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Just In: सतीश कौशिक की फिल्म में मरे हुए आदमी बनेंगे पंकज त्रिपाठी
सतीश कौशिक की अगली फिल्म में पंकज त्रिपाठी एक मरे हुए आदमी का किरदार निभाने जा रहे हैं। फिल्म बिहार के एक किसान की कहानी से प्रेरित है जिसे सरकारी कागज़ों में मृत घोषित कर दिया जाता है और फिर वो अपने ज़िंदा होने की लड़ाई लड़ता है। इस फिल्म के लिए सतीश कौशिक को बिहार की पृष्ठभूमि को अच्छे से समझने वाला एक अभिनेता चाहिए था।
पंकज त्रिपाठी से बेहतर इस किरदार को कोई नहीं निभा सकता था क्योंकि पंकज खुद भी बिहार के हैं और आज भी अपना काफी समय वहीं बिताते हैं। फिल्म की शूटिंग बिहार के ही एक गांव में होगी और इसे अगले साल के मध्य तक रिलीज़ करने की योजना बनाई जा रही है।
पंकज त्रिपाठी अपने अभिनय से पिछले कुछ सालों में लोगों के दिल में अपनी जगह बना चुके हैं। गैंग्स ऑफ वसेपुर से लेकर स्त्री तक उनके हर किरदार को दर्शकों ने बखूबी सराहा है। चाहे वो बरेली की बर्फी के बेहतरीन पिता हो या न्यूटन का आत्मा राम जो कि बुरा नहीं है लेकिन बस अपने काम में ढीला है।
अपने अभिनय के लिए पंकज त्रिपाठी को नेशनल अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। दर्शक उन्हें स्त्री के सीक्वल में देखने के लिए उत्साहित हैं। पिछले कुछ सालों में बॉलीवुड ने कुछ सशक्त अभिनेताओं की फिल्मों में एक समानांतर पहचान बना दी है। एक नज़र डालिए, सिनेमा के इन तीसरे स्तंभ पर -

सौरभ शुक्ला
सौरभ शुक्ला पिछले साल रेड और जॉली एलएलबी में अक्षय कुमार और अजय देवगन के साथ बिल्कुल समानांतर किरदारों में मज़बूती से खड़े दिखाई दिए। फिल्मों की ये तीसरा स्तंभ वो कई सालों से हैं।

संजय मिश्रा
वो दम लगा के हईशा में एक खिसियाए हुआ पिता बने दिखाई दिए तो मसान में एक मजबूर पिता और फिर अंग्रेज़ी में कहते हैं और आंखों देखी जैसी फिल्म में मुख्य भूमिका में।

पीयुष मिश्रा
गुलाल जैसी फिल्म उनके बिना अधूरी लगती है तो हैप्पी भाग जाएगी जैसी फिल्म में वो एकदम ताज़गी की तरह मौजूद थे।

कुमुद मिश्रा
पिछले कुछ सालों से उनके बिना फिल्में इमैजिन करना ही मुमकिन नहीं है। हर फिल्म में वो छोटा या बड़ा किसी भी किरदार में अपनी छाप ज़रूर छोड़ जाते हैं।

मोहम्मद ज़ीशान अयूब
नो वन किल्ड जेसिका से लेकर रांझणा और तनु वेड्स मनु रिटर्न्स से लेकर रईस तक मोहम्मद ज़ीशान अयूब जो भी जहां भी किया वो फिल्म में मज़बूती से सामने आए।

दीपक डोबरियाल
दीपक डोबरियाल ने ओमकारा में आग लगाने से लेकर तनु वेड्स मनु में पगलाने तक सब कुछ परफेक्ट तरीके से किया है। फिलहाल वो कॉमेडी इमेज में बंधना नहीं चाहते।

जिमी शेरगिल
हालांकि मोहब्बतें जैसी फिल्म से शुरूआत करने के बाद बॉलीवुड को अचानक लगा कि शाहरूख खान दोबारा आ चुका है। लेकिन फिलहाल जिमी शेरगिल तनु वेड्स मनु और हैप्पी भाग जाएगी जैसी फिल्मों को मज़बूती से हीरो के समानांतर पकड़ने का काम कर रहे हैं।

अपारशक्ति खुराना
दंगल अपारशक्ति का डेब्यू था। इसके बाद वो स्त्री में दिखाई दिए और इस लिस्ट के यंग उम्मीदवारों में उनका नाम होना वो पूरी तरह डिज़र्व करते हैं।

विक्रांत मैसी
जहां विक्रांत डेथ इन अ गंज और लिपस्टिक अंडर माय बुरखा जैसी ऑफबीट फिल्मों से लुभाते हैं वहीं लुटेरा, दिल धड़कने दो और हाफ गर्लफ्रेंड जैसी फिल्मों में मज़बूती से कहानी को पकड़ते हैं।