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    काश, मैंने बचपन में ही उर्दू पढ़ ली होती: नरगिस फाखरी

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    कतया कतया करूं कहकर लोगों के दिलों को धड़काने वाली अभिनेत्री नरगिस फाखरी एक लंबे समय बाद फिर से मद्रास कैफे के जरिये लोगों के दिलों पर दस्तक देने की तैयारी कर रही हैं। लेकिन इन दिनों उनकी परेशानी की वजह उनका फिल्मी करियर नहीं बल्कि उनकी भाषा है। न्यूयार्क में रहने वाली यह कमसिन मॉडल आज कल हिंदी सीख रही है और उन्हें बेहद अफसोस है कि उन्होंने बचपन में उर्दू नहीं सीखी।

    नरगिस ने कहा कि मैं हर दिन कुछ ना कुछ सीखने की कोशिश करती हूं ..काश मैंने बचपन में ही उर्दू भी सीख ली होती तो आज मुझे इतनी परेशानी ना उठानी होती।
    वैसे आपको बता दें कि आने वाली शूजीत सरकार की 'मद्रास कैफे' में अभिनेत्री नरगिस फाखरी ने अपनी आवाज में ही डॉयलाग बोले हैं।

    मद्रास कैफे आंतकवाद पर बनी फिल्म है, जिसमें नरगिस एक पत्रकार के रोल में हैं। फिल्म में उनके साथ हीरो जॉन अब्राहम है। फिल्म को श्रीलंका औऱ भारत दोनों जगह शूट किया गया है।

    फिल्म के डायरेक्टर सुजीत सरकार हैं जिन्होंने 'विक्की डोनर' जैसी अवार्ड वीनिंग फिल्म बनायी थी। फिल्म के निर्माता जॉन अब्राहम हैं। फिल्म 23 अगस्त को रिलीज हो रही है।

    आईये देखते हैं नरगिस फाखरी की तस्वीरें...

    English summary
    Actress Nargis Fakhri says she is "adapting" and "adjusting" in Bollywood by working on her Hindi diction every day, but she wishes she would have learnt Urdu during her younger days.
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