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    सेंसर में फिल्मों की रेटिंग तय हो : अभिषेक कपूर

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    बॉलीवुड फिल्मकार अभिषेक कपूर को लगता है कि फिल्म सेंसर बोर्ड को फिल्मों की एक निश्चित रेटिंग प्रणाली बनानी चाहिए ताकि साधारण व्यावसायिक फिल्मों और वयस्क सामग्री वाली फिल्मों की सीमा तय की जा सकें।

    वर्तमान में सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) वयस्क फिल्मों और हल्के विषय वस्तुओं वाली फिल्मों को एक ही प्रमाणपत्र 'ए प्रमाणपत्र' देता है।

    अभिषेक कहते हैं कि हमें फिल्मों के लिए एक रेटिंग प्रणाली बनानी चहिए, जिससे फिल्मों की श्रेणी तय की जा सके। कई लोग इस बात पर सहमत हैं और इस पर चर्चा कर रहे हैं क्योंकि इस तरह तो सेंसर बोर्ड हमारी फिल्मों को नुकसान ही पहुंचा रहा है।

    Abhishek Kapoor

    अभिषेक 'रॉक ऑन' और 'काई पो छे' जैसी फिल्में बना चुके हैं। उन्होंने कहा, "अभी 'ए सर्टिफिकेट' वाली फिल्में टीवी पर नहीं दिखाई जा सकतीं, क्योंकि यदि इसकी अनुमति दी गई तो घटिया विषय वस्तु वाली अश्लील फिल्में भी टीवी पर दिखाई जाने लगेंगी। सेंसर बोर्ड दोनों तरह की फिल्मों को ए श्रेणी में ही रखता है।"

    कुणाल कहते हैं कि भविष्य में यदि वह कोई वयस्क फिल्म बनाना चाहें तो वह सेंसर बोर्ड के झमेले में नहीं पड़ना चाहते। इसके लिए बोर्ड को रेटिंग प्रणाली तय करनी चाहिए।

    उन्होंने राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म 'द डर्टी पिक्च र' का उदाहरण देते हुए कहा कि 'ए सर्टिफिकेट' के कारण फिल्म की कितनी आलोचनाएं की गईं लेकिन आखिरकार यह सिर्फ एक व्यावसायिक फिल्म नहीं थी। यह एक कला फिल्म थी।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

    English summary
    Censor damaging us, get rating system said Director Abhishek Kapoor.
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