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"सलमान फिल्म के हीरो नहीं हो सकते थे, उनका कैरेक्टर ज़रूरी है"
हाल ही में निर्देशक रवि जाधव ने अपनी अगली फिल्म शिवाजी बायोपिक के बारे में खुलकर बात की। उन्होंने बताया कि फिल्म के हीरो हैं रितेश देशमुख लेकिन सलमान खान किसी कैमियो में नहीं है, बल्कि फिल्म में उनका किरदार काफी मायने रखता है।
हालांकि फिल्म की मुख्य भूमिका सलमान खान नहीं निभा सकते थे क्योंकि वो कहीं से भी वीर शिवाजी नहीं लग पाते। और इतने बड़े योद्धा को परदे पर उतारना बहुत ही बड़ी ज़िम्मेदारी हो जाती है।
रवि जाधव ने ये भी बताया कि सलमान खान का रोल बड़ा नहीं है पर बहुत ही अहम है। वहीं अब चूंकि सलमान खान फिल्म से जुड़ गए हैं, इसलिए एक बार फिर से इस बात पर विचार किया जा रहा है कि फिल्म केवल मराठी में बने या फिर हिंदी में भी।
गौरतलब है कि रितेश देशमुख आजकल मराठी सिनेमा में काफी दिलचस्पी ले रहे हैं। लेकिन छत्रपति शिवाजी केवल मराठी दर्शकों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए , इसलिए फिल्म को दो भाषाओं में बनाने का विचार चल रहा है।
और अगर ऐसा होता है तो सलमान खान काफी समय बाद सहायक भूमिका में नज़र आएंगे। वैसे सहायक भूमिकाओं ने सलमान खान के करियर में काफी अहम भूमिका निभाई है। कम से कम फिल्मफेयर नॉमिनेशन के मामले में।
देखिए
सलमान
की
सहायक
भूमिकाओं
का
ये
फ्लैशबैक
-
सलमान
खान
के
करियर
की
शुरूआत
ही
हुई
थी
सहायक
भूमिका
से।
1986 में सलमान खान ने बीवी हो तो ऐसी नाम की फिल्म से डेब्यू किया था जहां वो फारूख शेख के छोटे भाई बने थे और रेखा के देवर। फिल्म में वो मम्मी के चमचे थे। हालांकि इस फिल्म ने सलमान खान के लिए कुछ खास नहीं किया।
सलमान
खान
अगली
बार
नज़र
आए
सनी
देओल
और
करिश्मा
कपूर
स्टारर
जीत
में।
जहां
करिश्मा
कपूर
के
पति
तो
सलमान
होते
हैं
पर
उनका
पहला
प्यार
होते
हैं
सनी
देओल।
हालांकि
फिल्म
में
करिश्मा
का
दिल
जीतने
के
लिए
सलमान
खान
ने
काफी
मेहनत
की
और
जब
ऐसा
हो
गया
तो
सनी
देओल
से
काफी
लात
घूसे
भी
खाए।
सलमान
खान
का
बेस्ट
सपोर्टिंग
रोल
था
कुछ
कुछ
होता
है
के
लिए।
इस
फिल्म
के
लिए
आखिरकार
उन्हें
फिल्मफेयर
अवार्ड
भी
मिला
और
करण
जौहर
ने
कितने
पापड़
बेले
थे
सलमान
की
एक
हां
के
लिए!
कुछ
कुछ
होता
है
में
सलमान
खान
लोगों
के
फेवरिट
कैरेक्टर
भी
बने।
भले
ही
कहानी
राहुल
-
अंजली
की
थी
लेकिन
वाकई
देखा
जाए
तो
दिल
जीत
कर
सलमान
खान
ले
गए
थे।
बाग़बान
शायद
सलमान
खान
का
आखिरी
सपोर्टिंग
रोल
था।
फिल्म
में
वो
अमिताभ
बच्चन
के
गोद
लिए
हुए
बेटे
थे
जो
उनके
सगे
4
बेटों
से
ज़्यादा
काम
आते
हैं।
इस फिल्म के बाद तो वाकई सलमान खान सबके फेवरिट बेटे बन गए। इसके बाद सलमान खान बाबुल में अमिताभ बच्चन के असली बेटे बनकर आए पर फिल्म चली नहीं।