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    81 की हुईं स्वरोकोकिला लता जी

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    Lata Mangeshkar
    भारत रत्न लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर, 1929 को इंदौर में हुआ था। भारत की सबसे लोकप्रिय और आदरणीय गायिका हैं जिनका छ: दशकों का कार्यकाल उपलब्धियों से भरा पड़ा है। हालांकि लता जी ने लगभग तीस से ज्यादा भाषाओं में फ़िल्मी और गैर-फ़िल्मी गाने गाये हैं लेकिन उनकी पहचान भारतीय सिनेमा में एक पार्श्वगायक के रूप में रही है।

    लता की जादुई आवाज़ के भारतीय उपमहाद्वीप के साथ-साथ पूरी दुनिया में दीवाने हैं। टाईम पत्रिका ने उन्हें भारतीय पार्श्वगायन की अपरिहार्य और अपरिहार्य और एकछत्र साम्राज्ञी स्वीकार किया है। लता का जन्म मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में सबसे बड़ी बेटी के रूप में पंडित दीनानाथ मंगेशकर के मध्यवर्गीय परिवार में हुआ। उनके पिता रंगमंच के कलाकार और गायक थे। इनके परिवार से हृदयनाथ मंगेशकर और बहनें उषा मंगेशकर, मीना मंगेशकर और आशा भोंषले सभी ने संगीत को ही अपनी आजीविका के लिये चुना।

    लता मंगेशकर के पुरस्कार

    * फिल्म फेयर पुरस्कार (1958, 1962, 1965, 1969, 1993 and 1994)
    * राष्ट्रीय पुरस्कार (1972, 1975 and 1990)
    * महाराष्ट्र सरकार पुरस्कार (1966 and 1967)
    * 1969 - पद्म भूषण
    * 1974 - दुनिया मे सबसे अधिक गीत गाने का गिनीज़ बुक रिकॉर्ड
    * 1989 - दादा साहब फाल्के पुरस्का
    * 1993 - फिल्म फेर का लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्का
    * 1996 - स्क्रीन का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्का
    * 1997 - राजीव गान्धी पुरस्कार
    * 1999 - एन.टी.आर. पुरस्कार
    * 1999 - पद्म विभूषण

    * 1999 - ज़ी सिने का का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार
    * 2000 - आई. आई. ए. एफ. का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार
    * 2001 - स्टारडस्ट का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार
    * 2001 - भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान "भारत रत्न"
    * 2001 - नूरजहाँ पुरस्कार
    * 2001 - महाराष्ट्र भुषण

    1949 में लता को ऐसा मौका फ़िल्म "महल" के "आयेगा आनेवाला" गीत से मिला। इस गीत को उस समय की सबसे खूबसूरत और चर्चित अभिनेत्री मधुबाला पर फ़िल्माया गया था। यह फ़िल्म अत्यंत सफल रही थी और लता तथा मधुबाला दोनों के लिये बहुत शुभ साबित हुई। इसके बाद लता ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। चाहे मधुबाल को पर्दे पर आवाज देनी हो या फिर ऐश्वर्या के लिए गीत गाना हो, लता की आवाज हर जगह फिट बैठती है।

    यश कैंप तो अपनी सफलता का सारा श्रेय लता जी को ही मानता है। समय बीता लेकिन लता की आवाज दिन प्रतिदिन जवां होती गई। और आज भी उनका गायन बदस्तूर जारी है। लता ऊपर वाले की और से हमारे देश को बख्शी गई वो नेमत है जिन्हें मां सरस्वती का साक्षात आशिर्वाद प्राप्त है। संगीत की नयी दास्तां लिखने वाली इस महान गायिका को हमारी टीम भी जन्मदिन की ढ़ेरों शुभकामनाएं देती है और कहती है तुम जियो हजारों साल।

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