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ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों का संगम : पठानकोट
दिवंगत वाजिद खान की पत्नी का बड़ा आरोप- 'ससुराल वाले धर्म परिवर्तन के लिए बना रहे हैं दवाब'
दिवंगत संगीतकार वाजिद खान की पत्नी कमलरुख ने सनसनीखेज खुलासा किया है। कमलरुख ने आरोप लगाया है कि उनके ससुराल वाले लंबे से उन पर धर्म परिवर्तन करने का दवाब बना रहे हैं। उन्होंने सोशल मीडिया एक लंबा चौड़ा पोस्ट शेयर किया है, जिसमें उन्होंने वाजिद खान के साथ अपनी शादी और उसके बाद के बुरे अनुभव साझा किए हैं।
बता दें, इसी साल लंबी बीमारी के बाद 1 जून को वाजिद खान ने आखिरी सांसें ली थीं। जहां संगीतकार की मौत ने सभी को हैरान कर दिया था। वहीं, अब वाजिद खान की पत्नी कमलरुख के सोशल मीडिया पोस्ट ने सभी को हैरान कर दिया है।
कमलरुख ने धर्मांतरण विरोधी कानून को लेकर बात कही है। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा- "मेरा नाम कमलरुख है। मैं दिवंगत म्यूजिक डायरेक्टर वाजिद खान की पत्नी हूं। मेरे पति और मैं शादी करने से पहले 10 साल तक अफेयर में थे। मैं पारसी हूं और वे मुस्लिम थे। हमें आप कॉलेज स्वीटहार्ट कह सकते हैं। हमने स्पेशल मैरिज एक्ट (एक ऐसा एक्ट जिसके तहत आप दूसरे धर्म में शादी कर सकते हैं।) के तहत शादी की थी।"

इंटर- कास्ट शादी के अनुभव
कमलरुख आगे लिखती हैं, "मैं अपनी इंटर- कास्ट शादी के अनुभव शेयर करना चाहती हूं.. इस दौर और उम्र में कैसे एक महिला पूर्वाग्रह का सामना कर सकती है। धर्म के नाम पर तकलीफ देना और भेदभाव करना शर्मनाक और आंखें खोलने वाला है।"

पढ़ी-लिखी और आजाद महिला को स्वीकार नहीं किया
कमलरुख ने लिखा है, "मेरी परवरिश ऐसे पारसी परिवार में हुई है जहां सभी लोग पढ़े-लिखे और खुलकर लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात कह सकते हैं। शादी के बाद यही स्वतंत्रता, शिक्षा और वेल्यु सिस्टम मेरे पति के परिवार के लिए सबसे बड़ी समस्या थी। उन्हें एक पढ़ी-लिखी, सोचने-समझने वाली, स्वतंत्र महिला, जो अपना एक नजरिया रखती है, मंजूर नहीं थी। उन्होंने पढ़ी-लिखी और आजाद महिला को स्वीकार नहीं किया और धर्मांतरण का दबाव बनाने लगे।"

मैं भावनात्मक रूप से टूट गई
"मैं हर किसी धर्म का सम्मान करती हूं, लेकिन इस्लाम में परिवर्तित होने के मेरे प्रतिरोध ने मेरे और मेरे पति के बीच की दूरियों को काफी बढ़ा दिया था। यहां तक कि इतना मुश्किल हो गया था कि हमारे पति-पत्नी के रिश्ते खराब हो गए। मैं भावनात्मक रूप से टूट गई, लेकिन मैंने और मेरे बच्चों ने सब्र किया।"

परिवार की ओर से प्रताड़ना जारी है
कमलरुख ने आरोप लगाया है कि वाजिद की मौत के बाद भी उनके ससुरालवाले उन पर धर्म परिवर्तन का दबाव बना रहे हैं। उन्होंने लिखा, "उनके परिवार की ओर से प्रताड़ना जारी है। मैं अपने अधिकारों और बच्चों की विरासत के लड़ रही हूं। यह सब मेरे इस्लाम न अपनाने के खिलाफ उनकी नफरत के कारण हो रहा है। नफरत की जड़ें इतनी गहरी हैं कि किसी प्रियजन की मौत भी उन्हें हिला नहीं सकती।"

काश परिवार के रूप में हम साथ समय गुजार पाते
कमलरुख खान ने आगे लिखा, "वाजिद एक प्रतिभाशाली संगीतकार थे जिन्होंने शानदार धुन बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया था। मेरे बच्चे और मैं उन्हें बहुत याद करते हैं और हम सोचते हैं कि उन्होंने एक परिवार के रूप में हमारे साथ समर्पित समय बिताया होता.. धार्मिक पूर्वाग्रहों से रहित, जिस तरह से उन्होंने अपनी धुनें बनाई थीं। हमें उनके और उनके परिवार की धार्मिक कट्टरता के कारण कभी परिवार नहीं मिला।"

धर्मांतरण विरोधी कानून
कमलरुख खान ने अंत में कहा कि धर्मांतरण विरोधी कानून का राष्ट्रीयकरण किया जाना चाहिए ताकि मेरी जैसी महिलाओं के लिए संघर्ष को कम किया जा सके जो अंतरजातीय विवाह में धर्म की विषाक्तता से लड़ रही हैं।