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    दुकानदारों को सैफ़ ने दिया दशहरे का बोनस

    By पीएम तिवारी
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    फुटपाथ पर दुकान लगाने वाले लगभग चार सौ दुकानदारों को इससे फ़ायदा हुआ है
    सैफ़ अली ख़ान कोलकाता के फुटपाथ पर अपनी प्रोडक्शन कंपनी की नई फ़िल्म की शूटिंग कर रहे हैं, फुटपाथ पर दुकान लगाने वाले इससे बहुत ख़ुश हैं.

    दुकानदारों को बोनस मिलने की बात कुछ अजीब लग सकती है, लेकिन हुआ ऐसा ही है. सुबह से शाम तक दुकान लगाने के बाद मुश्किल से डेढ़-दो सौ रुपए रोज़ाना कमाने वाले दुकानदारों को अगर चार दिनों तक बिना कोई काम किए एकमुश्त दो-दो हजार रुपए मिल जाएँ तो इसे बोनस ही तो कहेंगे.

    उनको यह बोनस किसी सरकारी योजना के तहत नहीं बल्कि एक फिल्म की शूटिंग के लिए मिला. 'छोटे नवाब' सैफ अली ख़ान 'परिणीता' के बाद पहली बार अपनी घरेलू प्रोडक्शन कंपनी की फिल्म की शूटिंग के लिए कोलकाता आए थे.

    यहां शूटिंग होना तो हमारे लिए लॉटरी निकलने की तरह था. पूजा के ࢠीक पहले एक साथ दो हजार रुपए पाना किसी सपने के पूरे होने जैसा है. इन चार दिनों में हमने उन पैसों से पूरे घर के लिए कपड़े और जूते खरीद लिए हैं
    इसके लिए उनको चार दिनों के लिए खाली फुटपाथ की ज़रूरत थी इसलिए कोलकाता नगर निगम के ज़रिए आवेदन कर फुटपाथ खाली कराने की बजाय फिल्म यूनिट के सदस्यों ने दूसरा और आसान रास्ता चुना.

    उन लोगों ने लेक मार्केट इलाके के सरदार शंकर रोड के फुटपाथ के 100 और पास के लेक मार्केट में बैठने वाले बैठने वाले लगभग 300 दुकानदारों से चार दिनों के लिए जगह खाली करने की बात कही. इसके एवज़ में उनको दो-दो हजार रुपए देने की पेशकश की गई. दुकानदारों ने यह लुभावना प्रस्ताव तुरंत स्वीकार कर लिया.

    पहले यह प्रस्ताव सरदार शंकर रोड के 100 पटरी दुकानदारों को दिया गया था. बाद में लेक मार्केट के तीन सौ दुकानदार भी इसमें शामिल हो गए, लेकिन सैफ ने उनको निराश नहीं किया.

    ख़ुशी

    वहाँ फल की दुकान चलाने वाले गोविंद नस्कर कहते हैं कि "हमारे लिए तो यह छप्पर फाड़ कर मिले धन की तरह था. पूजा के सीजन में घर वालों के लिए नए कपड़ों की फऱमाइशें पूरी करने के लिए हम लोग हाड़तोड़ मेहनत कर रहे थे. लेकिन दिन भर दुकान लगाने के बाद मुश्किल से दो सौ रुपए की कमाई होती थी. चार दिनों तक बिना कोई काम किए दो हजार रुपए कमाने की तो हमने कल्पना तक नहीं की थी".

    निर्माता सैफ़ अली ख़ान साठ के दशक का कोलकाता दिखाना चाहते हैं

    महिला दुकानदार शर्मिला ने कहा, "यहां शूटिंग होना तो हमारे लिए लॉटरी निकलने की तरह था. पूजा के ठीक पहले एक साथ दो हजार रुपए पाना किसी सपने के पूरे होने जैसा है. इन चार दिनों में हमने उन पैसों से पूरे घर के लिए कपड़े और जूते खरीद लिए हैं".

    इस अनाम फिल्म के निर्देशक इम्तियाज़ अली ने बताया कि "कोलकाता में कोई बड़ी सड़क तो चार दिनों के लिए आसानी से खाली मिलती नहीं इसलिए हमने इस गली को चुना और चार दिनों की शूटिंग के लिए दुकानदारों से बात कर उनको पैसे दिए. सरकारी प्रक्रिया के चक्कर में समय पर शूटिंग नहीं हो पाती".

    शूटिंग के दौरान पूरा फुटपाथ खाली नजर आ रहा था. वहाँ सिर्फ एक चाय की दुकान का सेट लगा था. कुल मिला कर उस फुटपाथ को साठ के दशक के कोलकाता के फुटपाथ का चेहरा दिया गया था.

    इलाके के जिस मकान में फिल्म के कुछ दृश्य फिल्माए गए उसके मालिक प्रणवेश घोष बताते हैं कि "इलाके के दुकानदारों में काफी खुशी है. उनको पूजा का बोनस तो मिला ही, साथ में चार दिनों की छुट्टी भी मिल गई. इस छुट्टी का इस्तेमाल उन लोगों ने खरीददारी के लिए किया. बाद में वे मौके पर शूटिंग देखने भी पहुँचे."

    शादी

    सैफ कहते हैं, "परिणीता के बाद पहली बार कोलकाता में शूटिंग कर उनको काफी अच्छा लग रहा है. यह निर्माता के तौर पर भी मेरी पहली फिल्म है. इसे आप एक रोमांटिक फिल्म कह सकते हैं".

    करीना से शादी के सवाल पर वे कहते हैं कि "मीडिया में इस बारे में तमाम खबरें आती रहती हैं लेकिन हमने अभी कुछ तय नहीं किया है. यह शादी जब भी होगी, शानदार होगी. हम चोरी-छिपे शादी नहीं करेंगे".

    सैफ कहते हैं कि "इस फिल्म में तो दीपिका मेरी हीरोइन हैं लेकिन इम्तियाज़ के निर्देशन में बनने वाली अगली फिल्म में करीना काम कर रही हैं. उसमें उनके हीरो अक्षय कुमार हैं और वह फिल्म भी मेरी कंपनी ही बना रही है. इससे हिसाब बराबर हो गया".

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