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लता दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार से सम्मानित किए गए प्रधानमंत्री मोदी, भावुक होकर कहा- 'ये पुरस्कार जन जन का है'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुंबई में 80वें वार्षिक मास्टर दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार समारोह में राष्ट्र और समाज के लिए निस्वार्थ सेवा के लिए पहले लता दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस मौके पर प्रधानमंत्री भावुक नजर आए। उन्होंने अपना यह सम्मान देश को समर्पित करते हुए कहा कि आज देश एक भारत- श्रेष्ठ भारत की भावना के साथ आगे बढ़ रहा है और लता दीदी ने सभी भाषाओं में गाकर पूरे देश को एक सुर में पिरोने का काम किया है।
प्रधानमंत्री ने उषा मंगेशकर, आशा भोंसले, महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस सहित अन्य की उपस्थिति में पुरस्कार प्राप्त किया।
'करियर
के
शुरुआत
में
स्टूडियो
के
फ्लोर
साफ
करती
थी',
रवीना
टंडन
ने
किया
खुलासा
उन्होंने कहा, "मैं संगीत जैसे गहन विषय का जानकार तो नहीं हूं, लेकिन सांस्कृतिक बोध से मैं ये महसूस करता हूं कि संगीत एक साधना भी है, और भावना भी। संगीत मातृत्व और ममता की अनुभूति करवा सकता है। संगीत आपको राष्ट्रभक्ति और कर्तव्य बोध के शिखर तक पहुंचा सकता है। हम सब सौभाग्यशाली है कि हमने संगीत की इस शक्ति लता दीदी के रूप में साक्षात देखा है। हमें अपने आंखों से उनके दर्शन करने का सौभाग्य मिला है। मुझे गर्व होता है कि लता दीदी मेरी बड़ी बहन थीं।"

प्रधानमंत्री ने भावुक होते हुए आगे कहा, "लता दीदी मेरी बड़ी बहन थीं। पीढ़ियों को प्रेम और भावना का उपहार देने वाली लता दीदी की तरफ से हमेशा एक बड़ी बहन जैसा अपार प्रेम मुझे मिला है। इससे बड़ा सौभाग्य और क्या हो सकता है। कई दशक बाद ये पहला राखी का त्योहार आएगा, जब दीदी नहीं होंगी।"
पीएम ने कहा कि लता दीदी ने देश की 30 से ज्यादा भाषाओं में हजारों गीत गाये। हिन्दी हो मराठी, संस्कृत हो या दूसरी भारतीय भाषाएं, उनका स्वर वैसा ही हर भाषा में घुला हुआ है.. संस्कृति से लेकर आस्था तक, पूरब से लेकर पश्चिम तक, उत्तर से दक्षिण तक, लता जी के सुरों के पूरे देश को एक सूत्र में पिरोने का काम किया। दुनिया में भी वो हमारे भारत की सांस्कृतिक राजदूत थीं।
उन्होंने कहा, उनके नाम से दिया जानेवाला यह पहला सम्मान मैं देश को समर्पित करता हूं। यह सम्मान जन-जन का है। बता दें, यह पुरस्कार हर साल उस व्यक्ति को दिया जाएगा जिसने हमारे देश, उसके लोगों और हमारे समाज के लिए पथप्रदर्शक, शानदार और अनुकरणीय योगदान दिया है।