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संजय दत्त बायोपिक के बारे में जो कुछ सोचा, सब हो गया फ्लॉप, लग गया JHATKA!
राजकुमार हिरानी की संजू का टीज़र देखने के बाद हर किसी को यकीन हो गया है कि ये फिल्म रणबीर कपूर को सीधा 300 - 350 करोड़ क्लब में एंट्री देगी। ये भी माना जा रहा है कि फिल्म सलमान खान की रेस 3 पर भारी पड़ेगी क्योंकि रेस 3 रिलीज़ हो रही है 15 जून को। 28 जून को संजू आने के बाद, रेस 3 को झटका लगना तय है।
लेकिन इन सब बातों के बाद भी दर्शकों का एक वर्ग है जो संजू टीज़र देखने के बाद निराश है। क्योंकि संजू एक आम राजकुमार हिरानी फिल्म निकली।
दरअसल, संजय दत्त का जीवन काफी कंट्रोवर्शियल रहा है और माना जा रहा था कि राजकुमार हिरानी की ये फिल्म इन सारी अंदर की बातों को दर्शकों तक पहुंचाएगी। असली संजय दत्त को दर्शकों तक पहुंचाएगी, लेकिन टीज़र के हल्के फुल्के अप्रोच देखने के बाद लग नहीं रहा कि ऐसा कुछ होगा।
वहीं फिल्म के प्रोड्यूसर विधु विनोद चोपड़ा ने भी कंफर्म कर दिया है कि हमने फिल्म में ना ही संजय दत्त को हीरो बनाने की कोशिश की है और ना ही कुछ कंट्रोवर्शियल दिखाया है।

लेकिन विधु विनोद चोपड़ा ये भूल रहे हैं कि लोग संजय दत्त बायोपिक का इंतज़ार ही केवल इसलिए कर रहे हैं क्योंकि वो संजय दत्त के जीवन के उन काले पन्नों का सच जानना चाहते हैं, संजय दत्त की जु़बानी।
वरना तो संजय दत्त की जीवन एक खुली किताब रही है। जो कुछ भी उन्होंने तब कहा वो इंटरव्यू आज भी मीडिया की सुर्खियां रहते हैं। ऐसे में लोगों को अगर फिल्म से कुछ चाहिए था तो वो था संजय दत्त के पहलू का सच जो कि लग नहीं रहा कि उन्हें मिलेगा।
लोगों को ये देखने का इंतज़ार है कि राजकुमार हिरानी कितनी सच्चाई से ये बायोपिक बना रहे हैं। क्योंकि वो संजय दत्त के काफी अच्छे दोस्त हैं। तो देखना है कि क्या वो संजय की गलतियों पर परदा डालते हैं या जो जैसा है वैसा ही परोसते हैं।

दर्शक ढूंढेंगे जवाब
संजय ने एक इंटरव्यू में बताया था कि किसी ने कहा एके 47 चाहिए, मुझे लगा कि चला के खंडाला के पास कहीं फेंक दूंगा। ये तो सोचा ही नहीं था कि इतना बड़ा कांड हो रहा है या हो जाएगा। पूरी ज़िंदगी ही बदल गई। किसी को नशा नहीं करनी चाहिए।
वैसे 1993 बम ब्लास्ट से जुड़े कुछ जवाब, दर्शक राजू हिरानी की फिल्म से ज़रूर चाहेंगे -

एक संजय और एक नीरजा
दिलचस्प है कि एक लड़की थी नीरजा, जिसकी कहानी हाल ही में लोगों ने देखी, 23 साल की उम्र में उसने लगभग 360 लोगों की जान बचाई थी और 33 साल की उम्र में संजय दत्त की एक नादानी बंबई को काला कर गई थीं...धमाकों के धुंए से! 257 लोगों की मौत के साथ!

इतने थे नादान
संजय दत्त ने 33 साल की उम्र में बंबई बम ब्लास्ट से ठीक पहले काफी बड़ा कांड किया। ध्यान दीजिएगा संजय दत्त की उम्र उस वक्त 33 साल थी, तो क्या वो इतने नादान थे कि उन्हें समझ नहीं आया कि ऐसे वक्त में एके 56 राइफल वो किससे खरीद रहे हैं!

असलहा से राइफल तक
संजय दत्त ने अपने बयान में कहा था कि जब वो राइफल खरीद रहे तो कुछ लोगों ने उन्हें हैंड ग्रेनेड भी दिखाए। और पूछा भी कि क्या वो बारूद के गोले खरीदेंगे। इतने के बाद भी संजय ने पुलिस को इत्तिला करना ज़रूरी क्यों नहीं समझा!

257 जान गईं
संजय दत्त ने एक डीटेल छिपाई जिसका असर 12 मार्च को पूरी बंबई ने देखा जब 13 सिलसिलेवार बम धमाकों में 257 लोगों को जान चली गई और करीब 750 लोग घायल हो गए।

क्यों नहीं किया कुबूल
जब संजय दत्त ने राइफल खरीदी थी और उन्हें पता चला कि वही लोग ब्लास्ट के दोषी हैं तो उन्होंने इस बात को कुबूल करने की बजाय चुप रहना बेहतर समझा। जबकि उनसे पूछा गया, तब भी!

कैसे दोस्त बनाए थे
संजय दत्त ने राइफल और उसके बाद एक गन अपने दोस्त से खरीदी थी। वो अबू सलेम से भी मिले। उन्होंने अपने घर के गराज में एक स्मगलिंग का आया माल भी रखवाया...किस तरह के लोगों से संजय दत्त की दोस्ती थी!

डर बड़ा था या फर्ज़
संजय दत्त को जब पता चला कि उनके 'दोस्तों' के पास इतनी भारी मात्रा में असलहे और बारूद है तो भी उन्होंने पुलिस को इत्तिला करना ज़रूरी नहीं समझा। जबकि बंबई पहले ही दंगों में सुलग रही थी। क्या डर एक 33 साल के आदमी के फर्ज़ से बड़ा था?

काम में कैसे लगे थे
इतना बड़ा कांड हो जाने के बाद, 257 लोगों की जान चली जाने के बाद संजय दत्त आराम से किसी आतिश नाम की फिल्म की शूटिंग कर रहे थे, मॉरीशस में! कैसे?

आज भी मुंबई के हीरो!
कहते हैं ना कि इस देश की जनता का दिल बहुत बड़ा है। तभी तो इतने कांड करने के बावजूद संजय दत्त इस देश के हीरो हैं। लोगों के हीरो हैं। मुंबई के हीरो हैं। उस मुंबई के जिसके 257 लोगों की जान उनकी एक 'नादानी' ने ली थी! क्या ये स्टारडम संजय दत्त को काटती नहीं!