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    'लीक से हटकर रोल करना चाहता हूँ'

    By Staff
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    दुर्गेश उपाध्याय

    बीबीसी संवाददाता

    ऋषि कपूर फिल्मी दुनिया के उन कलाकारो में से हैं जिन्हें लवर ब्वाय की इमेज से नवाज़ा गया है..जाने माने निर्माता निर्देशक और अभिनेता राज कपूर के मंझले पुत्र ऋषि ने साल 1970 में मेरा नाम जोकर फिल्म से बतौर बाल कलाकार अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी.

    उसके बाद उनकी ढेर सारी फिल्में आईं और लोग उनके अभिनय और खूबसूरती के दीवाने हो गए. चार सितंबर को उनका जन्मदिन होता है.लेकिन इस बार उनका ये जन्मदिन बेहद खास है क्योंकि उसी दिन उनकी फिल्म चिंटू जी रिलीज़ भी हो रही है.

    ख़ास बात ये है कि ऋषि कपूर के घर का प्यार से पुकारा जाने वाला नाम भी चिंटू ही है और इस फिल्म में भी कई ऐसी बातें हैं जो उनके निजी जीवन से ली गई हैं.

    हाल ही में उनसे मुंबई में बातचीत करने का मौका मिला.अपनी इस फिल्म को लेकर वो बेहद उत्साहित हैं. बातचीत की शुरुआत में उन्होंने कहा, “चिंटू मेरा घर का नाम है,मेरे नाम पर ही ये फिल्म बनी है.इस फ़िल्म में मेरे जीवन से जुड़ी हुईं कुछ वास्तविक बातों को भी डाला गया है और खास बात ये है कि ये फिल्म मेरे जन्मदिन पर रिलीज़ हो रही है. तो मैं कह सकता हूं कि मैने इस बार अपने जन्मदिन पर खुद को एक बड़ा तोहफ़ा दिया है.”

    ऋषि कपूर से बात करते समय आपको जो खास बात महसूस होती है वो ये कि उनमें अब भी कहीं न कहीं एक बच्चा छिपा हुआ बैठा है.वो आपकी बात बड़े ही ध्यान से सुनते हैं और फिर ज़ोर का ठहाका लगाते हुए अपना जवाब देना शुरु करते हैं.

    जब मैने उनसे ये पूछा कि ये फिल्म करना कैसा अनुभव रहा तो उन्होंने बताया, “देखिए मैं तो इसी बात से फूला नहीं समा रहा हूं कि इस उम्र में भी आकर मुझे कोई ऐसी फिल्म मिली है जिसमें मैं मुख्य भूमिका निभा रहा हूं और जिसमें मेरे जीवन की कुछ बातें भी जोड़ी गईं हैं. तो मैं समझता हूं कि इससे बड़ी और क्या बात हो सकती है,और अगर ये फिल्म सफल हो जाती है तो मैं समझूंगा कि ये मेरी छाती पर एक तमगे जैसा होगा.”

    ये पूछने पर कि आज जब इतने सालों बाद पीछे मुड़कर देखते हैं तो क्या महसूस होता है तो ऋषि थोड़े गंभीर होकर जवाब देते हैं, “बड़ा फ़क्र महसूस होता है मुझे कि आज भी लोग मुझे पसंद करते हैं. लोग मुझे इस रोल में देखना चाहते हैं जिसमें मैं उन्हें प्यार की सीख दूं.लव आज कल काफी सफल रही है,पहली बार एक सरदार का रोल किया और लोगों को पसंद आया तो ये तो किसी भी कलाकार के साथ होता है कि उसे बड़ी खुशी होती है जब उसे सराहा जाता है,मुझे भी ऐसा ही महसूस होता है.”

    औरों से परे ऋषि कपूर इन दिनों कुछ इस तरह के रोल निभा रहे हैं जिन्हें आप केवल चरित्र भूमिकाएं नहीं कह सकते.

    सहज अभिनय

    ये पूछे जाने पर कि क्या वो मानते हैं कि नई पीढ़ी के लोग कहानी लिखते वक्त कहीं न कहीं उन्हें ज़हन में रख रहे हैं तो वो जवाब देते हैं, “बिल्कुल,मुझे आजकल मुख्य भूमिकाएं ऑफर हो रही हैं.मैं तो ये कहता हूं कि आज की तारीख में कितने ऐसे अभिनेता हैं जिन्हें देखकर फिल्म लिखी जाती है और पूरी फिल्म उनके ऊपर आधारित होती है.मुझे लगता है कि नई पीढ़ी के लोगों की स्क्रिप्ट हीरो है ना कि ये कि मैं ऋषि कपूर हूँ एक बड़ा स्टार हूं और मेरी वजह से दर्शक सिनेमा देखने आएँगे,ऐसा बिल्कुल नहीं है,अगर मेरा काम उन्हें अच्छा लगता है तभी वो थिएटर में आएँगे.”

    तो अब किसी भी रोल को चुनने का क्या आधार क्या है. उनका कहना है, “देखिए ऐसे तो कोई खास आधार नहीं होता,हां इतना ज़रुर है कि मैं कोई ऐसा रोल बिल्कुल नहीं करना चाहता जिसका प्रभाव ही न हो. जैसे फिल्म हमतुम में मेरा काम कुछ ही दिनों का था लेकिन उसका प्रभाव काफ़ी ज़्यादा था.मैं कभी उस तरह का किरदार नहीं निभाउंगा जिसमें सीढ़ी पर खड़े होकर बाप के चिल्लाने की भूमिका हो.”

    ऋषि ने हमें बताया कि एक फिल्म जिसका नाम है दो दूनी चार वो कर रहे हैं जिसमें उनके साथ उनकी पत्नी नीतू सिंह भी नज़र आएंगी.

    आपको तो याद ही होगा कि एक ज़माने में ऋषि और नीतू की जोड़ी खासी मशहूर रह चुकी है.ऋषि कपूर के अभिनय की खासियत ये है कि उसमें सहजता काफी होती है.

    वो एक वाकया याद करते हुए कहते हैं, “एक बार एक डायरेक्टर ने मेरी एक फिल्म देखने के बाद (हंसते हुए) कहा कि भई इसे तो पैसे बिल्कुल नहीं मिलने चाहिए.मैने कहा क्यूँ भई, तो उसने कहा कि तुम एक्टिंग करते कहां हो,ऐसा लगता है कि तुम्हारा कोई भी सीन बिना प्रयास के ही हो जाता है.तो मेरा मानना है कि मैं इस पर टिप्पणी करने के लिए खुद को काफी छोटा पाता हूं.”

    ऋषि कपूर कहते हैं, “कोशिश करता हूं कि ऐसा करूं कि मैं अपने अंदाज़ से काम करूं. मुझे याद है कि जॉनी लीवर कहता था कि मैं सबकी नकल कर सकता हूं लेकिन आपकी नहीं क्योंकि आपने खुद को कभी स्टाइल में बांधा ही नहीं, मैं समझता हूं कि इससे बड़ा काम्पलीमेंट और क्या हो सकता है.”

    सच है ऋषि जी,हम भी आपको जन्मदिन की मुबारकबाद देते हुए दुआ करते हैं कि आप भविष्य में अपने दर्शकों को और बेहतरीन फिल्मों के ज़रिए उनका मनोरंजन करते रहें.

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