twitter
    For Quick Alerts
    ALLOW NOTIFICATIONS  
    For Daily Alerts

    ‘तीसमारखां’:शीला का जादू सर चढ़ के बोला

    By Staff
    |
    ‘तीसमारखां’:शीला का जादू सर चढ़ के बोला

    पवन झा, संगीत समीक्षक

    बीबीसी हिंदी डॉट कॉम के लिए

    ‘तीस मार खां’ के संगीत, ख़ासकर गाना 'शीला की जवानी' ने इस समय धूम मचा रखी है.

    साल की सबसे बहुप्रतीक्षित फ़िल्मों में से एक ‘तीस मार ख़ां’, के संगीत ने इस समय धूम मचा रखी है.

    ख़ासकर गाना "शीला की जवानी" हर गली-मुहल्ले से लेकर शहरों के डिस्कोथेक्स और महफ़िलों मे सब जगह सुनाई पड़ रहा है. इस गाने की धूम देखते हुए ये कहना ग़लत नहीं होगा कि इसकी फ़िल्म को ज़ोरदार ओपनिंग देने में काफ़ी बड़ी भूमिका रहेगी. फ़िल्म चौबीस दिसम्बर को रिलीज़ हो रही है.

    फ़िल्म की निर्देशक फ़राह खान हैं जिनकी पिछली दोनों फ़िल्में, "मैं हूं ना" और "ओम शांति ओम", मनोरंजन की कसौटी पर भी खरी उतरी थी और बॉक्स ऑफ़िस पर भी सफल रहीं थीं. इसलिये ‘तीस मार ख़ां’ की भी सफलता के कयास लगाए जा रहे हैं.

    पवन झा ने एल्बम को पाँच में से ढाई अंक दिए हैं.

    बात करते हैं फ़िल्म के साउंडट्रैक की. पूरे एल्बम में पांच मुख्य गीतों के साथ चार रीमिक्स ट्रैक्स हैं. फ़िल्म में मुख्य संगीतकार विशाल-शेखर की जोड़ी है, मगर फ़िल्म का टाइटल गीत ‘तीस मार ख़ां' का संगीत निर्माता शिरीष कुंदर ने दिया है.

    एल्बम की शुरुआत टाइटल गीत से होती है. फ़िल्म के मुख्य किरदार तीस मार ख़ां का परिचय देता ये गीत काफ़ी मज़ेदार बन पड़ा है. गीत की ख़ासियत सोनू निगम की गायकी है जिन्होंने पचास से ज़्यादा तरीके से ‘तीसमार ख़ां’ गाया है. पुरुष, महिला, कोरस, सभी स्वर सोनू निगम के हैं. सोनू की कलाकारी के अतिरिक्त फ़िल्म के कथानक पर आधारित मज़ेदार ‘वन-लाइनर्स’ इस गीत को हास्य का अलग रंग देते हैं.

    साउंडट्रैक का अगला गीत ‘शीला की जवानी’ अब परिचय का मोहताज नहीं है और एक चार्ट-बस्टर के रूप में अपनी जगह बना चुका है. विशाल-शेखर ने सीधी और सरल धुन के आधार पर गीत रचा है. सुनिधि चौहान की नशीली और दमदार आवाज़ का जादू गीत को ज़रुरी माहौल प्रदान करता है. मगर इस तरह के गीतों की लोकप्रियता में म्यूज़िक वीडियो का बहुत बड़ा योगदान रहता है और गीत के सफलता में पर्दे पर कैटरीना कैफ़ की मोहक अदाओं का योगदान नकारा नहीं जा सकता.

    ’वल्लाह रे वल्लह वल्लाह’ आधुनिक फ़िल्मी क़व्वाली का रंग लिये हुए है, जिसको फ़राह-शिरीष की अब तक की फ़िल्मों में हमेशा जगह दी गई है. शेखर, राजा हसन, कमाल ख़ान और श्रेया घोषाल की आवाजों में ये क़व्वाली गतिशील (एनिमटेड) है. पर्दे पर अक्षय कुमार, कैटरीना कैफ़ और सलमान ख़ान (विशेष उपस्थिति) की तिकड़ी की वजह से फ़िल्म की रिलीज़ के बाद ज्यादा पसंद किया जा सकता है.

    लेकिन जो गीत सबसे ज़्यादा निराश करता है वो है ‘बड़े दिल वाला’. धुन और सुखविंदर की गायकी के लिहाज़ से गीत असरदार बन सकता था मगर गीत के बोल निराश करते हैं और बेहद काम चलाऊ तुकबंदी गीत के प्रभाव को कम करते हैं. शायद गीत के बोलों पर थोड़ी मेहनत की जाती तो सुनने लायक बन सकता था.

    ‘हैप्पी एंडिंग’ फ़राह की फ़िल्मों के स्थायी टैम्प्लेट में ‘एन्ड-क्रेडिट्स’ के म्यूज़िक वीडियो की तरह रचा गया है. फ़राह ने इस गीत में रियेल्टी शोज़ की देन कई गायकों जैसे हर्षित सक्सेना, प्राजक्ता शुक्रे, अभिजीत सावंत और देबोजीत साहा को मौका दिया है. विशाल-शेखर ने कोरस में इन युवा आवाज़ों के संगम के साथ संगीत रचा है.

    मगर पूरे एल्बम में एक रूहानी रोमांटिक गीत की कमी अखरती है. फ़राह-शिरीष की पिछली फ़िल्मों के साउंडट्रैक के रोमांटिक गीत आज भी सुने-गुनगुनाए जाते हैं. उस लिहाज़ से एल्बम में विविधता नहीं है.

    फ़िल्म के गीत थीम के अनुरूप हैं और फ़िल्म को ज़रूरी आधार प्रदान करते हैं. मगर ये कितनी दूर तक जाएंगे, ये फ़िल्म की कामयाबी पर बहुत कुछ निर्भर करता है.

    नम्बरों के लिहाज़ से एल्बम को पाँच में से ढाई अंक.

    तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
    Enable
    x
    Notification Settings X
    Time Settings
    Done
    Clear Notification X
    Do you want to clear all the notifications from your inbox?
    Settings X
    X