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    फ़िल्म ज़ीरो में बौना कैसे हो गए शाहरुख़ ख़ान?

    By Bbc Hindi
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    शाहरुख़ ख़ान ने अपनी आने वाली फिल्म 'ज़ीरो' में एक बौने शख्स का किरदार निभा रहे हैं.

    इस फिल्म के ट्रेलर लॉन्च पर शाहरुख़ ने बताया कि उनके किरदार को रचने के लिए बहुत एडवांस्ड विजुअल इफेक्ट्स का इस्तेमाल किया गया है और इसे बनाने में दो साल का वक्त लगा है.

    निर्देशक आनंद एल राय की इस फिल्म में कई तरह के विजुअल इफेक्ट्स का इस्तेमाल किया गया है, जिसका काम शाहरुख़ की कंपनी रेड चिलीज़ वीएफएक्स के पास है.

    पहले भी फिल्मों में विजुअल इफेक्ट्स के ज़रिए छोटे को बड़ा और बड़े को छोटा दिखाया जाता रहा है. 'जानेमन'​ फिल्म में अनुपम खेर और 'अप्पू राजा' फिल्म में कमल हसन भी बौने शख्स का किरदार निभा चुके हैं.

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    इसके अलावा कई ​हॉलिवुड ​फिल्मों में भी बोने दिखाने वाले इफेक्ट्स का इस्तेमाल किया गया है. इनमें एक से ज्यादा लोगों को बौना दिखाया गया है.

    ​फिल्मों में बौना दिखाने के लिए कुछ खास तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है. 'ज़ीरो' फिल्म में भी शाहरुख़ को बौना दिखाने के लिए ऐसी ही तकनीकों का इस्तेमाल किया गया होगा.

    इन तकनीकों के बारे में हम यहां बता रहे हैं.

    फोर्स्ड परस्पेक्टिव

    'फोर्स्ड परस्पेक्टिव', यह ऐसी तकनीक है जिसमें 'ऑप्टिकल इल्यूजन' की मदद से किसी ऑबजेक्ट को छोटा, बड़ा, दूर या ​पास दिखाया जा सकता है.

    इस तकनीक का इस्तेमाल हम आमतौर पर भी देखते हैं जैसे किसी की हथेली में बहुत ऊंची इमारत को दिखाना. इसमें इमारत छोटी दिखने लगती है और हथेली अपने ही आकार में दिखती है.

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    शाहरुख़ भी फिल्म में इस तकनीक का इस्तेमाल करके उनके आसपास के लोगों और वस्तुओं के मुकाबले छोटा दिखाये जा सकते हैं.

    विदेश से बुलाए लोग

    यह भी कहा जा रहा है कि इस फिल्म को बनाने के लिए विदेश से एक्सपर्ट बुलाए गए हैं. हॉलिवुड​ फिल्मों में इस तरह की तकनीकों का इस्तेमाल होता रहा है.

    हॉलिवुड की 'द हॉबिट' और 'लॉर्ड ऑफ द रिंग्स' जैसी फिल्मों में भी इसका इस्तेमाल किया गया है और कई लोगों को असल कद से छोटा दिखाया गया है.

    'लॉर्ड ऑफ द रिंग्स' में छोटे और बड़े कद के किरदारों को शूट करने के लिए एक खास तरीका अपनाया गया था. इसमें छोटे और बड़े कद वाले व्यक्तियों के सीन को अलग-अलग शूट किया गया और फिर एक साथ मिला दिया गया.

    'क्रोमा की' तकनीक

    इसके अलावा ऐसी फिल्मों में 'क्रोमा की' तकनीक का इस्तेमाल भी होता है, जिसमें ग्रीन स्क्रीन में सीन को शूट करके उसका बैकग्राउंड बदला जा सकता है.

    शाहरुख़ ख़ान ने 'ज़ीरो' फिल्म का ट्रेलर रिलीज़ होने से पहले शूटिंग की एक तस्वीर भी ट्वीट की थी जिससे पता चलता है कि फिल्म की शूटिंग ग्रीन स्क्रीन पर की जा रही है.

    फिल्म बनाने में लगे दो साल

    इस फिल्म का ट्रेलर सोमवार को रिलीज़ किया गया है. प्रेस कांफ्रेंस के दौरान शाहरुख़ ख़ान ने कहा, ''ये एक काफी मुश्किल फिल्म थी. इसे बनाने में दो साल का वक्त लग गया.''

    उन्होंने कहा, ''दो चीज़ों पर मुझे बहुत गर्व है. एक तो यह कि ये दुनिया में बनाई गई सबसे ज्यादा एडवांस्ड विजुअल इफेक्ट वाली फिल्म है. इसलिए इसमें ज्यादा समय लगा. हर बार ऐसी फिल्म नहीं बनती. ये विजुअली हेवी फिल्म है और पैसा भी लगा है.''

    शाहरुख़ ख़ान के साथ इस फिल्म में अनुष्का शर्मा और कटरीना कैफ भी मुख्य भूमिका में दिखेंगी और ट्रेलर में हम देख सकते हैं कि उनका करेक्टर काफ़ी दिलचस्प है.

    फिल्म में साल 1965 में आई 'जब-जब फूल खिले' का 'हम को तुमपे प्यार आया' इस्तेमाल किया गया है जिस पर शाहरुख़ डांस कर रहे हैं.

    वहीं, पिछले साल 2017 में आई 'बाहुबली 2' में भी काफी विजुअल इफेक्ट्स का इस्तेमाल किया गया था और इसके लिए फिल्म की काफी तारीफ भी हुई थी.

    अब 'जीरो' फिल्म को लेकर दर्शक क्या प्रतिक्रिया देते हैं ये इस साल के अंत में पता चलेगा क्योंकि फिल्म 21 दिसंबर 2018 में रिलीज हो रही है.

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    BBC Hindi
    English summary
    Know What techniques are used in movie to look Shahrukh khan a dwarf.
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