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ऑस्कर की तमन्ना नहीं- लता मंगेशकर
लता मंगेशकर ने 'तेरे सुर और मेरे गीत 2011' नाम का कैलेंडर लॉन्च किया.
भारत रत्न लता मंगेशकर आज जिस पड़ाव पर हैं, वहां वो किसी पुरस्कार की मोहताज नहीं हैं.
मुंबई में 'तेरे सुर और मेरे गीत 2011' नाम के एक कैलेंडर लॉन्च के मौके पर जब मीडिया ने उनसे सवाल किया कि क्या आपको ऑस्कर की तमन्ना है, तो लता दीदी बोलीं, "मैं दुनिया भर में फैले अपने प्रशंसकों के प्यार से बहुत संतुष्ट हूं. मुझे ऑस्कर की कोई चाह नहीं."
'तेरे सुर और मेरे गीत' वो कैलेंडर हैं जिनमें लता मंगेशकर के साथ उन संगीतकारों की तस्वीरें हैं जिनके लिए लता दीदी ने गाना गाया. इनमें खेमचंद प्रकाश, ग़ुलाम हैदर, सलिल चौधरी, एस डी बर्मन, आर डी बर्मन के अलावा ए आर रहमान की भी तस्वीरें हैं.
इस कैलेंडर के बारे में बताते हुए लता मंगेशकर ने कहा, "ये आइडिया मेरे छोटे भाई ह्रदयनाथ मंगेशकर का है. मैंने क़रीब 115 संगीत निर्देशकों के साथ काम किया है, जिनमें से 24 संगीतकारों को हमने इस कैलेंडर के लिए चुना."
लता मंगेशकर ने अपने पुराने दिन याद करते हुए बताया कि ग़ुलाम हैदर साहब उन्हें प्यार से मेम साहब कहते थे और 1947 में वो पाकिस्तान चले गए, लेकिन उसके पहले उन्होंने लता दीदी से कहा कि एक दिन तुम्हारा बहुत नाम होगा.
संगीत में आए बदलाव के बारे में लता दीदी का कहना है, "हम लोगों के ज़माने के गाने आज भी बहुत पसंद किए जाते हैं. अब तो संगीत के साथ-साथ फ़िल्मों में भी काफ़ी बदलाव आ गया है."
मौजूदा दौर के संगीतकारों में इस कैलेंडर के लिए सिर्फ़ ए आर रहमान को क्यों चुना गया. ये पूछने पर लता दीदी बोलीं, "वो इस दौर के सबसे गुणी संगीतकार हैं. ऑस्कर जीतने वाले वो पहले भारतीय संगीतकार हैं. मैंने उनके साथ जो गाने गाए, वो काफ़ी चले. इस वजह से हमने उन्हें चुना."
वैसे लता मंगेशकर ने बताया कि कुछ ऐसे संगीतकार भी हैं जिन्हें वो इस कैलेंडर में शामिल करना चाहती थीं, लेकिन कर ना सकीं. जिनमें से नए दौर के जतिन-ललित भी शामिल हैं.