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    साजिद नाडियाडवाला ने सुशांत सिंह राजपूत के नाम किया छिछोरे का बेस्ट फिल्म राष्ट्रीय पुरस्कार

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    67वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार की घोषणा हो चुकी है और साल 2019 - 20 की बेस्ट फिल्म छिछोरे को घोषित किया गया। फिल्म को ये पुरस्कार मिलने के बाद प्रोड्यूसर साजिद नाडियाडवाला ने ये अवार्ड सुशांत सिंह राजपूत के नाम किया। गौरतलब है कि छिछोरे सुशांत सिंह राजपूत की परदे पर रिलीज़ हुई आखिरी फिल्म थी।

    साजिद नाडियाडवाला ने एक बयान में कहा, "नाडियाडवाला ग्रैंडसन एंटरटेनमेंट की ओर से, मैं इस बेहद प्रतिष्ठित पुरस्कार को सुशांत सिंह राजपूत को समर्पित करता हूं। हम इस नुकसान से कभी भी उभर नहीं पाएंगे, लेकिन मैं दिल से प्रार्थना करता हूं कि यह पुरस्कार उनके परिवार और प्रशंसकों को थोड़ी खुशी देगा जिसमें मैं भी शामिल हूं। और हमें यह बेहद खास फिल्म देने के लिए मैं नितेश तिवारी का बहुत आभारी हूं।"

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    गौरतलब है कि सुशांत सिंह राजपूत, संभावनाओं से भरे एक एक्टर थे। यही कारण है कि अपने छोटे से करियर में उन्होंने ऐसी बुलंदी और शोहरत देखी जो कम ही लोग देख पाते हैं। वहीं उन्होंने अपने छोटे से करियर में एक से एक बेहतरीन फिल्में दीं। लेकिन, दुर्भाग्यवश 14 जून को सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या कर अपनी ज़िंदगी खत्म कर ली।

    छिछोरे, 2019 की सबसे अलग और सबसे चहेती फिल्म बनकर निकली। हंसते मुस्कुराते ज़िंदगी का मोल बताते छह दोस्तों की कहानी ने सबका दिल जीता था। देखिए फिल्म के कुछ यादगार डायलॉग्स और गीतों के बोल जो सबको कुछ ना कुछ सिखा जाते हैं।

    सच्चे दोस्त की पहचान

    सच्चे दोस्त की पहचान

    सच्चे दोस्त वही होते हैं जो अच्छे वक्त में आपकी बजाते हैं और जब मुश्किल वक्त आता है तो वही छिछोरे आपके दरवाज़े पर खड़े नज़र आते हैं।

    कोशिश करने वालों की हार नहीं होती

    कोशिश करने वालों की हार नहीं होती

    तुम्हारा रिज़ल्ट डिसाइड नहीं करता है कि तुम लूज़र हो कि नहीं, तुम्हारी कोशिश ये तय करती है।

    Loser का मतलब

    Loser का मतलब

    दूसरों से हार के लूज़र कहलाने से कहीं ज़्यादा बुरा है, खुद से हार के लूज़र कहलाना।

    असली प्लान

    असली प्लान

    सक्सेस के बाद का प्लान सबके पास है, लेकिन अगर गलती से फेल हो गए तो उससे कैसे डील करना है इसकी कोई बात ही नहीं करना चाहता।

    सबसे ज़रूरी क्या है

    सबसे ज़रूरी क्या है

    हम हार जीत, सक्सेस फेलियर में इतना उलझ गए हैं कि ज़िंदगी जीना भूल गए हैं। ज़िंदगी में अगर कुछ सबसे ज़्यादा इंपॉर्टेंट है तो वो है खुद ज़िंदगी।

    दोस्ती का जादू

    दोस्ती का जादू

    पता नहीं क्या जादू है कॉलेज लाईफ में जहां अनजाने मिलते हैं और दोस्त बन जाते हैं। ज़िंदगी भर के लिए। और ऐसे वैसे दोस्त नहीं, कुत्ते दोस्त।

    फैमिली टाईम भी ज़रूरी

    फैमिली टाईम भी ज़रूरी

    ये काम भी कितनी चालू चीज़ है ना। जब काम को टाईम चाहिए होता है तो फैमिली एडजस्ट करती है ना। और जब फैमिली को टाईम चाहिए तो काम को तो एडजस्ट करना ही पड़ेगा।

    दोस्ती के दिन

    दोस्ती के दिन

    यादों के पुराने एलबम में, छिपा के रखे हैं हमने वो दिन। गुल्लक में पड़ी चवन्नी से बचा के रखे हैं हमने वो दिन। दोस्ती और दोस्तों से उधार के दिन थे, वो भी क्या दिन थे।

    फिकर नॉट

    फिकर नॉट

    कल की खुशियों का महंगा म्यूचुअल फंड लेके, किश्तें क्यों भर रहा है आज को दंड देके। चिंता करके क्या पाएगा, मरने से पहले मर जाएगा। सुन ये गाना काम आएगा। बस खा ले, पी ले, जी ले, ज़िंदगी है शॉर्ट। अरे पगले फिकर नॉट।

    हल्ला बोल

    हल्ला बोल

    जीवन के संघर्ष में होगा कैसे बेड़ा पार, अंतर्मन की खिड़की खोल, जिगर जुटा कर हल्ला बोल!

    English summary
    Chhicchore has been announced as the Best Film at 67th National Film Awards. Sajid Nadiadwala dedicated this win to Sushant Singh Rajput.
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