड़की में किरदार में वो मजबूत लगी हैं, साथ ही भावनात्मक दृश्यों में दिल को छूती हैं। अनुद सिंह ढाका एक आदर्श बेटे और आदर्श पति के किरदार में अच्छे लगे हैं। हालांकि उनके किरदार को थोड़ा और निखारा जा सकता था, उसमें गहराई लाई जा सकती थी। वहीं, सहायक कलाकारों में परितोष त्रिपाठी, विजय राज, बृजेंद्र काला विशेष उल्लेख के पात्र हैं। इनके द्वारा निभाए किरदार फिल्म को शुरु से अंत तक बांधे रखते हैं।

    फिल्म में नुसरत का किरदार कहता है, "लोग कंडोम पर बात नहीं करना चाहते.. इसीलिए आज हम 40 से 140 करोड़ हो चुके हैं.."। जनसंख्या नियंत्रण के प्रति लोगों की अनभिज्ञता और अज्ञानता के बीच.. 'जनहित में जारी' सामाजिक रूप से एक प्रासंगिक और महत्वपूर्ण फिल्म कही जा सकती है। फिल्मीबीट की ओर से 'जनहित में जारी' को 4 स्टार।

    English summary
    Nushrratt Bharuccha starrer Janhit Mein Jaari is a light hearted film aims for a heavy discussion on safe sex. Film directed by Jai Basantu Singh.
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