Just In
- 4 hrs ago
कंगना का बड़ा आरोप- स्टार कपल कर रहा है मेरी जासूसी, कुछ हुआ तो इनकी नन्ही सी बेटी को...
- 5 hrs ago
Tour of Suryagarh Palace: इस महल में शादी रचा रहे हैं सिद्धार्थ-कियारा, एक रात गुजारे की कीमत डेढ़ लाख
- 7 hrs ago
लोलिता भाभी के इस वीडियो को जिसने भी प्ले किया वो मचला, पार की शर्म की सारी हदें
- 8 hrs ago
सपना चौधरी की भाभी ने घर में मचाया बवाल! डांसर और पूरे परिवार की कर दी ऐसी हालत
Don't Miss!
- News
MCU के कुलसचिव प्रोफेसर वाजपेयी की होगी जांच, शैक्षणिक योग्यता का अनुभव पर उठे सवाल
- Finance
अजब-गजब : 18वें बर्थडे पर पहली बार खरीदा लॉटरी टिकट और जीत लिए 3 अरब रु
- Technology
OnePlus Pad में होगा मैग्नेटिक कीबोर्ड,जाने कीमत और लॉन्च डेट
- Lifestyle
पीरियड्स और एनीमिया के लिए फायदेमंद है सुक्कू कॉफी, जानिए इसके अन्य हेल्थ बेनिफिट्स
- Education
विदेश में वारगेम में हिस्सा लेने वाली पहली भारतीय महिल पायलट बनीं अवनि चतुर्वेदी
- Automobiles
टोयोटा ने बढ़ा दी हईराइडर एसयूवी की कीमतें, बाजार में चल रही है भारी डिमांड
- Travel
ये हैं फरवरी में घूमने वाली भारतीय जगहें...
- Sports
जोकोविच ने कोरोना को लिया हल्के में, अब सामने आया राफेल नडाल का बयान
नहीं रहे 'द फ्लाईंग सिख' मिल्खा सिंह, 91 साल की उम्र में कोरोना के बाद हुआ निधन
भारतीय धावक और ओलंपिक्स पदक विजेता मिल्खा सिंह का शुक्रवार, 18 जून की रात निधन हो गया। उनकी उम्र 91 साल की थी और कोरोना से जंग लड़ते हुए पिछले कुछ दिनों से आईसीयू में भर्ती थे। आईसीयू में उनकी तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही थी। गौरतलब है कि मिल्खा सिंह की पत्नी निर्मल कौर का पांच दिन पहले ही कोरोना से निधन हो गया था।
मिल्खा
सिंह
के
बेटे
जीव
मिल्खा
सिंह
ने
इस
बात
की
पुष्टि
करते
हुए
इंडियन
एक्सप्रेस
को
बताया
कि
उनके
पिता
नहीं
रहे।
मिल्खा
सिंह,
भारत
के
पहले
धावक
थे
जिन्होंने
ओलंपिक्स
में
भारत
के
लिए
गोल्ड
मेडल
जीता
था।
मिल्खा सिंह, भारतीय सेना का हिस्सा थे और उन्होंने अपना पूरा जीवन देश को समर्पित कर दिया। उनकी ज़िंदगी की कहानी, फरहान अख्तर ने परदे पर उतारी थी जिन्हें देखकर मिल्खा सिंह ने खुद कहा था कि फरहान बिल्कुल हू ब हू, उन्हीं के जैसे लगे हैं। उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ कि परदे पर कोई और है।
भाग
मिल्खा
भाग,
राकेश
ओम
प्रकाश
मेहरा
ने
डायरेक्ट
की
थी
और
भारत
-
पाकिस्तान
के
विभाजन
की
त्रासदी
झेलते
हुए
पाकिस्तान
से
भारत
आए
मिल्खा
सिंह
की
कहानी
देख
सबकी
आंखों
में
आंसू
आ
गए
थे।
उनके
जाने
से
हर
कोई
स्तब्ध
है।

ज़िंदगी में बहुत कुछ झेला
मिल्खा सिंह ने बचपन में ही अपने जीवन में सबसे बड़ी त्रासदी झेली थी। हिंदू - मुस्लिम दंगे और भारत - पाकिस्तान का विभाजन। भारत आने के बाद वो काफी समय तक रिफ्यूजी कैंप में रहते थे। बाद में मेहनत कर उन्हें फौज में भर्ती मिली थी।

1 रूपये में बेची थी अपनी कहानी
फिल्म भाग मिल्खा भाग के लिए फिल्म की कहानी मिल्खा सिंह ने एक रूपये में बेच दी थी। इसके बाद राकेश ओमप्रकाश मेहरा और प्रसून जोशी को फिल्म की कहानी लिखने में ढाई साल लग गए। वो चाहते थे कि एक हीरो फिर से ज़िंदा हो जाए, वापस कभी न मरने के लिए और ऐसा ही हुआ।

पिता के आखिरी शब्द बन गए फिल्म
भाग मिल्खा भाग फिल्म का नाम उन शब्दों से आया था जो मिल्खा सिंह के पिता के आखिरी शब्द थे। मरने से पहले उन्होंने मिल्खा को ये शब्द बोले थे जिससे कि वो अपनी जान बचा पाएं।

फरहान को देख रो पड़े थे मिल्खा सिंह
इस फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग पर मिल्खा सिंह ने अपनी पूरी ज़िंदगी को रिवाइंड कर लिया। फरहान और दिव्या दत्ता के सीन पर मिल्खा रो पड़े। बाद में उन्होंने कहा कि मैं आज मुद्दतों बाद रोया हूं। फिल्म देखकर फरहान की फैन लिस्ट में मिल्खा सिंह भी जुड़ गए। वो फरहान के अभिनय के कायल हो गए थे।

मिल्खा सिंह के जूते
फिल्म में रोम ओलंपिक की रेस शूट करते वक्त फरहान को मिल्खा सिॆंह ने अपने जूते दिए थे। फरहान अख्तर इन्हीं जूतों में रेस में दौड़ते हैं। अब शायद ये जूते, फरहान अख्तर के लिए मिल्खा सिंह की आखिरी निशानी बनकर रह जाएंगे।

फरहान अख्तर से लगाई थी रेस
पहली बार मिलने पर मिल्खा सिंह ने फरहान अख्तर को रेस लगाने का चैलेंज दिया । अब रेस कौन जीता इसका खुलासा कभी नहीं हुआ।
मिल्खा सिंह के निधन से हर कोई स्तब्ध है और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर रहा है। ईश्वर उनके परिवार को ये दुख सहने की शक्ति दे।