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    'गहराइयां' फिल्म रिव्यू- कॉम्प्लेक्स रिश्तों की कहानी में दीपिका और सिद्धांत की दमदार अदाकारी पर डूबता है दिल

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    Rating:
    3.0/5

    निर्देशक- शकुन बत्रा
    कलाकार- दीपिका पादुकोण, अनन्या पांडे, सिद्धांत चतुर्वेदी, धैर्य कारवा, नसीरूद्दीन शाह, रजत कपूर
    पटकथा- आयशा देवित्रे ढल्लिन, शकुन बत्रा, सुमित रॉय
    प्लेटफॉर्म- अमेज़न प्राइम वीडियो

    "आई डोन्ट लाइक बीइंग एट होम.. आई फील सो स्टक" अलीशा दूर समुद्र में कहीं शून्य देखते हुए ज़ेन से कहती है। पहले दृश्य के साथ ही फिल्म रिश्तों के उलझन से गुजरने लगती है। शकुन बत्रा ने इससे पहले फिल्म 'कपूर एंड सन्स' में चारदीवारी के बीच के रिश्तों के प्यार, टकराव, दर्द, बेबसी, लगाव को बेहतरीन दिखाया था।

    gehraiyaan-film-review-and-starring-deepika-padukone-ananya-panday-siddhant-chaturvedi

    'गहराइयां' भी रिश्तों की बात करती है। रिश्तों के बीच प्यार, नफरत, सच, झूठ, लालच, लालसा की बात करती है। ये फिल्म एक रिलेशनशप ड्रामा है, जो जटिल रिश्तों और जिंदगी के रास्ते पर नियंत्रण रखने में गहरे डूबी हुई है। फिल्म फैसले लेने की और उसके नतीजों पर बात करती है। फिल्म आपको भावनात्मक तौर पर खुद से जोड़े रखती है, हालांकि बीच में पकड़ थोड़ी ढ़ीली भी होती है।

    कहानी

    कहानी

    अलीशा (दीपिका पादुकोण) और करण (धैर्य कारवा) 6 सालों से रिश्ते में हैं और साथ ही रहते हैं। लेकिन दोनों की लाइफ दो अलग अलग ट्रैक पर चल रही होती है। साथ रहकर भी दोनों में एक दूरी है। कुछ करियर को लेकर, कुछ कम्यूनिकेशन को लेकर। ऐसे में एंट्री होती है अलीशा की कज़िन टिया खन्ना (अनन्या पांडे) की, जो कुछ हफ्तों के लिए अपने मंगेतर ज़ेन (सिद्धांत चतुर्वेदी) के साथ अमेरिका से भारत आई है। टिया के बुलाने पर चारों अलीबाग में दो दिन साथ गुजारते हैं। लेकिन यहां से इनकी जिंदगी पलटती है। अलीशा और ज़ेन एक दूसरे से कनेक्शन महसूस करते हैं। दोनों के अतीत की एक कहानी होती है, जो उन्हें और पास लाती है। सारी सीमाओं को तोड़कर दोनों एक दूसरे का साथ चाहते हैं। लेकिन ना जिंदगी इतनी आसान होती है, ना रिश्ते इतने सुलझे होते हैं। पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में एक दूसरे जुड़ते और टकराते ये चारों किरदार कैसे और किन परिस्थितियों से गुजरते हैं.. और किस तरह के चुनाव करते हैं, इसी के इर्द गिर्द घूमती है पूरी कहानी।

    निर्देशन

    निर्देशन

    कपूर एंड सन्स के बाद सभी को शकुन बत्रा की इस फिल्म का बेसब्री से इंतजार था। इनकी अपनी एक अलग फिल्ममेकिंग स्टाइल है, रिश्तों को दिखाने का एक अलग अंदाज है, जो नया है। 'गहराइयां' में चार किरदारों के इर्द गिर्द उन्होंने जो कहानी बुनी है, वो आपको परेशान भी करेगी लेकिन वास्विकता से करीब भी लगेगी। फिल्म में ट्विस्ट अच्छे हैं, क्लाईमैक्स दिलचस्प है। लेकिन सेकेंड हॉफ में फिल्म इमोशन के मामले में थोड़ी डिस्कनेक्ट होती है। किरदारों के साथ जुड़ाव धीरे धीरे कम होता जाता है। अनन्या द्वारा निभाया गया किरदार टिया खन्ना और धैर्य के किरदार करण से आप कुछ और लेयर्स की उम्मीद करते हैं, लेकिन उन किरदारों को अधपका छोड़ा गया लगता है। फिल्म के इंटिमेट सीन्स को डार गई द्वारा निर्देशित किया गया है, जो कि खूबसूरत और poetic लगता है।

    अभिनय

    अभिनय

    फिल्म मुख्य तौर पर अलीशा खन्ना और ज़ेन यानि की दीपिका पादुकोण और सिद्धांत चतुर्वेदी के इर्द गिर्द घूमती है, उनके चुनाव और उन चुनाव के नतीजों पर बनी है। फिल्म की शुरुआत से अंत तक जाते जाते ये दोनों किरदार हर स्तर पर बदलते हुए दिखते हैं। दीपिका और सिद्धांत ने इस बदलाव को अपने हाव भाव से बखूबी दिखाया है। देखा जाए तो फिल्म में कोई भी किरदार पूरी तरह से व्हाइट या ब्लैक नहीं है.. सभी ग्रे शेड में आते हैं। खासकर सिद्धांत ने अपने अभिनय से बहुत प्रभावित किया है। अनन्या और धैर्य अपने किरदारों में परफेक्ट हैं, लेकिन निर्देशक ने उनके लिए ज्यादा स्कोप ही नहीं छोड़ा है। नसीरूद्दीन शाह और रजत कपूर अपने किरदारों में प्रभावशाली रहे हैं।

    तकनीकी पक्ष

    तकनीकी पक्ष

    फिल्म का तकनीकी पक्ष मजबूत है। नितेश भाटिया की एडिटिंग फिल्म को एक स्तर ऊपर ले जाती है। फिल्म फ्लैकबैक से जुड़ते हुए चलती है, लगभग ढ़ाई घंटे लंबी है, लेकिन कहीं भी आपका ध्यान भंग नहीं होने देती। वहीं, कौशल शाह की सिनेमेटोग्राफी भी काफी जबरदस्त रही है। अलीबाग की खूबसूरती, समुद्र की गहराई, मुंबई के भागमभाग के साथ साथ किरदारों के बीच की खामोशी को बेहतरीन दिखाया गया है। संवाद लिखे हैं यश सहाय और आयशा देवित्रे ढल्लिन ने, जो आपको फिल्म से जोड़े रखेंगे। हालांकि लंबे समय तक प्रभाव नहीं छोड़ते।

    संगीत

    संगीत

    फिल्म का एक मजबूत पक्ष है इसका संगीत। फिल्म का संगीत दिया है कबीर कथपालिया और सवेरा मेहता ने। जबकि बोल लिखे हैं कौसर मुनीर और अंकुर तिवारी ने। फिल्म की रिलीज के पहले से भी इसका म्यूजिक काफी पॉपुलर हो चुका था- चाहे वो डूबे, बेकाबू हो या इसका टाइटल ट्रैक.. फिल्म के सभी गाने कहानी और किरदारों के साथ बेतहतरीन घुलते हुए से लगते हैं।

    देंखे या ना देंखे

    देंखे या ना देंखे

    जटिल रिश्तों पर बनी फिल्में देखना पसंद करते हैं तो 'गहराइयां' इस वीकेंड आपके लिए परफेक्ट फिल्म हो सकती है। शकुन बत्रा की अपनी अलग फिल्ममेकिंग स्टाइल है, जो कहानी को काफी हद तक रिएलिटी से जोड़ती है। दीपिका पादुकोण और सिद्धांत की शानदार अदाकारी के साथ 'गहराइयां' आपको भावनाओं में गहराई तक ले जाती है लेकिन बीच में कहीं डिस्कनेक्ट हो जाती है। फिल्मीबीट की ओर से 'गहराइयां' को 3 स्टार।

    English summary
    Gehraiyaan film review: Shakun Batra's complex relationship drama takes you deep into the emotions but disconnects somewhere in the middle. Deepika Padukone and Siddhant Chaturvedi shines in their greyish characters.
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