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ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों का संगम : पठानकोट
हमलों के बाद फ़िल्मी हस्तियाँ सहम गई हैं
26 नवंबर की रात मुंबई में हुए इन हमलों ने फ़िल्मी सितारों की भी नींद उड़ा दी है.
इन चरमपंथी हमले के बाद जहां महानायक अमिताभ बच्चन को तकिए के नीचे रिवाल्वर रखकर सोना पड़ा, वहीं सुपरस्टार शाहरुख ख़ान भी बुरी तरह से सहम गए हैं.
मैं पिछले कुछ सालों से अपील करता आया हूं कि हमें अच्छी राजनीति और प्रशासन के साथ साथ रोज़गार और बच्चों की शिक्षा के बारे में सोचने की ज़रुरत है. इसे धर्म से नहीं जोड़ना चाहिए शाहरुख़ ख़ान
मैं पिछले कुछ सालों से अपील करता आया हूं कि हमें अच्छी राजनीति और प्रशासन के साथ साथ रोज़गार और बच्चों की शिक्षा के बारे में सोचने की ज़रुरत है. इसे धर्म से नहीं जोड़ना चाहिए |
अमिताभ बच्चन और आमिर ख़ान ने तो बाक़ायदा अपने-अपने ब्लॉग्स में इन हमलों पर अपनी बेबसी और दुख का इज़हार भी किया है.
इस्लाम को जाने
शाहरुख ख़ान का कहना था, "ऐसी घटना का वर्णन करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं. इस तरह की घटनाओँ से सिर्फ क्रोध, दुख ही पैदा होता है. एक मुसलमान होने के नाते मैं ये मानता हूं कि युवा पीढ़ी को इस्लाम को समझाने की ज़रुरत है."
उनका कहना था, " मैं पिछले कुछ सालों से अपील करता आया हूं कि हमें अच्छी राजनीति और प्रशासन के साथ साथ रोज़गार और बच्चों की शिक्षा के बारे में सोचने की ज़रुरत है. इसे धर्म से नहीं जोड़ना चाहिए. मैं युवाओं से अपील करता हूं कि वो आज से सिर्फ काम को ही अपना धर्म समझें और वो धर्म जो उन्हें जन्म से मिला है उसका सिर्फ अनुशासन से पालन करें."
फ़ना जैसी हिट फ़िल्में बनाने वाले मशहूर निर्देशक कुणाल कोहली का कहना था कि ऐसे वक़्त में पूरी दुनिया को भारत का सहयोग देना चाहिए. इस घटना से न केवल फ़िल्म इंड्स्ट्री बल्कि और कई इंडस्ट्रीज को काफ़ी फर्क पड़ा है.
क़ुर्बानी को याद करें
उनका कहना था कि ये वक़्त देश के बारे में सोचने का है. सरकार सही दिशा में क़दम उठा रही है. जो जवान और पुलिस अधिकारी इस घटना में मारे गए हैं हमें उनकी कुर्बानी को कभी भूलना नहीं चाहिए.
मैं यह बताते हुए शर्मिंदा महसूस कर रहा हूँ, लेकिन फिर भी मैं सभी को यह बताना चाहता हूँ कि इन आतंकी घटनाओं ने मेरे अंदर भी डर पैदा किया है. अमिताभ बच्चन
मैं यह बताते हुए शर्मिंदा महसूस कर रहा हूँ, लेकिन फिर भी मैं सभी को यह बताना चाहता हूँ कि इन आतंकी घटनाओं ने मेरे अंदर भी डर पैदा किया है. |
'आतंकवाद' जैसी घटनाओं पर कई फ़िल्में बना चुके निर्देशक अपूर्व लखिया ने गहरा दुख प्रकट किया. उनका कहना था, " मुझे गहरा दुख है कि हमारे नेताओं को ये सोचना चाहिए कि वो हमें किस तरह की सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं."
उनका कहना था, " हमने उन्हें वोट दिया है. सबसे ज़रुरी चीज़ है कि उन्हें भारतीय मूल्यों को समझना चाहिए. न केवल फिल्म इंडस्ट्री बल्कि भारतीय होने के नाते ये हमारे लिए चिंता की बात है.पहली बार ये घटनाएं ऐसी जगह पर हुई हैं जब सरकार को कुछ न कुछ तो करना ही पड़ेगा."
अमिताभ ने अपने ब्लाग में लिखा है, " मैं यह बताते हुए शर्मिंदा महसूस कर रहा हूँ, लेकिन फिर भी मैं सभी को यह बताना चाहता हूँ कि इन आतंकी घटनाओं ने मेरे अंदर भी डर पैदा किया है." अमिताभ कहते हैं कि चरमपंथी हमलों के बाद वो लगातार ख़ौफ़ में जी रहे हैं.
भाई बहन को खोया
मुंबई के हमलों में मारे गए लोगों में फ़िल्म अभिनेता आशीष चौधरी की बहन और बहनोई भी शामिल हैं.
ओबेरॉय ट्राइडेंट होटल में खाना खाने गए दंपती को चालीस अन्य लोगों के साथ हमलावरों ने बंधक बना लिया था.
मीडिया को भेजे एक पत्र में आशीष ने अपना दुख कुछ इस तरह से वयक्त किया है.
"मैं इस वक्त दिमागी रुप से इस हालत में नहीं हूं कि जहां मैं अपने परिवार को हुई हानि के बारे में बात कर सकूं लेकिन मैं उन लोगों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं जो दुख की इस घड़ी में मेरे साथ खड़े रहे."
आशीष चौधरी 'धमाल' और 'लेट्स एन्ज्वाय' जैसी फ़िल्मों में काम कर चुके हैं.