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    बॉक्स ऑफिस पर टाईगर इज़ बैक- रिव्यू

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    बैंगलोर। जब वो चलता है तो यूं लगता है कि जंगल में टाईगर की एंट्री हो रही हो, जब वो बोलता है तो हर कोई खामोश होकर सिर्फ उसकी बात सुनता है। हर किसी को पता है कि वो कमिटमेंट का पक्का है, और मौत तो उसके नाम से ही डरती है। कुछ यहीं अंदाज है सलमान खान का उनकी आज 15 अगस्त को रिलीज हुई फिल्म 'एक था टाईगर' में।

    लगातार पिछले कुछ हफ्तों से बॉक्स ऑफिस पर 'गैंग्स ऑफ वासेपुर', 'जिस्म 2' और 'क्या सुपर कूल हैं हम' जैसी फिल्मों ने अपना कब्जा जमा रखा था। इन फिल्मों को देखने कोई अपने परिवार संग तो नहीं गया लेकिन इसके बावजूद इन फिल्मों ने काफी अच्छा बिजनेस किया। यूं लगा कि शायद दर्शकों का टेस्ट बदल गया है अब उन्हें जिस्म की नुमाइश करने वाली और साथ ही दोहरे संवादों से भरी फिल्में पसंद आने लगी हैं। लेकिन इसके बावजूद कबीर खान द्वारा निर्देशित सलमान की 'एक था टाईगर' के साथ वापसी के बाद एक बार फिर से दर्शकों ने जाहिर कर दिया कि कुछ भी हो जाए पर बॉलीवुड के इस टाईगर के सामने कोई नहीं टिक सकता।

    पूरे हॉल में सन्नाटा पसरा रहा और उसकी एंट्री के बाद से उसके एक एक डायलॉग पर लोगों ने तालियां और सीटी बजाकर सलमान खान के लिए अपनी मोहब्बत की दीवानगी जाहिर की। सिनेमाहॉलों के बाहर लंबी कतारें और हाउस फुल का बोर्ड एक गुजरे हुए जमाने की याद दिला दी जब हिन्दी सिनेमा के दीवाने ब्लैक में एक का दो एक का दो करते नजर आते थे।

    कहानी- फिल्म की कहानी की शुरुआत हुई ट्रिनिटी कॉलेज के एक वैज्ञानिक से जिसपर भारत सरकार को शक होता है कि वो अपनी मिलाइल टेक्नॉलॉजी पाकिस्तान को बेच रहा है। उस वैज्ञानिक पर नज़र रखने के लिए भारत सरकार अपनी खूफिया एजेंसी रॉ के एक जासूस टाईगर (सलमान खान) को डब्लिन भेजती है। डब्लिन जाकर टाईगर उस वैज्ञानिक तक पहुंचने की बहुत कोशिश करता है लेकिन वो पहुंच नहीं पाता और फिर वो उसकी पार्ट टाईम केयरटेकर जोया(कैटरीना कैफ) के जरिये उस वैज्ञानिक तक पहुंचने का फैसला करता है।

    टाईगर जोया को पटाने की कोशिश में धीरे धीरे जोया के करीब आ जाता है और उसे जोया से प्यार हो जाता है। पहले तो वो बहुत कोशिश करता है कि अपने प्यार को ना जताये लेकिन फिर वो अपना प्यार जाहिर कर देता है। जब रॉ एजेंसी को इस बात का पता चलता है तो टाईगर जोया से प्यार करता है तो वो टाईगर को जोया से अलग करने की कोशिश करते हैं और टाईगर करो वापस लाने की पूरी कोशिश करते हैं। लेकिन टाईगर जोया को नहीं छोड़ता और फिर शुरु होती है टाईगर की अपने प्यार के लिए लडा़ई।

    फिल्म में सलमान और कैटरीना के बीच की छेड़छाड़, रोमांस और टाईगर के रोंगटे खड़े कर देने वाले एक्शन द्रशकों को फिल्म के अंत तक बाधे रखते हैं लेकिन इसके बावजूद कहीं कहीं पर टाईगर का जिंदगी से भी बड़ा किरदार यानी कभी ना मरने वाला किरदार कुछ हद तक थोड़ा बोरिंग लगा है। यूं लगता है कि सलमान के इन किरदारों को घूमफिर कर दोहराया जा रहा है। वास्तिवकता से फिल्म कई जगह कोसो दूर नज़र आती है।

    कुछ खट्टी कुछ मीठी आलोचना- फिल्म के कुछ गाने वाकई काफी खूबसूरत हैं जैसे माशाअल्लाह, एक था टाईगर टाइटल सांग इसके अलावा फिल्म में कैटरीना को करने के लिए ज्यादा कुछ नहीं था अपनी बैली डांस परफार्मेंस से कैटरीना ने सबको शॉक्ड कर दिया मगर एक्टिंग के मामले में कुछ खास नहीं दिखाया। जैसा कि कैटरीना ने अपने इंटर्वयू में कहा था कि मैं खान की फिल्मों कोई शो पीस नहीं होती इस बात को इस फिल्म ने कुछ हद तक झुठला दिया है।

    सलमान और कैटरीना के अलावा फिल्म में गिरीश कार्नाड (रॉ चीफ) और रणवीर शोरे (टाईगर का सीनियर) ने अपने किरदारों के साथ पूरा न्याय किया है। सलमान और कैटरीना की मोहब्बत की दीवानगी और साथ ही कैटरीना का सलमान की शादी को लेकर सवाल करना कुछ ऐसी बातें हैं जो फिल्म को इन दोनों कपल की जिंदगी की हकीकत से जोड़ता है।

    फिल्म का संदेश- स्वतंत्रता दिवस पर एक था टाईगर को रिलीज करने की एक बहुत बड़ी वजह ये भी थी कि फिल्म स्वतंत्रता दिवस पर एक संदेश भी देती है कि प्यार का किसी मजहब या किसी देश की सीमा से कोई ताल्लुक नही हैं। मोहब्बत स्वतंत्र है देश की सीमाओं से मजहब की दीवारों से और हर एक बंदिश से।

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