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    मैं सुमी हूं: राजकुमार राव की साली पर्णलेखा ने भूमि पेडनेकर को बधाई दो के लेस्बियन किरदार के लिए कहा थैंक यू

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    राजकुमार राव और भूमि पेडनेकर स्टारर बधाई दो, धीरे धीरे बेहतरीन वर्ड ऑफ माउथ के साथ दर्शकों के दिल में अपनी अलग जगह बना रही है। LGBTQIA समुदाय के लो, हर्षवर्धन कुलकर्णी और उनकी पूरी टीम को इतनी शानदार फिल्म के लिए बधाई दे रहे हैं। और अब राजकुमार राव की साली पर्णलेखा ने एक पोस्ट के साथ फिल्म से जुड़ी अपनी भावनाएं शेयर कर सबको भावुक कर दिया है।

    पर्णलेखा ने इस पोस्ट में राजकुमार राव को बधाई दो जैसी फिल्म करने के लिए धन्यवाद कहा और ये भी बताया कि अभिनय की दुनिया में जब शानदार लोगों की बात की जाएगी तो उसमें उनका भी नाम आएगा। राजकुमार ने भी उन्हें जवाब देते हुए लिखा - मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं सिल्वी।

    rajkummar-rao-sister-in-law-parnalekha-happy-for-her-community-as-bhumi-pednekar-plays-a-lesbian

    वहीं पर्णलेखा ने भूमि पेडनेकर को ऐसा किरदार निभाने के लिए ढेरों बधाई दी। उन्होंने इस ओर सबका ध्यान खींचा कि भूमि ये किरदार तब कर रही है जब कोई भी मेनस्ट्रीम हीरोइन इसे करना नहीं चाहेगी। पर्णलेखा का पोस्ट सभी को भावुक कर रहा है। यहां पढ़िए उन्होंने किस तरह अपने समुदाय के हित में कुछ बेहद ज़रूरी बातें कहीं।

    मेरे समुदाय की फिल्म

    मेरे समुदाय की फिल्म

    पर्णलेखा ने फिल्म के बारे में बात करते हुए लिखा - बधाई दो बेहद निजी क्रांति है जो कि भारत में LGBTQ समुदाय की फिल्मों के बदलाव के लिए एक अलग ही दिशा तय करेगी। आखिरकार मेरे समुदाय के पास एक ऐसी फिल्म है जहां पर दो लड़कियों को प्यार करने के लिए उत्पीड़ित ना किया जाए और उन्हें गलत नज़र से ना देखा जाए। और जब दो लड़के प्यार करें तो उन्हें मीठा या छक्का ना बुलाया जाए। बस एक बेहद सरल सी बात है, ये आपकी सोच और नज़रिए बदलने की कोशिश है जो कि LGBTQ फिल्में कर रही हैं।

    लैवेंडर शादियों की ज़रूरत और मायने

    लैवेंडर शादियों की ज़रूरत और मायने

    मैंने इस फिल्म में जिस बात को सबसे ज़्यादा इंजॉय किया वो ये थी कि आप अपनी पार्टनर के साथ हैं लेकिन आपको कोई मर्द घूर नहीं रहा है। और इसलिए ये फिल्म बेहद संवेदनशील बन जाती है। लैवेंडर शादियों के भावनात्मक, शारीरिक और मानसिक नतीजे बेहद गंभीर, ईमानदार, सम्मानजनक और असरदार होते हैं। इस संघर्ष में थोड़ी सी हंसी फूंक दीजिए और आपको बधाई दो जैसी शानदार हल्की फुल्की नाटकीय फिल्म मिल जाएगी। इस फिल्म को ज़रूर देखिए।

    सुमी के लिए धन्यवाद भूमि

    सुमी के लिए धन्यवाद भूमि

    भूमि पेडनेकर को सुमन का किरदार निभाने के लिए धन्यवाद देते हुए पर्णलेखा ने लिखा - सुमी के लिए धन्यवाद। मैं सुमी हूं। कुछ स्टार्स को जब लेस्बियन का किरदार ऑफर किया गया था तो वो हिल गई थीं लेकिन आप नहीं डगमगाईं। आपने उनके लिए रास्ता बनाया है। भारत में कहीं, दूर दराज के किसी गांव में आपने किसी टॉमबॉय कही जाने वाली लड़की को हिम्मत दी है कि अपने ज़िंदगी, सच्चाई, ईमानदारी और बहादुरी के साथ जिएं। थैंक यू, सुमी बनने के लिए।

    100 साल बाद आपको याद रखा जाएगा राजकुमार

    100 साल बाद आपको याद रखा जाएगा राजकुमार

    अपने जीजा जी राजकुमार राव के बारे में बात करते हुए पर्णलेखा ने लिखा - चार्ली मुंगेर हमेशा कहते हैं कि जो लोग गुज़र गए हैं उनसे दोस्ती करें। देखा जाए तो दुनिया के सबसे अमीर लोगों में से एक ये इंसान, आपको पुराने समय की विचारधाराओं और उन्हें सोचने वाले विदुषकों को पढ़ने की बात कर रहा है। मेरा दिल ये सोचते हुए बहुत सुकून पाता है कि आज से 100 साल बाद जब एक्टिंग की विधा की किताबें पढ़ने की बातें की जाएंगी तो कोई अभिनेता जो खुद को अकेला महसूस कर रहा होगा, वो आपमें एक अच्छा दोस्त खोज लेगा। शार्दूल के किरदार और अभिनय में आपके बहादुरी से ये किरदार चयन करने के लिए धन्यवाद।

    क्या है लैवेंडर शादियां

    क्या है लैवेंडर शादियां

    गौरतलब है कि बधाई दो लैवेंडर शादियों पर बनी एक शानदार फिल्म है। लैवेंडर शादियां वो शादियां हैं जहां दो समलैंगिक - एक लड़का और एक लड़की, शादी के बंधन में बंधते हैं क्योंकि भारत में केवल ऐसी ही शादियां मान्य हैं। ऐसी ही शादियों को नॉर्मल का दर्जा दिया जाता है और आपके जीवन में आगे भी यही शादियां उपयुक्त हो जाती हैं। जैसे कि बधाई दो में राजकुमार राव का किरदार, शार्दूल जो कि एक गे है और भूमि पेडनेकर का किरदार सुमन जो कि एक लेस्बियन है समाज के दबाव से बचने के लिए शादी के बंधन में बंधते हैं और आगे भी इस शादी को अपनी सुविधा के लिए निभाते हैं।

    बेहद ज़रूरी है

    बेहद ज़रूरी है

    बधाई दो आज के समाज के लिए बेहद ज़रूरी फिल्म है। जो हर वर्ग को LGBTQ समुदाय के बारे में एक समान स्तर पर आकर बता पाए और उन्हें उतनी ही सहजता के साथ पेश कर पाए जितना होना चाहिए। ये फिल्म आपको दो समलैंगिक जोड़ों की कहानियां बताती हैं लेकिन उनकी कहानी देखते समय आपको ये नहीं लगता कि ये कोई अलग प्रजाति है। फिल्म उतनी सहजता से अपनी बात कहने में सफल होती है।

    English summary
    I am Sumi, Rajkummar Rao's sister in law Parnalekha talks about being a lesbian and thanks Bhumi Pednekar for representing her community with such an ease and without inhibitions.
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