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    संगीत के लिए सब छोड़ा

    By Staff
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    संगीत के लिए सब छोड़ा

    सोनू निगम का परिचय देने के लिए कोई भी शब्द पर्याप्त नहीं है. छोटी उम्र से ही सोनू निगम ने गाना प्रारंभ कर दिया था. इनकी प्रतिभा को देख कर बड़े- बड़ों ने दातों तले ऊँगली दबाई.

    सनम बेवफा के गाने से सब की नज़र में आए सोनू ने फिर पीछे मुड़ के नहीं देखा.फिल्म बॉर्डर से ले कर जोधा अकबर तक के गानों के लिए इन्होंने बहुत से अवॉर्ड जीते. अमरीका आए सोनू निगम से रचना श्रीवास्तव ने बात की. पेश है बातचीत के मुख्य अंश.

    आपने बहुत छोटी सी उम्र से गाना प्रारंभ किया और आपको बहुत सराहना मिली. क्या यही वो बात थी जिसने आपको संगीत की तरफ़ आकर्षित किया? नहीं ऐसा नहीं था. जब भी मैं माँ-पापा को स्टेज पर गाते देखता था तो लगता बस यही दुनिया है और जैसे हर घर में एक भाषा होती है, वैसे मुझको लगता था संगीत भी एक भाषा है और माँ पापा उसी में बात कर रहे हैं. बस संगीत इसी तरह से आ गया मुझे. आप पढा़ई में बहुत अच्छे थे. तो क्या जीवन के किसी भी मोड़ पर आपको ये नहीं लगा की पढा़ई भी आपका करियर हो सकती है? मैं संगीत के अलावा बहुत सब कुछ सोचता था. मैं वैज्ञानिक बनना चाहता था, एयर फोर्स में जाना चाहता था.मैं बहुत से खेल खेलता था. बैडमिंटन, टेबल टेनिस खेलता था. क्रिकेट खेलते समय एक बार मेरा हाथ टूट गया था और डॉक्टर ने कहा क्रिकेट बंद. कुल मिला के मैं बहुत कुछ करना चाहता था. पर जब धीरे-धीरे मेरा गला परिपक्व होना शुरू हुआ तो मुझे लगा की संगीत में यदि अच्छा किया तो मेरे सारे अरमान पूरे हो जाएंगे. जब आपने क्रिकेट की बात की है तो ये बताइए की अपने देश की टीम से कौन सा खिलाड़ी आपको सबसे ज़्यादा पसंद है. काम के कारण मैंने सब कुछ त्याग दिया जो मुझे पसंद था और मैं इतना क्रिकेट नहीं देख पाता हूँ. पर ऐसा नहीं कि यदि सामने चल रहा हो तो नहीं देखूंगा. हमारी टीम जब अच्छा खेलती है तो मुझे अच्छा लगता है पर हार की वजह से मुँह लटका कर नहीं बैठता. धोनी, तेंदुलकर सब अच्छे खिलाडी हैं. पर आपने सब कुछ त्याग क्यों दिया? मुझे लगता है कि मेरा काम कर्म करना है और यदि मै इन सब में डूब जाऊँ तो अपने कर्म से विमुख हो रहा हूँ. संगीत मेरे लिए पूजा है और मेरा जन्म इसी के लिए हुआ है. आप ऊँचे और नीचे सभी नोट्स पर गा लेते हैं, आपका गाने का रेंज बहुत है.अपने गले को इतना ठीक रखने के लिए आप क्या करते हैं? मै सब कुछ मिला जुला कर करता हूँ .मै कुछ हद तक परहेज़ करता हूँ.आइस क्रीम कभी-कभी खाता हूँ. ठंडा ज़्यादा न खाने से मेरा आधा परहेज़ तो वैसे ही हो गया. रियाज़ की जहाँ तक बात है मैं बहुत गाता हूँ. इतना गाता हूँ कि मेरा गला मंझ जाता है. आप राग पर आधारित गाने भी बखूबी गाते हैं. क्या आपने संगीत सीखा है ? यदि हाँ तो आप का गुरु कौन है?

    मैने संगीत की विधिवत शिक्षा तो कम ही ली है, पर सुना बहुत है. उसी से सीखा है. संगीत की बुनियादी शिक्षा तो मुझे माँ पापा से मिली. कुछ माता पिता अच्छा गाने वाले बच्चों को रोकते हैं और कुछ ज़बरदस्ती भी भेजते हैं. पर मेरे माता पिता ने मुझ पर कोई पाबंदी नहीं की.

    मुझे संगीत में बहने दिया. मैने बहुतों को सुना.रफ़ी जी, आशा जी, लता जी, हेमंत दा,किशोर कुमार,अमित कुमार, बर्मन दादा सहगल जी, तलत महमूद जी, महेंद्र कपूर जी.

    और ग़ज़लों में मैने ग़ुलाम अली, मेहदी हसन साहब और पंकज उदास को. क्लासिकल में मैने बड़े गुलाम अली जी को सुना इन सभी से बहुत कुछ सीखा .दिल्ली में मैने मोहम्मद बहल जी से कुछ महीने लिखित शास्त्रीय सीखा था ताकि जब मै मुंबई आऊं तो मुझे रागों का ज्ञान हो.

    उन्होंने मुझे बहुत अच्छा सिखाया. बाद में मैने गुलाम मुस्तफा साहब से सीखा.उन्होंने मेरी आवाज़ को मांझ दिया. मैने उनसे बहुत कुछ सीखा. आप शुद्ध क्लासिकल (शस्त्रीय ) गाना ज़्यादा पसंद करते हैं या मिश्र राग में गाने गाना ज़्यादा पसंद करते हैं? शुद्ध शास्त्रीय तो मैने ज़्यादा सीखा नहीं है पर मै शास्त्रीय गायन से बहुत प्रभावित हूँ. और हूँ भी क्यों न. ये हमारे गानों का आधार है, आत्मा है.

    शास्त्रीय रागों पर आधारित गाना गाने में मुझे बहुत आनंद आता है क्योंकि गानों में एक आत्मा आ जाती है. मेरा एक एल्बम आया है क्लासिकली माइल्ड. वो मुझको बहुत पसंद है क्योंकि उसमें वो सब कुछ है जो मैं करना चाहता था और नहीं कर पा रहा था. शब्द राग सब कुछ हैं इसमें. मैने आपको स्टेज पर गाते हुए भी देखा है और सुना भी है. आप गाना गाते समय कुछ मिश्रण करते हैं, अपना एक टच देते हैं ऐसाक्यों? मेरा मानना है कि हम चाहे कुछ भी हों यदि हम कुछ देते नहीं हैं तो हमारा इस दुनिया में आने का कोई मतलब नहीं है .यदि वही किया जो हम से पहले लोग कर चुके हैं या मेरे बाद लोग वही करें जो मैं कर रहा हूँ तो फिर इस दुनिया को हमने क्या दिया कुछ नहीं.

    इस लिए मैं नए प्रयोग करता हूँ कि उसमें से कुछ तो अच्छा होगा. कभी कभी मैं सफल होता हूँ और कभी असफल भी होता हूँ . आज कल (कुछ गानों को छोड़ कर ) सार्थक गाने नहीं बन रहे हैं. निरर्थक शब्दों का प्रयोग और संगीत का बिगड़ा रूप प्रस्तुत हो रहा है. हमारे गीत किस दिशा में जा रहे हैं ? ऐसा आज कल ज़्यादा हो गया है. मैने भी गाने गाए हैं पर कुछ ऐसा नहीं है जो याद करूँ. जोधा अकबर के गाने अच्छे हैं.

    आज जो गाने बनते हैं वो थोड़े समय में सफलता पाने के लिए बने हैं और इसमें कोई बुराई नहीं है क्योंकि गाने फिल्मों के लिए बनते हैं तो ऐसे गाने इस हिसाब से ठीक हैं.जब संगीत को आधार बनाया जाएगा तो गाने अलग तरह से बनेंगे. शास्त्रीय गाने भी होंगे, ग़ज़लों का भी समावेश होगा, सब कुछ होगा . आपने जब अपना पहला गाना आजा मेरी जान के लिए रिकॉर्ड किया था तो उस समय आपको कैसी अनुभूति हुई थी? जब मैने गाना गाया था तो मुझे लगा था की बहुत ज़बरदस्त गाना है.मैं हमेशा अपने पापा के साथ ही रिकॉर्ड करता था. पर इस गाने में पापा नहीं थे मेरे साथ. मैने अकेले रिकॉर्ड किया था.वो गाना हांलाकि हिट नहीं हुआ पर उस गाने के कारण टी सीरिज़ के गुलशन कुमार जी की निगाहों में आया. उनको लगा कि मैं अच्छा गाता हूँ जिससे मुझे बहुत काम मिला. आपने रेडियो जॉकी का भी काम किया है.लाइफ़ की धुन विद सोनू निगम, उसमें आपने लता जी का लंबा साक्षात्कार लिया था. आपने उनको कैसे मनाया इतने लंबे साक्षात्कार के लिए? सभी को लगता था कि मैं जो काम कर रहा हूँ वो सीरियस काम है. लता जी को मालूम था कि मैं जब सोनू के पास जाउंगी वो मुझसे कोई उल्टे सीधे सवाल नहीं पूछेगा तो वो आ गईं.

    आप गायक है,एंकर हैं,अभिनेता है,रेडियो जॉकी है, कवि भी है. क्या अब भी कुछ ऐसा है जो आप करना चाहते हैं? अभी मैं वो कर रहा हूँ जो कभी नहीं किया. मै बहुत लोगों से मिला बहुत सी जगह पर गया. पर अपने आप से कभी नहीं मिला. अब मै अपने आप से मिल रहा हूँ. अभी कुछ और करना है ऐसी कुछ अभिलाषा नहीं है. खाली समय में आप क्या करते हैं? मै अपने आप को कभी खाली नहीं छोड़ता हूँ क्योंकि जब खाली हो तो लगता है कि मैं बोर हो रहा हूँ. खाली समय में भी मैं अपने आप से मिल रहा होता हूँ . वैसे मुझे वर्क आउट का बहुत शौक है वो करता हूँ लोगों से मिलता हूँ संगीत पर काम करता हूँ और वक़्त गुज़र जाता है. आपके भविष्य का प्रोजेक्ट क्या है? माइकल जैक्सन की दुखद मृत्यु हो गई. कुछ लोग अच्छी बात कर रहे थे और कुछ लोग नकारात्मक बात कर रहे थे.मैने सोचा की इनको कोई दिशा दें कि अच्छा काम करने को कहा जाए.

    मैने लोगों से कहा की माइकल जैक्सन के लिए गाना लिखो तो गाना लिखा गया, फिर गिटार की धुन तैयार हुई. बस एक गाना बन गया. उस को गा कर देखा और अभी उस पर ही काम कर रहा हूँ. ऐसे विषय पर फ़ेसबुक पर पहली बार गाना बना है. आपने हिंदी ,पंजाबी ,कन्नड, और बहुत सी भाषाओँ में एल्बम निकाली है. क्या आप इंग्लिश में भी एल्बम निकलने की सोच रहें हैं ? अंग्रेज़ी एल्बम पर मैं काम कर रहा हूँ .अब यहाँ पर हूँ तो ऐसे लोगों से मिल रहा हूँ जिनके साथ कुछ नया कर रहा हूँ. और इसको करने में मुझे बहुत आनंद आ रहा है.

    मैने भारत की लगभग सभी भाषाओं में कार्य किया और खास कर कन्नड में जिसमें पिछले साल मुझे फिल्म फेयर अवार्ड मिला था. आपने सब के लिए गाने गाए पर बच्चों के लिए आपने कोई गाने नहीं गाए. क्या बच्चों के लिए कोई वीडियो एल्बम निकालने की योजना है? बच्चों के लिए गाने का मेरा प्रोग्राम था. मैने उस पर कुछ काम भी किया था फिर मेरा ट्रेवल इतना हो गया कि आगे कुछ काम हो नहीं पाया. मैं बच्चों के लिए नर्सरी राइम की एल्बम निकालना चाहता हूँ. आपने कुछ गाने भी लिखे हैं- चंदा की डोली में,और एक देश भक्ति का गाना भी लिखा था.क्या और भी गाने लिखने का इरादा है? मैने किस्मत का गाना भी लिखा है,सपनों की बात एल्बम में मैंने गाने लिखे हैं. मै फिल्मों में नहीं लिखता क्योंकि वहां का माहौल अलग होता है. आपकी हिंदी इतनी शुद्ध और समृद्ध कैसे है? मै पढ़ाई बहुत करता था और हिंदी हमारी मात्रभाषा है. इसको तो आना ही चाहिए. मैने अपनी हिंदी को मिश्रित होने से बचाया है उसको सुधार कर रखा. आप एक कवि हैं. तो क्यों न इस प्रतिभा को आगे बढ़ाया जाए और आप अपनी एक पुस्तक निकालें? मैं ये सब काम छुपा छुपा कर करता हूँ (हसने लगे) आपने बहुत सी पिक्चर में बाल कलाकारों के रूप में भी अभिनय किया है. तो उस समय आप को कोई डर झिझक नहीं हुआ था? झिझक शुरू शुरू में तो बहुत हुई थी पर बाद में सब ठीक हो गया था. आपने कई फ़िल्मों में बतौर हीरो काम किया है. संगीत से हट कर कला की इस विधा में कार्य करने का अनुभव कैसा रहा ?

    देखिए किसी भी काम के दो पहलू होते हैं. मुंबई में आने के लंबे समय बाद मेरा पहला हिट गाना मार्केट में आया.मैने बहुत स्ट्रगल किया. तब लोगों ने मुझे पसंद करना शुरू किया. किसी भी चीज़ को स्वीकार करने में थोड़ा समय तो लगता ही है. अभिनय के लिए भी यही है कि लोग कई सालों से मुझे बतौर गायक ही जानते थे तो उनको ये बात पचा पाना थोड़ा कठिन हुआ कि हमारा गायक एक अभिनेता भी है.

    इमेज को तोड़ना थोड़ा मुश्किल होता है.जैसे आप यदि अपनी माँ को मम्मी कहती है तो उनको अम्मा ,अम्मी जान या मॉम बुलाना मुश्किल होगा. फिर फ़िल्म का चलना न चलना अभिनेता के हाथ में होता तो अमित जी की अग्निपथ और अक्षय की चांदनी चौक टू चाइना फ्लॉप नहीं होती. आपने अपने नाम की स्पेलिंग में कुछ परिवर्तन किया है. नंबरों के हिसाब से तो आप न्यूमॉरोलॉजी पर बहुत विश्वास करते हैं? मेरा ये मानना है कि भगवान ने जो कुछ भी बनाया है उसका कुछ न कुछ तो मतलब होगा. सब कुछ बेमतलब नहीं है इसीलिए मै पामेस्ट्री को मानता हूँ. न्यूमॉरोलॉजी एक तरह का गणित है और इसे मैं मानता हूँ. आज कल लोग छोटे रास्ते अपना कर प्रसिद्धी पाना चाहते हैं. क्या ये सही है? प्रसिद्धी के लिए शॉर्टकट अपनाना स्वाभाविक है पर मै ये कहना चाहूँगा की जब मौका मिले तो आगे बढ़ो लेकिन जब तुम्हारा प्रतीक्षा करने का समय हो तो उस समय सीखो, रियाज़ करो, और दूसरो के काम की इज्ज़त करो तो तुम अवश्य ही आगे बढ़ोगे.

    यदि मैं ये सोचना प्रारंभ कर दूँ कि जो मैं कर रहा हूँ वो सही है और जो शान कर रहा वो अच्छा नहीं है या जो अदनान कर रहा है वो अच्छा नहीं है तो मैं कभी भी उन के गुण नहीं देख पाउँगा.

    शान कितना अच्छा गाता है उस के गानों में मुस्कराहट है, अदनान, के के, उन सब में अच्छाई नज़र आती है. लोग अच्छाई देख कर सीखने लगें तो निश्चित ही आगे बढ़ जाएँगे. सोनू निगम के शब्दों में सोनू निगम क्या है ? सोनू उस विधाता की देन है जो सब चीज़ का साक्षी है.

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