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    रवीना को नापसंद है बंदरों का व्यवसाय

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    बॉलीवुड अदाकारा रवीना टंडन को बांद्रा स्थित अपने घर के पास एक भागा हुआ बंदर दिखा तो उन्होंने पीपल फॉर द इथिकल ट्रीटमेंट ऑफ ऐनिमल (पेटा) की मदद से उसका बचाव किया। रवीना ने बंदर के गले में रस्सी देखी तो समझ गईं कि यह एक बंदी बंदर है जिसे तमाशा दिखाने के लिए मजबूर किया गया होगा।

    रवीना ने बंदर के लिए अंगूर और केलों का इंतजाम किया और मदद के लिए पेटा को बुलाया। 39 वर्षीया रवीना ने ट्विटर पर इस बंदर के बारे में बताया।उन्होंने ट्विटर पर लिखा है, "हमारे घर में एक भागा हुआ बंदर घुस आया, पेटा को बुलाकर उसे बचाया।"

    गौरतलब है कि सड़कों-नुक्कड़ों पर खेल-तमाशों के लिए भालुओं, बंदरों, बाघों, तेंदुओं और शेरों का प्रयोग करना कानूनी तौर पर वर्जित है। लेकिन फिर भी मनोरंजन और भीख मांगने के लिए बड़े पैमाने पर बंदरों का प्रयोग किया जा रहा है।

    पेटा इंडिया के मीडिया और सेलेब्रिटी परियोजनाओं के प्रबंधक सचिन बंगेरा ने बताया, "यहां तक कि जो लोग अवैध रूप से बंदर को अपने पास रखे थे, वे उसे वापस ले जाने के लिए रवीना के घर भी आए, लेकिन उन्होंने बंदर वापस नहीं किया।"

    उन्होंने बताया, "बंदरों को मारपीट कर और भूखा रखकर नाचना सिखाया जाता है। उनके मदारी अक्सर उनके दांत निकाल लेते हैं, इसलिए जानवर खुद का बचाव नहीं कर पाते हैं।"

    पेटा ने इस बंदर को गोवा के प्राइमेट ट्रस्ट इंडिया बचवा केंद्र में भेज दिया है, जहां यह अन्य बंदरों के साथ रह सकेगा।

    यह पहली बार नहीं है जब जानवरों की मदद के लिए रवीना पेटा से जुड़ी हों। हाल ही में वह सामुदायिक कुत्ते गोद लेने को बढ़ावा देने वाले एक विज्ञापन में नजर आई थीं।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

    English summary
    Actress Raveena Tandon spotted a runaway monkey near her Bandra residence here, and rescued the animal with the help of People for the Ethical Treatment of Animals (PETA).
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