twitter
    For Quick Alerts
    ALLOW NOTIFICATIONS  
    For Daily Alerts

    Dhadak Movie Review: ईशान खट्टर शानदार, जाह्नवी कपूर ने जीत लिया दिल, यहां पीछे रह गई धड़क

    |

    Recommended Video

    Dhadak Movie REVIEW: Jhanvi Kapoor & Ishaan Khatter SHINE in entertaining film | FilmiBeat

    Rating:
    2.5/5
    Star Cast: जाह्नवी कपूर, ईशान खट्टर, आदित्य कुमार, खराज मुखर्जी, ऐश्वर्या नारकर
    Director: शशांक खेतान

    फिल्मों की रीमेक मेकर्स के लिए काफी मुश्किलें लेकर आते हैं। खासकर तब जब फिल्म सैराट जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्म पर आधारित हो। सैराट सिर्फ एक मराठी फिल्म ही नहीं बल्कि एक वृत्तांत है। जब शशांक खेतान ने धड़क को चुना तो कई तरह की बातें होने लगीं, कईयों को लगा कि सैराट जैसी क्लासिक फिल्मों को छुआ नहीं जाना चाहिए वहीं कईयों ने ये भी कहा कि क्लासिक फिल्म को दोबारा से अलग ढंग से दिखाए जाने का अलग ही फ्लेवर है। तो क्या शशांक खेतान की फिल्म लोगों के दिलों को जीतने में कामयाब हो पाई है?.. जवाब है हां भी और न भी!

    महाराष्ट्र की इंटीरियर जगहों के अलावा शशांक ने इस लव स्टोरी को राजस्थान के उदयपुर में बेहद खूबसूरती से दिखाया है। जहां मधुकर (ईशान खट्टर) अपना दिल एक ऊंची जाति समाज की लड़की पार्थवी (जाह्नवी कपूर) को दे बैठता है। पार्थवी वहां के जाने माने बाहुबली नेता की बेटी है। वहीं देखते ही देखते पार्थवी भी मधुकर के प्यार में पड़ जाती है। जहां एक तरफ दो प्यार करने वाले दुनिया से बेखबर हैं वहीं दूसरी तरफ ऊंच-नीच जाति की दीवार उन्हें एक बड़ा कदम उठाने पर मजबूर कर देती है। क्या उनका ये प्यार वक्त के मुश्किल इमतिहान से गुजर पाएगा या फिर ये दोनों कभी खुश रह पाएंगे?

    dhadak-plot-and-rating-janhvi-kapoor-Ishaan-Khattar

    हिंदी सिनेमा की बात करें तो ट्रैजिक लव स्टोरी वाली फिल्में पहले भी काफी सफल रह चुकी हैं। वहीं देखा जाए तो हिंदी फिल्मों में कास्ट यानी जाति को लेकर मसान, अंकुर, अछूत कन्या जैसी गिनी- चुनी फिल्में ही हैं। वहीं इस जॉनर में सबसे क्लासिक फिल्म 1959 में आई बिमल रॉय की फिल्म सुजाता भी है। जिसमें एक दलित लड़की (नूतन) को ब्रहाम्ण लड़के (सुनील दत्त) से प्यार हो जाता है। इस फिल्म में भी दो प्यार करने वाले समाज की कुरीतियों से जंग जीत ही जाते हैं। बात करें धड़क की तो ये फिल्म इंटर कास्ट शादी और ऊंची-नीची जाती को लेकर समाज में फैली कुरूतियों की सच्चाई दिखाती है।

    आप खुश हों इससे पहले हम आपको बता दें कि धड़क बेशक अच्छी फिल्म है लेकिन ये फिल्म कई जगहों पर महज अमीर लड़की-गरीब लड़के के प्यार की कहानी लगने लगती है। शशांक क्लाइमैक्स से पहले फिल्म के ज्यादातर टाइम में सिर्फ ऊंच-नीच जाति के मुद्दे को दिखाते रहते हैं। इस जगह धड़क सैराट से मात खा जाती है। वहीं फिल्म मेकर ने ऑरिजनल फिल्म से कुछ सीक्वेंस छोड़ दिए हैं जो कि प्लॉट के लिए काफी जरूरी थे। इसमें मधुकर और पार्थवी की अलग-अलग परवरिश के बारे में दिखाया जाना था।

    dhadak-plot-and-rating-janhvi-kapoor-ishaan-khatter

    जाह्नवी कपूर और ईशान खट्टर स्टारर इस फिल्म में आप सैराट की सादगी और मासूमियत तलाश करते रह जाएंगे। फिल्म के पहले कुछ घंटों में आप ईशान और उसके दोस्तों की शानदार कैमिस्ट्री और जाह्नवी के लिए प्यार वाले सीन्स को खूब इंजॉय करेंगे। वहीं इंटरवल के बाद जब फिल्म की तीव्रता बढ़ने की उम्मीद होगी तभी फिल्म पस्त होती नजर आएगी। इस फिल्म में दिखाई गई सामाज की दुखद सच्चाई आपको हिलकर रख देने के बजाए कुछ खास इंप्रेस नहीं कर पाती।

    सबसे खास बात है इस फिल्म का क्लाइमैक्स जिसमें शशांक खेतान ने बदलाव किए हैं जिससे की धड़क ऑरिजनल फिल्म सैराट से थोड़ी अलग हो सके.. यहां कर मेरे हिसाब से शशांक ने सबसे बड़ी गलती कर दी। जहां एक तरफ क्लाइमैक्स आपको झंकझोर पाता है वहीं दूसरी तरफ सैराट की तरह लंबे वक्त के लिए याद नहीं रह पाता। सैराट की बात करें तो फिल्म के आखिरी 10 सेकेंड ऑडिएंस आज तक नहीं भूली है जहां खून से सने बच्चे छोटे-छोटे पांव के निशान और फिल्म के क्लोजिंग क्रेडिट के साथ डरा देने वाले थीम म्यूजिक ने ऑडिएंस को हिलाकर रख दिया था।

    सैराट का पार्शया दुबला-पतला सा लड़का था, जो अक्सर मार खाता रहता था लेकिन यहां कैमरा आपको ईशान खट्टर के सिक्स पैक एब्स दिखाने में पीछे नहीं हटता। मलिन बस्तियां और झोपड़ियों में भी आपको एक शानदार दिखने वाले लड़का दिखाया जाएगा। फिल्म के सेकेंड हाफ में गरीब बस्ती के लोगों को दिखाने के लिए राजस्थानी सलवार, मलमल घाघरा और सिंपल लेकिन खूबसूरत कुर्ती है.. गरीबी पर ये नजरिया करण जौहर का ही हो सकता है।

    dhadak-plot-and-rating-janhvi-kapoor-ishaan-khatter

    परफॉर्मेंस की बात करें तो ईशान खट्टर की वजह से आप धड़क में कई कमियों के बावजूद KJo & Co को माफ कर देगें। माजिद मजीदी की फिल्म बियॉन्ड द क्लाउड्स में शानदार डेब्यू के बाद धड़क में इस नए एक्टर ने शानदार परफॉर्मेंस दी है। चाहे वो खुशी हो, दुख हो या फिर कॉमेडी ईशान खट्टर ने हर इमोशन में जान डाल दी है। वहीं इन्हीं सब बातें की वजह से आप धड़क के मासूम मधुकर के प्यार में पड़ जाएंगे।

    जाह्नवी कपूर को देखा जाए तो वे स्क्रीन पर काफी शानदार दिखी हैं। वहीं एक्टिंग की बात करें तो डेब्यू एक्ट्रेस के तौर पर उन्होंने काफी अच्छा काम किया है। दूसरी तरफ अपनी उन्हें काफी काम करने की जरूरत भी है खासकर जब बात डायलॉग डिलिवरी की आती है। इन सबके बाद सैराट को देखें तो इस फिल्म का सबसे दमदार किरदार था रिंकी राजगुरू का आर्ची, जिसे इस फिल्म का हीरो माना गया था। अगर तुलना की जाए तो जाह्नवी कपूर का किरदार पार्थवी काफी फीका है।

    इस फिल्म में श्रीधर वत्सत मधु के दोस्त पुरुषोत्तम का किरदार निभा रहे हैं जो आपको काफी हंसाएंगे। अंकित बिश्ट भी ठीक-ठाक हैं। दुर्भाग्य से आशुतोष राणा जैसे दमदार स्टार को स्क्रीन पर ज्यादा वक्त नहीं मिला है।

    dhadak-plot-and-rating-janhvi-kapoor-ishaan-khatter

    मोनीशा बलदावा की एडिटिंग अच्छी है। वहीं विष्णु राव के कैमरे ने राजस्थान और कोलकाता की खूबसूरती को शानदार तरीके से कैद किया है।

    म्यूजिक की बात करें तो धड़क इंप्रेस करती है। अजय-अतुल ने शानदार तरीके से मराठी गाने झिंगाट और ये लागला से हिंदी झिंगाट और पहली बार रीक्रिएट किया है। वहीं धड़क का टाइटल सॉन्ग सबसे ज्यादा शानदार है और वारी रे भी बेहरीन मालूम होता है।

    फिल्म के एक अहम हिस्से में पार्थवी मधुकर से कहती है कि ''बड़ी कोठी नहीं चाहिए, मने म्हारा घर चाहिए, अपना घर''.. जिन लोगों ने सैराट देखी है उनके लिए फिल्म का ये डायलॉग पूरी कहानी बता जाता है। शशांक खेतान की धड़क में आपको करण जौहर की भव्यता दिखेगी लेकिन इशान खट्टर और जान्हवी कपूर अच्छे अभिनय के बाद भी सैराट की सादगी नहीं छू पाते हैं। वहीं दूसरी तरफ जिन लोगों ने नागराज मंजुले की ये डायरेक्टोरियल नहीं देखी है शायद उन्हें शशांक खेतान की ये फिल्म और इसका शानदार क्लाइमैक्स बेहद पसंद आएगा। हमारी तरफ से इस फिल्म को 2.5 स्टार्स।

    English summary
    Dhadak gives you all the grandeur and some noteworthy performances, but fails to capture the essence of Sairat. On the other hand, those who haven't seen the Nagraj Manjule directorial might end up accepting Dhadak with open arms with its cleverly-plotted climax.
    तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
    Enable
    x
    Notification Settings X
    Time Settings
    Done
    Clear Notification X
    Do you want to clear all the notifications from your inbox?
    Settings X
    X