Just In
- 7 hrs ago
रक्षा बंधन बॉक्स ऑफिस रिपोर्ट: तीसरे दिन भी अक्षय कुमार नहीं उठा पाए फिल्म का बोझ, बुरी तरह फ्लॉप
- 12 hrs ago
स्वतंत्रता दिवस: इन फिल्मों में दिखाया गया भारत के बेहतरीन पल, लोगों ने खूब किया पसंद
- 12 hrs ago
Anupama Twist: अधिक-अंकुश के सारे प्लान को चौपट करेगी अनुपमा, सामने खड़े होकर देगी चुनौती
- 12 hrs ago
अक्षय कुमार ने कनाडा की नागरिकता पर बात, इसलिए छोड़ने को तैयार हो गए थे अपना देश भारत
Don't Miss!
- News
आजादी के अमृत महोत्सव के विज्ञापन से नेहरू 'आउट', सावरकर की एंट्री
- Travel
स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली में इन जगहों की मुफ्त में करें सैर
- Finance
LIC : हर महीने मिलेंगे 22000 रु, समझिए प्लानिंग
- Technology
Moto के फोल्डेबल स्मार्टफोन की कीमत जानकर आपके भी उड़ने वाले है होश
- Automobiles
केटीएम ने स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित की बाइक राइड, राइडर्स को होगा रोमांचक अनुभव
- Lifestyle
Azadi Ka Amrit Mahotsav :दुनिया भर के ये 5 देश जो भारत के साथ अपना स्वतंत्रता दिवस करते हैं सेलिब्रेट
- Education
NEET UG Result 2022 Date Time Cut Off Download नीट यूजी रिजल्ट कब आएगा जानिए डेट टाइम कट ऑफ पासिंग मार्क्स
- Sports
जोकोविच ने कोरोना को लिया हल्के में, अब सामने आया राफेल नडाल का बयान
102 Not Out Review: खूब हंसाएगी और इमोशनल करेगी ये फिल्म, एक बार फिर जीत लिया दिल

'बाप कूल, बेटा ओल्ड स्कूल', ये चार शब्द फिल्म को पूरी तरह से समझाने के लिए काफी हैं। उमेशा शुक्ला की 102 नॉट आउट दो किरदारों के इर्द-गिर्द घूमती है और ऑडिएंस को फिल्म इंजॉय करने के कई मौके देती है। फिल्म आपको जितना हंसाएगी उतना ही इमोशन भी कर देगी।
जॉय कॉमौ का कहना है कि 'ग्लास आधा भरा है या आधा खाली इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है.. मैं बस इसे पागलपन भरे अंदाज से इंजॉय करूंगा'.. 102 नॉट आउट आपको बताएगी कि जिंदगी को खुलकर क्यों जीना चाहिए, चाहे वो अच्छी हो या बुरी!
प्लॉट की बात करें तो, फिल्म की शुरूआत होती है मुंबई की खूबसूरत लोकेशन्स से, जिसके बाद ऑडिएंस को ले जाया जाता है शांति निवास में जहां 102 साल के दत्तात्रय वखारिया (अमिताभ बच्चन) और उनके 75 साल के बेटे बाबूलाल (ऋषि कपूर) रहते हैं।
दत्तात्रय के लिए उम्र सिर्फ एक नंबर है और वो जिंदगी को खुल कर जीने में विश्वास रखते हैं। वहीं दूसरी तरफ उनका बेटा बाबूाल हर वक्त अपनी सेहत की चिंता में रहता है, हर मौके को खतरा समझता है। जिसके चलते जिंदगी जी नहीं पाता। बाप-बेटे खूब झगड़ते हैं लेकिन दोनों के बीच में बेहद प्यार भी होता है।
फिल्म में थोड़ा और ड्रामा जोड़ते हैं, दत्तात्रय के घर में काम करने वाले मूर्ख नौकर धीरू (जिमित त्रिवेदी)। एक दिन, दत्तात्रय एनाउंस करते कि उन्हें 118 साल तक जिंदा रहकर सबसे ज्यादा उम्र तक जिंदगी जीने का रिकॉर्ड बनना है लेकिन बाबू का जिंदगी के लिए नीरस रवैया उनके लिए खतरा बन रहा है और इस वजह से खुशदिल पिता अपने बेटे को वृद्धाश्रम भेजने की ठानते हैं।वहीं पिता के इस विचार से डरा हुआ बाबू घर में रहने के लिए हर चैलेंज मानने के लिए तैयार हो जाता है। वहीं इसके बाद पूरी फिल्म में दिखाया गया है किस तरह दत्तात्रय उसके अंदर बदलाव लाता है और उसे अपने आप से सामने करना सिखाता है।
102 नॉट आउट तीन किरदारों के नजरिए से दिखाई गई है, जो इसे और भी दिलचस्प बनाता है। फिल्म का लैंडस्केप का स्कोप काफी सीमित है लेकिन शुक्ला इसे पूरी तरह से इस्तेमाल करते हैं और इसे मजबूती बना देते हैं। फिल्म मशहूर गुजराती नाटक 102 नॉट आउट से ली गई है। इसके लेखक है सौम्य जोशी, जब लेखन की बात आती है तो उनकी लेखिनी का अपना अलग तरीका है। दूसरी तरफ फिल्म के सेकेंड हाफ में आया टविस्ट काफी नाटकीय लगता है और कई सवाल खड़े कर देता है। इस फिल्म में दत्तात्रय की बैकस्टोरी को न दिखाया जाना भी निगेटिव प्वॉइंट है।
102 नॉट आउट दो शानदार एक्टर्स के कंधों पर बनी है। वो हैं अमिताभ बच्चन और ऋषि कपूर, ये दोनों साबित कर देते हैं कि क्यों वो इंडस्ट्री के सबसे शानदार और दिग्गज कलाकारों में शामिल हैं। बिग बी का 'उदार और कूल' डैड का किरदार आपको खुश कर देगा। वहीं दूसरी तरफ ऋषि कपूर चिड़चिड़े बेटे के किरदार में काफी प्यारे लगे हैं। इन दोनों की तारकीय परफॉर्मेंस 102 नॉट आउट को विनर बना देती है। वहीं मजाकिया धीरू के किरदार में जिमित त्रिवेदी ने भी बेहतरीन परफॉर्म किया है।
म्यूजिक की बात करें तो फिल्म के गाने कुल्फी में सोनम निगम की आवाज आपके दिल को पिघला देगी। बच्चे की जान और फिर लौट आई जिंदगी भी अच्छे लगे हैं।
लक्ष्मण उतेकर की सिनेमैटोग्राफी फिल्म के साथ काफी अच्छी तरह घुल जाती है। वहीं बोधादित्य बैनर्जी की एडिटिंग तारीफ के काबिल है।
अमिताभ बच्चन और ऋषि कपूर स्टारर 102 नॉट आउट इमोशन्स और कॉमेडी का खूबसूरत मिक्सचर है। उमेश शुक्ला की ये फिल्म हर उम्र के दर्शक को बिना बोर हुए, शानदार मेसेज देती है। ये फिल्म अपनी फैमिली के साथ इंजॉय करने के लिए बेस्ट है। हमारी तरफ से इस फिल्म मिलते हैं 3.5 स्टार्स!