Just In
- 14 min ago
सोनू निगम ने लाता मंगेशकर द्वारा राष्ट्र को गौरवान्वित करने की याद को किया ताजा, कही ये बात!
- 57 min ago
सोहेल खान से तलाक लेते ही सीमा खान ने किया ये बड़ा काम, कर डाला ऐसा बदलाव!
- 1 hr ago
अरबाज खान गर्लफ्रेंड जॉर्जिया एंड्रियानी का बर्थडे पार्टी पर सेक्सी लुक, शहनाज गिल के साथ वीडियो
- 2 hrs ago
'धाकड़' बॉक्स ऑफिस: पहले दिन ही औंधे मुंह गिरी कंगना रनौत की फिल्म, यहां जानें शुक्रवार का कलेक्शन
Don't Miss!
- News
ये किस बल्लेबाज की 'आत्मा' आर अश्विन के अंदर आ गई थी, जीत के जश्न के बाद किया नाम का खुलासा
- Automobiles
हो जाएं तैयार! आ रही है हुंडई की नई टक्सन एसयूवी, मिलने वाले है शानदार फीचर्स
- Finance
अजब-गजब : 60 साल बाद बेटे को मिली पिता की Bankbook, 12684 रु के बन गये 9.33 करोड़ रु
- Lifestyle
पांव का ठंडे रहना हो सकती है हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या, जानें इसके लक्षण
- Travel
2000 साल पुराना एक ऐसा मंदिर जिसे नहीं तोड़ सका औरंगजेब
- Technology
अब बस एक मुस्कान के साथ करें मास्टरकार्ड से भुगतान
- Education
GBSHSE HSSC 2022 Marksheet Download Link: गोवा बोर्ड की कक्षा 12वीं के परिक्षा परिणाम 21 मई को होंगे घोषित
- Sports
जोकोविच ने कोरोना को लिया हल्के में, अब सामने आया राफेल नडाल का बयान
बॉक्स ऑफिस पर 'फिल्मी पंच'
आज की पहली फिल्म है संजय लीला भंसाली की 'माई फ्रेंड पिंटो' है। प्रतीक और कल्की कोचलिन पहली बार कॉमेडी बेस्ड फिल्म में नजर आए हैं। प्रतीक यानि माइकल पिंटो गोआ के एक छोटे से गांव में रहता है। वो हर किसी की मदद करने को तैयार रहता है और खुद की तरह सरल, दयालु और ईमानदार वह दुनिया वालों को भी समझता है। उसकी छोटी सी अपनी दुनिया है जिसमें उसकी मां, संगीत और उसका दोस्त समीर शामिल है। समीर वर्षों पहले गोआ छोड़कर मुंबई रहने चला गया था।
पिटो ने अपने फ्रेंड को कई खत लिखे लेकिन उसका कोई भी जवाब नहीं आता, अचानक उसकी मां की मौत के बाद वह अपने दोस्त समीर को ढूंढने के लिए मुंबई जा पहुंचता है। यहां से पिटों का सामना होता है जिंदगी से प्रतीक बब्बर पहली बार लीड रोल में नज़र आए हैं जो हर फिल्म के किरदार से पूरी तरह अलग है। प्रतीक कुछ सीन में थोड़ा कनफ्यूज नजर आए हैं लेकिन अपने किरदार को संभाल लिया है। कल्कि ने थोड़े समय के लिए काम किया है लेकिन इस बार भी अच्छा काम किया है। आप फिल्म को एक बार देखने जा सकते हैं। रेटिंग- 3/5
अलग ही कहानी के लिए फेमस डायरेक्टर नागेश कुकनूर की काफी लंबे समय के बाद 'मोड़' लेकर आए हैं। नागेश ने एक बार फिर अपनी चहेती हीरोइन आयशा टाकिया को ही लीड रोल में लिया है। आयशा यानि अरण्या घड़ी की दुकान चलाती है। तभी घड़ी सुधरवाने के बहाने हर रोज एक लड़का एंडी, अरण्या के पास आने लगता है। दोनों प्यार में पड़ जाते हैं। लेकिन एक दिन अरण्या को पता चलता है कि एंडी तो सालों पहले मर चुका है। यहा से खुलता है एंडी का रहस्य शुरुआत में तो फिल्म धीमी है, पर जब सस्पेंस खुलने लगता है, तो कहानी दिल छू लेती है। फिल्म में आयशा टाकिया का परफॉरमेंस काफी अच्छा है। हर फिल्म की तरह नागेश की यह फिल्म 'मोड़' भी दिल से फिल्म देखने वालों के लिए है। रेटिंग- 3/5
'जो डूबा सो पार…इट्स लव इन बिहार', बिहार पर ही बनी है बदमाश स्टूडेंट केशू को जब स्कूल से निकाल जाता है तो वो अपने ट्रक ड्राइवर पिता के साथ काम करने लगता है। तभी फिरंगी लड़की सपना पेंटिंग की रिसर्च के लिए बिहार आती है और केशू उसे पसंद करने लग जाता है।
इस फिल्म का फर्स्ट हाफ इंप्रेसिव है लेकिन सेकेंड हाफ में फिल्म प्रेमिका के अपहरण और उसे बचाने की कोशिश करते हुए फिल्म थोड़ी बोर लगने लगती है। लीड एक्टर आनंद तिवारी, रजत कपूर, विनय पाठक, पीतोबाश त्रिपाठी के बिहारी अंदाज में डायलॉग डिलीवरी कमाल की है। फिल्म को देख कर ऐसा लगता है कि इसे जल्दबाजी में पूरी की गयी है।
रेटिंग- 3/5
आदित्य चोपड़ा की फिल्म 'मुझसे फ्रेंडशिप करोगे' भी इसी हफ्ते रिलीज हुई इस फिल्म में साकिब सलीम और सबा आजाद लीड रोल में है। आज के जनरेशन को ध्यान में रख कर बनायी गयी फिल्म है फिल्म की कहानी चार युवाओं पर आधारित है जो सोशल नेटवर्किंग साईट फेसबुक के बहुत आदी हैं। राहुल एक रॉकस्टार है जबकि विशाल एक लेखक, प्रिटी एक फोटोग्राफर है जिसे लड़कों से नफरत है तो खूबसूरत मालविका एक फैशन डिजायनर स्टूडेंट है। चारों की लाइफ में चक्कर है फेसबुक का, सबने फेसबुक पर अपनी नकली पहचान बनाकर रखी है जिसे यह हमेशा छुपाकर रखते हैं। फेसबुक पर चैटिंग से इनके बीच प्यार पनपता है मगर जब असलियत का पता चलता है तो घोर घन चक्कर पैदा होता है। आगे क्या होता है 'मुझसे फ्रेंडशिप करोगे' की कहानी इसी के इर्दगिर्द घूमती है। कहानी में नयापन है और काफी सिंपल भी है लेकिन इसके साथ उबाउ भी है। रेटिंग- 2.5/5
'अजान' की बात करें तो इस फिल्म से अपना कैरियर स्टार्ट करने वाले हीरो सचिन जोशी पर निर्माता ने दिल खोलकर पैसा लगाया है। यह फिल्म एक युवा लड़के अज़ान खान के इर्द गिर्द घूमती है जो रॉ(रिसर्च एंड अनालिसिस विंग) में काम करता है। वह खबरी का काम करता है जो दुश्मनों की चालों का पता लगाता है ताकि देश को इनसे बचाया जा सके। वह देश की रक्षा करने को किसी भी हद तक जाने को तैयार है।
इसी दौरान उसकी मुलाकात आफरीन से होती है। वह उसे इस बात का अहसास दिलाती है कि वह अपने काम कि वजह से बहुत ही हिंसक हो गया है और उसमें भावनाओं की कमी है। इस तरह से अजान की में शुरू होती है असली कशमकश। नये चेहरों की वजह से यह फिल्म दर्शकों को खिंचने में कामयाब नहीं रहेगी। स्टोरी पहले हाफ के बाद लड़खड़ा गयी है लेकिन एक्शन का डोज़ कुछ हद तक पसंद आएगा। रेटिंग- 2/5