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    परज़ान की उड़ान

    By Staff
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    पवन सिंह अतुल

    बीबीसी संवाददाता

    'तुसी जा रहे हो, तुसी ना जाओ..' ये डॉयलॉग याद है आपको?

    फिल्म थी कुछ कुछ होता है. उसमें एक बाल कलाकार सारी फिल्म में दिखाई तो देता है लेकिन बात सिर्फ़ इशारों में करता है.

    फ़िल्म के आख़िर में बस एक डॉयलॉग बोलता है – तुसी जा रहे हो, तुसी ना जाओ.

    ये डॉयलॉग बोलने वाला परज़ान दस्तूर अब बड़ा हो गया है.

    और इस हफ़्ते रिलीज़ हो रही फ़िल्म सिकंदर में मुख्य भूमिका में हैं.

    उनके अलावा इस फ़िल्म में हैं आर माधवन, संजय सूरी और आयशा कपूर. फिल्म के निर्माता हैं सुधीर मिश्रा और निर्देशक हैं पीयूष झा.

    फ़िल्म की कहानी चौदह साल के सिकंदर रज़ा के इर्द-गिर्द घूमती है और सिकंदर फ़ुटबॉल का दिवाना है.

    परज़ान ने कुछ कुछ होता है के अलावा मोहब्बतें, ज़ुबैदा, कभी ख़ुशी कभी ग़म और हम-तुम जैसी कुछ बड़ी फिल्मों में काम किया है.

    फ़िल्म की तैयारी

    परज़ान ने इस फ़िल्म के लिए काफ़ी तैयारी की है. उन्होंने बीबीसी को बताया कि ये एक बिल्कुल अलग अनुभव था. उन्होंने कहा ‘मैंने इससे पहले जितनी फ़िल्में की हैं उनके लिए मैंने कभी कोई तैयारी नहीं की’

    परज़ान ने कहा कि उन्होंने शूटिंग शुरु होने से एक महीने पहले तक कश्मीर के बारे में ख़ूब रिसर्च की. इस दौरान वो वहां के हालात से विशेषकर बच्चों के हालात के बारे पूरी जानकारी रख रहे थे.

    इस फ़िल्म में परज़ान के साथ संजय सूरी भी हैं. परज़ान ने बीबीसी को बताया कि उन्होंने संजय सूरी के साथ कुछ साल पहले एक विज्ञापन में काम किया था इसलिए उनके साथ काम करने में उन्हें ख़ूब मजा़ आया.

    इस फ़िल्म का मुख्य किरदार फ़ुटबॉल का शौक़ीन है लेकिन परज़ान को खेलों का ज़्यादा शौक नहीं है औऱ इस फ़िल्म के लिए उन्हें तीन महीने तक फ़ुटबॉल सीखना पड़ा.

    आगे की राह

    परज़ान बचपन में काफ़ी बड़ी-बड़ी फ़िल्में भी कर चुके हैं, तो आपको लगता होगा कि वो पर्दे के आगे अपनी पारी जारी रखेंगे. लेकिन उन्होंने अपने विकल्प खुले रखे हैं.

    परजान ने बीबीसी को बताया कि वो 11 साल से पियानो बजा रहे हैं और अब उन्होंने अपना संगीत बनाना भी शुरु कर दिया है.

    उन्होंने कहा ‘करियर के तौर पर ये भी एक विकल्प है क्योंकि मुझे पियानो बजाना और नया संगीत रचना बहुत पसंद है’

    हालाँकि इसका ये मतलब नहीं कि परज़ान को अभिनय में करियर बनाने से गुरेज़ है. वो कहते हैं ‘अगर मुझे ऐक्टिंग को करियर बनाने का मौक़ा मिलता है तो क्यों नहीं, क्यूंकि मुझे अभिनय का शौक़ है, मुझे कैमरे के सामने रहने में मज़ा आता है.’

    अपनी उम्र के अधिकतर नौजवानों की तरह परज़ान दस्तूर शाहरुख़ ख़ान के बड़े फ़ैन हैं और कुछ कुछ होता है के दौरान शाहरुख़ के साथ ऊटी में बिताए लम्हों को बड़े चाव से याद करते हैं.

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