Just In
- 7 hrs ago Crew Review: चोर के घर चोरी करती नजर आईं तबू, करीना और कृति, बेबो ने लूट ली सारी लाइमलाइट, कृति पड़ीं फीकी
- 10 hrs ago बेटे अकाय के जन्म के बाद अनुष्का शर्मा ने शेयर की अपनी पहली तस्वीर, दूसरी डिलिवरी के बाद ऐसी हो गई हैं हसीना
- 11 hrs ago ईशा अंबानी ने 508 करोड़ में बेचा अपना 38,000 स्कवेयर फुट का बंगला, इस हसीना ने चुटकी बजाकर खरीदा?
- 12 hrs ago 250 करोड़ की मालकिन बनने को तैयार 1 साल की राहा कपूर! रणबीर-आलिया ने लिया ऐसा फैसला
Don't Miss!
- News Today in Politics: मुख्तार अंसारी को आज किया जाएगा सुपुर्द-ए-खाक, PM मोदी और बिल गेट्स की होगी चर्चा
- Lifestyle Good Friday 2024 Quotes Messages: गुड फ्राइडे के मौके पर शेयर करें यीशु के विचार
- Education MHT CET 2024 Exam Dates: एमएचटी सीईटी 2024 परीक्षा की तारीखें फिर से संशोधित की गई, नोटिस देखें
- Finance Gaming का बिजनेस भारत में पसार रहा पांव, आने वाले सालों में 6 अरब डॉलर तक का होगा कारोबार
- Automobiles अब Toll प्लाजा और Fastag से नहीं, इस खास सिस्टम से होगा Toll Collection! नितिन गडकरी ने दिया बड़ा अपडेट
- Technology Oppo F25 Pro भारत में नए Coral Purple कलर में उपलब्ध, जानिए, स्पेक्स और उपलब्धता
- Travel Good Friday की छुट्टियों में गोवा जाएं तो वहां चल रहे इन फेस्टिवल्स में भी जरूर हो शामिल
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
'फ़िल्में न बनाता तो बास्केटबॉल खेलता'
'जब वी मैट' की ज़ोरदार सफलता के बाद निर्देशक इम्तियाज़ अली लेकर आ रहे हैं एक और रोमांटिक फ़िल्म 'लव आज कल'. इस फ़िल्म से अभिनेता सैफ़ अली ख़ान बतौर निर्माता फ़िल्मी दुनिया में क़दम रख रहे हैं.
सैफ़ अली ख़ान के साथ दिखाई देंगी बॉलीवुड में कम समय में ही अपने लिए ख़ास जगह बनाने वाली अभिनेत्री दीपिका पादुकोण. फ़िल्म की ख़ास बात ये भी है कि असल ज़िंदगी की जोड़ी- ऋषि कपूर और नीतू सिंह एक लंबे समय के बाद बड़े परदे पर एक साथ नज़र आएंगे. निर्देशक इम्तियाज़ अली ने बीबीसी एफ़एम की ऋचा शर्मा के साथ अपने अब तक के सफ़र के बारे में कुछ यादें बांटीं. इम्तियाज़ आप जब दिल्ली में थे तो निर्देशन के साथ साथ आप अभिनय भी करते थे, तो अब सिर्फ निर्देशन ही क्यूँ? मेरे अन्दर जो अभिनय का कीड़ा था वो निकल चुका है, क्यूंकि अभिनय तो मैं बचपन से ही करता था, स्कूल में जो नाटक हुआ करते थे मैं हमेशा उनका हिस्सा था.
मैंने जब हिन्दू कॉलेज में दाखिला लिया तो उससे पहले ही मैंने कई नाटकों का निर्देशन करने के साथ साथ उनमें अभिनय कर चुका था.
लेकिन शुरू से ही मेरा रुझान अभिनय से ज़्यादा निर्देशन की ओर रहा है और कॉलेज में दाखिला लेने के बाद अभिनय कम हो गया और निर्देशन की तरफ मैं कदम बढ़ाता चला गया और मुंबई आने पर मैंने निश्चय कर लिया कि मैं अभिनय नहीं बल्कि निर्देशन ही करना चाहता हूँ. तो मुंबई में काम कैसे मिला ? मैं जब मुंबई आया तो मुझे पता था की फ़िल्म इंडस्ट्री में काम मिलना बहुत मुश्किल होगा.
तो मैंने 'एडवरटाइज़िंग' में डिप्लोमा किया लेकिन मेरा असल संघर्ष उसके बाद ही शुरू हुआ. मुझे लगभग दो साल लग गए नौकरी ढूँढने में और फिर मुझे एक टीवी चैनल में 1500 रुपए की नौकरी मिली.
फिर कुछ नौकरियां बदलने के बाद मुझे मौक़ा मिला एक टीवी सीरियल पुरुष क्षेत्र के निर्देशन का.
जब से मैंने टेलिविज़न के लिए लिखना शुरू किया तभी से ही से मैं फिल्मों के लिए बहुत सी कहानियाँ लिखा करता था.
इस सिलसिले में कई लोगों से मिलता था और अपनी कहानियाँ सुनाता था लेकिन कई कोशिशों के बावजूद भी कोई फ़िल्म नहीं बन पायी. फिर इस तरह कोशिश करते करते कुछ साल बाद मुझे मेरी पहली फ़िल्म सोचा न था बनाने का मौक़ा मिला. आपकी फ़िल्मों में कोई न कोई किस्सा रेलगाड़ी के इर्द-गिर्द ज़रूर होता है, इसकी कोई ख़ास वजह ? बचपन से लेकर आजतक मैंने बहुत रेल यात्राएं की है और मुझे इसमें बेहद मज़ा भी आता है.
मेरा मानना है कि अगर आप इस देश के बारे में जानना चाहते हैं तो इससे बढ़िया तरीका और कोई नहीं है क्योंकि आप अलग-अलग तरह के लोगों से मिलते हैं और ऐसे क्षणभंगुर रिश्ते बनते हैं जो इंसान को बहुत कुछ सिखाते हैं.
तो मेरी इन यात्राओं के दौरान ऐसे बहुत से मज़ेदार किस्से रहे हैं और इसलिए चाहते या न चाहते हुए भी मेरी फ़िल्मों में रेल का कोई न कोई ज़िक्र ज़रूर हो जाता है. इम्तियाज़ अगर आप फ़िल्मी दुनिया का हिस्सा न होते तो क्या कर रहे होते ? मैं शायद बास्केटबॉल खेलता क्योंकि जब मैं जमशेदपुर में रहता था तो ये खेल बहुत दिल से खेलता था. इम्तियाज़ आप अपने खाली वक़्त में क्या करना पसंद करतें हैं? वैसे मुझे घूमने का बेहद शौक है. अलग अलग जगह देखना, उस जगह की सभ्यता, संस्कृति और संगीत को क़रीब से जाने की कोशिश करना, साथ ही विभिन्न प्रकार के व्यंजनों को खाना मुझे अच्छा लगता है. घूमने फिरने के अलवा में अलग अलग तरह की चाय पीना भी बेहद पसंद करता हूँ. इम्तियाज़ अपने कॉलेज के दिनों के बारे में भी कुछ बताइए? में हिन्दू कॉलेज में था और कॉलेज के होस्टल के कमरा नंबर 91 के बारे में मैंने कई अजीब बातें सुनी थी, जैसे की जो भी छात्र इस कमरे में रहता है वो परीक्षा में असफल हो जाता है या फिर उसके साथ ज़रूर कुछ न कुछ बुरा होता है इसलिए इस कमरे में कोई रहना नहीं चाहता.
मैंने और मेरे दो दोस्तों ने ये कमरा ले लिया. और दिलचस्प बात ये कि मैं कॉलेज में अव्वल आया और मेरा दोस्त तो पुरे विश्वविद्यालय में अव्वल रहा.
और सिर्फ़ पढाई ही क्यूँ मैंने तो थियेटर में में खूब नाम कमाया. मजे की बात ये की उसके बाद से कमरा नंबर 91 की मांग सबसे ज़्यादा हो गई. हम दोस्तों ने मिलकर उस कमरे पर जो कलंक लगा था, वो धो डाला.
-
गर्लफ्रेंड के बच्चे का बाप बना ये सुपरस्टार, सीधा नवजात बच्चे के साथ हुआ स्पॉट तो सन्न रह गया जमाना
-
24 में हुई पहली शादी, 7 साल में हुआ तलाक, फिर 38 साल की उम्र में 14 साल छोटी लड़की से की तीसरी शादी
-
क्या प्रेग्नेंट हैं सना जावेद? शोएब मलिक संग प्राइवेट तस्वीरें हुई वायरल नेटिजंस को दिखा बेबी बंप!