twitter
    For Quick Alerts
    ALLOW NOTIFICATIONS  
    For Daily Alerts

    सुनिये काका की कहानी उन्हीं की ज़बानी- आखिरी संदेश

    |

    'किसे अपना कहें कोई इस काबिल नहीं मिलता
    यहां पत्थर तो बहुत मिलते हैं मगर दिल नहीं मिलता'

    कुछ यही अंदाज था बॉलीवुड के सुपरस्टार राजेश खन्ना का अपनी जिंदगी के आखिरी पलों के दौरान। फिल्म आनंद में जिसतरह मरने से पहेल आनंद टेप में अपनी आवाज छोड़ जाता है उसी तरह असल जिंदगी में भी ये आनंद मरने से पहले टेप में अपने करीबी लोगों और अपने फैन्स के लिए अपना पैगाम छोड़ गया है। इस टेप को काका के चौथे के दिन उनके करीबी दोस्तों के सामने सुना गया। इस टेप में काका द्वारा कहे गए एक एक लफ्ज उनकी जिंदगी की उस कहानी को बयां करता है जिससे शायद अभी तक हर कोई अंजान था। टेप में रिकार्ड कियागया उनका आखिरी संदेश ये था -

    "मेरे प्यारे दोस्तों भाइयों और बहनों, ऑस्ट्रेलिजिया में रहने की आदत नहीं है मुझे हमेशा भविष्य के बारे में ही सोचना पड़ता है। जो दिन गजर गए बीत गए उसका क्या सोचना लेकिन जब जाने पहचान चेहरे अंजान महफिल में मिलते हैं तो यदें बाबिस्ता हो जाती हैं, यादें फिर लौट आती हैं। कभी कभी मुझे ऐसा लगता है कि सौ साल पहले जब मैं सात साल का था तब से हमारी मुलाकात है। मेरा जन्म थियेटर से हुआ मैं आज जो कुछ भी हूं ये स्टेज ये थियेटर की बदौलत हूं।"

    "मैने जब थियेटर शुरु किया तो मेरे थियेटर वालों ने मुझे एक जूनियर आर्टिस्ट का रोल दिया था, एक इंस्पेक्टर का जिसका सिर्फ एक ही डायलॉग था- 'खबरदार नम्बरदार जो भागने की कोशिश की पुलिस ने चारों तरफ से घेर रखा है तुम्हें।' ये डायलॉग था। तो उसमें मैं जैसे सेकेंड एक्ट पर गया तो मैने जाते ही कहा 'नंबरदार खबरदार तुमने भागने की..' उसके बाद डायलॉग भूल गया। तो रीके शर्मा जो हीरो थे तो उन्होने कहा हां हां इंसपेक्टर साहब का यह कहना है कि भागने की कोशिश ना करना पुलिस ने चारों तरफ से तुम्हें घेर रखा है। जो डायलॉग मैने बोलना था वो उन्होने बोला क्योंकि मैं डायलॉग भूल गया और उसके बाद मुझे बहुत डांट पड़ी और मैं बहुत रोया भी। मैने कहा कि भाई राजेश खन्ना तुम कहते हो कि तुम एक्टर बनना चाहते हो एक लाइन तो तुमसे बोली जाती नहीं शर्म की बात है। लानत है तुमपर।"

    "मैनें बहुत कोसा अपने आपको और मैने कहा मैं कभी एक्टर नहीं बन सकता। लेकिन फिर भी भगवान की मुस्कान समझ लीजिए जिद समझ लीजिए मैने कहा कुछ ना कुछ तो करुंगा। करके बताउंगा।मैं जब फिल्मों में आया तो मेरा कोई गॉडफादर नहीं था। कोई मेरी फिल्म में कोई रिश्तेदार या कोई मेरे सर पर हाथ रखने वाला नहीं था। मैं आया थ्रू द यूनाइटेड प्रोड्यूसर फिल्मफेयर टेलेंट कांटेस्ट। कांटेस्ट छपा फिल्मफेयर में टाइम्स ऑफ इंडिया में हमने कैंची लेकर उसे काटा उसे भरा और वहां लिखा था प्लीज सेंड योर थ्री फोटोग्राफ्स हमने तीन फोटो भेजीं।"

    हमको बुलाया गया टाइम्स ऑफ इंडिया में था यूनाइटेड प्रोड्यूसर्स वहां बहुत बड़े बड़े प्रोड्यूसर्स थे, चाहे वो चोपड़ा साहब थे बिमल रॉय थे शक्ति सामंता थे तो उन्होने कहा कि हमने आपको डायलॉग भेजा है वो याद किया आपने? तो मैं सामने कुर्सी पर बैठा था और वो एक बड़ी सी टेबल पर लाइन में बहुत बड़े बड़े प्रोड्यूसर थे तो मुझे ऐसा लग रहा था कि जैस कोर्ट मार्शल हो रहा है जैसे अभी ये बंदूक निकालेंगे मुझे मार डालेंगे। गोली चला देंगे। क्योंकि सामने अकेली एक कुर्सी थी। बस तो मैने कहा कि भई ये डायलॉग तो मैने पढ़ा है लेकिन ये जो डायलॉग है आपने ये नहीं बताया कि इसका कैरेक्टाराइजेशन क्या है। की हीरो जो है वो अपनी मां को समझाता है कि मैं एक नाचने वाली से प्यार करता हूं मैं उसको तेरे घर की बहू बनाना चाहता हूं, ये डायलॉग है आपने ना कैरेक्टर बताया मां का ना बताया हीरो का कि हीरो अमीर है गरीब है मां सख्त है कड़क है नरम है क्या है मिडिल क्लास है या आदमी पढ़ा लिखा अनपढ़ है या कुछ भी नहीं तो चोपड़ा साहब ने झट से मुझे कहा तुम थियेटर से हो? मैने कहा जी मैने कहा डायलॉग तो आपने लिख के भेज दिया कि इस तरह से मां को कन्वेंस करना है डायलॉग बोलिए लेकिन आपने कैरेक्टराइजेशन नहीं बताया ये कोई स्टेज का ही एक्टर बोल सकता है।"

    "तो बोले अच्छा ठीक है भाई तुम कोई भी अपना एक डायलॉग सुनाओ। अब काटो तो खून नहीं पसीना छूट रहा था मैंने कहा क्या डायलॉग बोलूं ये तो उन्होने बोल दिया सब बड़े बड़े लोग इनकी पिक्चरें दस दस बार हमने देखी हैं प्रोड्यूस डायरेक्ट की हुई मुझे भगवान के आशिर्वाद से एक ऐसे राइटर का एक डायलॉग मुझे याद आया मुझको यारों माफ करना उस प्ले का डायलॉग क्योंकि उस प्ले को मैने किया हुआ था। तो मुझे वो डायलॉग याद आया। और मैने उनसे कहा कि क्या मैं इस कुर्सी से उठ सकता हूं। बोले हां हां जो करना हो करिये। लेकिन आप करके बताइये क्या करेंगे। थोड़ा नर्वस भी हुआ जिस तरह से बोला मुझे लगा कि डांट के बोला।

    "जो डायलॉग है जिसकी वजह से मैं फिल्मों में आया मुझे रमेश सिप्पी ने चांस दिया 40 साल पहले हां मैं कलाकार हूं। 'हां मैं कलाकार हूं क्या करोगे मेरी कहानी सुनकर आज से कई साल पहले होनी के एक बहकाने से एक ऐसा प्याला पी चुका हूं जो मेरे लिए ज़हर था औरों के लिए अमृत। एक ऐसा बात जिसका इकरार करते हुए मेरी जुबां पर छाले पड़ जाएंगे लेकिन फिर भी कहता हूं जब मैं छोटा था एक खौफनाक वाक्या पेश आया। मैं भयानक आग में फंस गया, जब जिंदा बचा तो मालूम हुआ कि मैं बद्सूरत हो गया हूं। जैसै सुहानी सुबह डरावनी रात में पलट गई हो। मैं बाहर जाने से घबराने लगा घर पर बैठकर गीत बनाने लगा जितना ही भयानक था मेरा चेहरा उतने मधुर थे मेरे गीत दुनिया ने मुझे दुत्कारा लेकिन मेरे गीतों से प्यार करने लगे और मैं चिल्लाता रहा कि तुम्हें चांदनी रातों से है मौहब्बत और मैं आंखों से बरसाता हूं। सितारे मेरे गीतो ने हजारों को लूटा मेरी मुलाकात की मिन्नते होती रहीं लेकिन मैं किसी से ना मिलता।"

    "एक दिन एक खत आया मैने तुम्हारे गीतों में शांति पाई है अगर मुलाकात ना दोगे तो ना जाने क्या कर बैठुंगी। मुझे लगा ये खूबसूरत हसीना इस बुलाउं और अपना ये बद्सूरत चेहरा दिखाकर पूरी ताकत से इंतकाम लूं। मैने उसे बुलाया वो आई कितनी खूबसूरत और हसीन शबनम से भी मुलायम और मै जैसे मासूम के सामने मायूसी मैं चेहरा छुपा के बातें करता रहा मेरे गीत छुब्धे में थे और उसके गीत जुबां पर। मैने शादी का प्रस्ताव पेश किया और वो खुशी से बोली हां, मुझे मंजूर है। मैं खुद सहम गया। मैने चिल्लाकर पूछा कौन हो कहां से आई हो तुम? उसने धीरे से आंसू बहाते हुए कह दिया कि मैं मैं तो एक अंधी हूं। मैने उसकी आंखों में देखा उसकी आंखों में इश्क था। तब मैन कहा जो तेरी निगाह का बिस्मिल नहीं वो कहने को दिल तो है मगर दिल नहीं।'"

    "फिल्मों में आ तो गया लेकि नआने के बाद खूबसूरत कामयाबी की सीढ़ी चढ़ने का मौका ये सेहरा तो आपके सर कि आप हैं जिन्होने मुझे एक्टर से स्टार बनाया स्टार से सुपरस्टारबनाया किन अल्फाजों में आपका शुक्रिया अदा करूं। मुझे समझ में नहीं आता। प्यार आप मुझे भेजते रहे प्यार वो मुझे मिलता रहा लेकिन उस प्यार को मैं कभी वापस लौटानहीं पाया। लेकिन जो भी कहना चाहूंगा जिन अल्फाजों में भी मैं आपका शुक्रिया अदा करना चाहूंगा वो मेरे दिल की सच्चाई होगी। मेरी ईमानदारी होगी। मेरा जमीर होगा।"

    "किसे अपना कहें कोई इस काबिल नहीं मिलता, यहां पत्थर तो बहुत मिलते हैं मगर दिल नहीं मिलता तो दोस्तों आपका एक हिस्सेदार मैं भी हूं और जैसा कि मैने पहले भी कहा कि आपने अपना कीमती वक्त निकालकर आपका ये प्यार था जो आप यहां मौजूद हुए और इतनी भारी संख्या में तो मैं यही कहूंगा कि बहुत बहुत शुक्रिया थैंक यू और मेरा मेरा बहुत बहुत सलाम"

    English summary
    Bollywood Superstar Rajesh Khnna has recorded a message before his death. This tape has been played during his chautha held last Saturday at his house Aashirwad.
    तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
    Enable
    x
    Notification Settings X
    Time Settings
    Done
    Clear Notification X
    Do you want to clear all the notifications from your inbox?
    Settings X
    X