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    समलैंगिक संबंधों पर बनी फ़िल्म पर हंगामा

    By Jaya Nigam
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    समलैंगिक संबंधों पर बनी फ़िल्म पर हंगामा

    'डुन्नो व्हाई...ना जाने' क्यों समलैंगिक संबंधों पर आधारित फ़िल्म है

    समलैंगिक संबंधों पर बनी फ़िल्म 'डुन्नो व्हाई...ना जाने क्यों' की रिलीज़ एक हफ़्ते बढ़ा दी गई है. अब ये दीवाली पर रिलीज़ होगी.

    फ़िल्म के निर्देशक संजय शर्मा का कहना है कि उन्हें और फ़िल्म के कलाकारों को ख़तों के ज़रिए लगातार धमकियां मिल रही हैं, जिनमें लिखा है कि अगर फ़िल्म रिलीज़ की गई तो अंजाम अच्छा नहीं होगा.

    बीबीसी से बात करते हुए संजय शर्मा कहते हैं, "हमारी फ़िल्म को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इतनी प्रशंसा मिली है. पता नहीं हिंदुस्तान में कुछ लोगों को क्या हो जाता है. हमें फ़िल्म में काम कर रहे कलाकारों की चिंता है. इसलिए हमने इसकी रिलीज़ आगे बढ़ा दी है."

    हालांकि संजय ने साफ़ तौर पर ये नहीं बताया कि वो कौन लोग हैं, जो उन्हें धमकी दे रहे हैं. 'डुन्नो व्हाई...ना जाने क्यों' दो लड़कों के रिश्तों पर आधारित है.

    इस फ़िल्म के ज़रिए लंबे समय बाद बड़े पर्दे पर वापसी कर रही हैं ज़ीनत अमान. वो कहती हैं, "भारत में जब भी कुछ अलग हटकर बनाओ, तो लोग सवाल खड़े करने लगते हैं. समलैंगिक संबंध आज की हक़ीक़त बन चुके हैं. हम इस फ़िल्म में भी वही दिखा रहे हैं. तो फिर शोर क्यों मच रहा है."

    फ़िल्म में रितुपर्णा, युवराज और कपिल शर्मा भी अहम रोल में हैं.

    नंदिता दास की फ़िल्म 'फ़ायर' को भी झेलना पड़ा था विरोध

    कपिल शर्मा जो फ़िल्म के पटकथा लेखक भी हैं, कहते हैं, "हमने काफ़ी बोल्ड फ़िल्म बनाई है. लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है, जिस पर लोगों को हंगामा करना चाहिए. पूरी दुनिया में अब समलैंगिक संबंधों का होना आम बात होती जा रही है."

    समलैंगिक संबंधों पर बनी दीपा मेहता की फ़िल्म 'फ़ायर' को भी भारत में काफ़ी विरोध का सामना करना पड़ा था. फ़िल्म में शबाना आज़मी और नंदिता दास की मुख्य भूमिका थी.

    नंदिता दास कहती हैं, "फ़ायर को भी सेंसर बोर्ड ने क्लीन चिट दे दी थी. मुझे समझ नहीं आता कि इसे बावजूद ये समाज और संस्कृति के ठेकेदारों को इतनी ढील देकर रखी गई है, कि ये लोग तोड़-फोड़ करके या हंगामा करके फ़िल्मों का विरोध करते हैं. ऐसे लोगों को रोकना बहुत ज़रूरी है."

    नंदिता के मुताबिक़ अगर किसी को फ़िल्म पसंद नहीं आती तो उसे नहीं देखनी चाहिए. लेकिन धमकी देना या किसी तरह का हंगामा करके विरोध जताना बिलकुल ग़लत है.

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