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मोदी मेरे आदर्श हैं- पहलाज निहालानी
केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सेंसर बोर्ड) के पूर्व अध्यक्ष पहलाज निहालानी ने पद से हटाए जाने के बाद अनुराग कश्यप और श्याम बेनेगल जैसे फिल्मकारों की कड़ी आलोचना की है.
पहलाज निहालानी कहते हैं, "अनुराग कश्यप की कौन सी फ़िल्म बॉक्स ऑफ़िस पर चली है, जो पहली पिक्चर बनाई थी 'पांच' वो आज तक रिलीज़ नहीं हुई है. सेंसर में अटकी हुई है. एक फ़िल्मकार के रूप में मैं कहता हूं कि वे डी ग्रेड की फ़िल्में बनाते हैं."
निहालानी प्रकाश झा की फ़िल्मों को भी बी और सी ग्रेड फ़िल्में ठहराते हैं.
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' श्याम बेनेगल बनाते हैं एडल्ट फ़िल्में '
बीते साल फ़िल्मकार श्याम बेनेगल की कमेटी ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड में सुधारों से जुड़ी एक रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी थी.
इस कमेटी में श्याम बेनेगल, पीयूष पांडेय, राकेश ओमप्रकाश मेहरा और कमल हसन जैसी नामचीन हस्तियां शामिल थीं.
कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड को सिर्फ़ एक सर्टिफ़िकेशन बोर्ड की तरह काम करने का सुझाव दिया था.
निहालानी ने इसी मामले को लेकर श्याम बेनेगल पर निशाना साधा, "श्याम बेनेगल ने हमेशा से एडल्ट फ़िल्में बनाई हैं, श्याम बेनेगल को कमेटी में लेकर आए और उन्होंने कभी भी एडल्ट फ़िल्मों के अलावा कोई भी फ़िल्म नहीं बनाई."
निहालानी कहते हैं, "अनुराग कश्यप, प्रकाश झा, एकता कपूर, महेश भट्ट जो हमेशा से केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड से लड़ते आए हैं, आप उन्हीं लोगों को वापस लेकर आ रहे हो जिन्होंने फ़िल्में खराब कर दीं. श्याम बेनेगल ने कभी एडल्ट फ़िल्मों के अलावा कुछ नहीं बनाया और आप उन्हीं को लेकर आ गए रिपोर्ट बनाने के लिए."
वे आगे कहते हैं, "जब मैं आया तो मैंने उनको गाइडलाइन दी और बताया कि तीन रेटिंग सिस्टम नहीं लाया जा सकता, भारत में युवा फ़िल्मकार अंतरराष्ट्रीय स्तर के हैं, वे अलग-अलग तरह की कहानियां बनाते हैं. ये फ़िल्में दुनिया में जाती हैं. फेस्टिवल में जाती हैं. पहले कम जाती थीं, इंडिया की आलोचना करती हुई फ़िल्में और गालीगलौच वाली फ़िल्में बाहर सराही जाती हैं."
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प्रसून जोशी पर क्या कहते हैं निहलानी
निहालानी कहते हैं, "प्रसून जोशी एक बेहद अच्छे इंसान हैं, अगर वह नया रेटिंग सिस्टम नहीं देंगे, जो मैंने किया तो उनके ऊपर भी वही सब आ जाएगा जो मेरे साथ हुआ. और मुझे मालूम ही नहीं पड़ा कि मैं पद से हटा दिया गया, अभी तक बताया नहीं गया है और जब बनाया गया था तब भी मुझे नहीं बताया गया था."
सेंसर बोर्ड चीफ़ के रूप में निहालानी के काम
निहालानी ने बताया कि उन्होंने अपने पद पर रहते हुए जिम्मेदारी और ईमानदारी से काम किया. वो कहते हैं-
- मैंने सीबीएफ़सी को भ्रष्टाचार से मुक्त कर दिया.
- ऑनलाइन सर्टिफ़िकेशन सिस्टम से पारदर्शिता बढ़ाई जिससे प्रोड्यूसर सीधे आवेदन कर सकता है.
- पैनल मैंबर की फ़ीस कम हो गई.
- फ़िल्म के प्रिव्यू के दौरान सेंसर बोर्ड के सदस्यों को प्रभावित करने के लिए प्रोड्यूसर जो ख़ाना-पिलाना करता था, उसे ख़त्म कर दिया.
- अंग्रेजी और हॉलीवुड फ़िल्मों के लिए जरूरी पशु कल्याण बोर्ड के सर्टिफ़िकेट को ख़त्म कर दिया.
- फिल्मों को टीवी पर दिखाने के लिए यू/ए परिवर्तन करने में होने वाले घोटाले को ख़त्म कर दिया.
'मोदी जी मेरे आदर्श हैं'
पहलाज निहालानी पर बीजेपी सरकार के करीबी होने के आरोप लगते रहे हैं. इस बारे में वे कहते हैं, "मैं मोदी जी के काम को पसंद करता हूं. वो मेरे आदर्श हैं. मैं बीजेपी के साथ साल 1989 से जुड़ा हुआ हूं."
निहालानी कहते हैं, "मैंने सेंसर बोर्ड चीफ़ रहते कोई गलत काम नहीं किया. अगर किसी ने गलत किया तो राज्यवर्धन सिंह राठौर ने किया, वो नए थे. उन्हें नहीं मालूम था और उन्होंने ग़लतफ़हमी फैलाई.
(बीबीसी संवाददाता विनीत ख़रे के साथ बातचीत पर आधारित)
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