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    क्या था अभिनेत्री दीप्ती नवल और राजेश खन्ना के बीच का राज़?

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    Rajesh khanna
    बैंगलोर। बॉलीवुड के सुपरस्टार राजेश खन्ना के बंगले आशिर्वाद को लेकर एक के बाद एक नयी खबर आ रही है। उनके बंगले को म्यूसियम बनने की खबर के बाद लोग खुश हैं कि सुपरस्टार के घर को अब हर कोई देख पाएगा। लेकिन काका की इस खवा्हिश के पीछे एक और राज है जो अब अभिनेत्री दीप्ती नवल ने जाहिर किया है। दीप्ती का कहना है कि आशिर्वाद को म्यूसियम बनाने का आईडिया उन्होने काका को दिया था।

    दीप्ती नवल ने बताया कि वो जब फिल्मों में आईं भी नहीं थीं तब से राजेश खन्ना की फैन थीं। फिल्मों में आने के बाद उन्होने एक बार राजेश खन्ना से मिलने की इच्छा जाहिर की। जब राजेश खन्ना को दीप्ती नवल की इस इच्छा को बारे में बताया गया तो वो अपने लिंकिंग रोड के ऑफिस में उनसे मिलने के लिए राजी हो गए। जब काका दीप्ती नवल से मिले तो उन्होने बड़े ही रूड होकर दीप्ती से कहा कि उनके जैसी अभिनेत्रियां बॉलीवुड में अपना समय बर्बाद कर रही हैं। उनकी फिल्में आम इंसान देखता तक नहीं। थोड़ी देर बाद राजेश खन्ना ने दीप्ती से पूछा कि वो उनसे क्यों मिलना चाहती थीं। तब दीप्ती ने अपने द्वारा लिखी गई स्क्रिप्ट काका जी को दिखाई। उस स्क्रिप्ट की कहानी एक सुपस्टार के करियर के उतार-चढ़ाव पर आधारित थी जो उन्होने काका जी को ध्यान में रखकर लिखी थी।

    राजेश खन्ना को वो स्क्रिप्ट बहुत पसंद आई और उन्होने दीप्ती से दोबारा मिलकर फिल्म के निर्माण को लेकर बातचीत करने को कहा। दीप्ती बहुत खुश हुईं और उन्होने काका जी से पूछा कि क्या वो उनके बंगले आशिर्वाद में आ सकती हैं। ज्ञात हो कि डिंपल के आशिर्वाद छोड़ने के बाद उस वक्त तक कोई और महिला उस बंगले में नहीं आती थी। लेकिन काका ने दीप्ती को घर पर आने की इजाजत दे दी।

    फिर एक दिन दीप्ती ने राजेश खन्ना से पूछा "आप इस बड़े से बंगले के एक कोने में रहते हैं। इसका आप क्या करने वाले हैं? आप इसके एक भाग को म्यूसियम क्यों नहीं बना देते। इससे जतिन खन्ना से राजेश खन्ना तक का सफर तय करने की यादें भी सहेज के रखी जा सकेंगी।" काका को यह विचार बहुत पसंद आया। उसके बाद दीप्ती नवल और राजेश खन्ना लगभग हर रोज मिलते और उनके बीच बहुत अच्छी दोस्ती हो गई। लेकिन म्यूसियम का ये आईडिया दोनों के बीच एक सीक्रेट ही रहा।

    दीप्ती ने एक लेखक को बताया "मुझे नहीं पता कि कौन यह खबर उड़ा रहा है कि आशिर्वाद को राजेश खन्ना की याद में म्यूसियम बनाया जाएगा बल्कि हम दोनों तो आशिर्वाद को 'दि राजेश खन्ना म्यूसियम ऑफ हिन्दी सिनेमा' के रुप में तब्दील करना चाहते थे। काका जी कहते थे कि यह हिन्दी सिनेमा को एक बेहतरीन कॉंट्रीब्यूशन होगा जिसने काका जी को बहुत कुछ दिया है। काका जी यह म्यूसियम अपने करियर के 100 साल पूरे होने के दौरान हिन्दी सिनेमा को देना चाहते थे।"

    English summary
    Rajesh khanna and Dipti Naval shared a good friendship and Dipti was the person who gave the idea to transform Aashirwad into Museum.
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